पाकिस्तानी हमले में झुंझुनूं के जवान सुरेंद्र कुमार शहीद:उधमपुर में एयर स्ट्राइक में शहादत; एक महीने पहले किया था नए मकान का गृह-प्रवेश
पाकिस्तानी हमले में झुंझुनूं के जवान सुरेंद्र कुमार शहीद:उधमपुर में एयर स्ट्राइक में शहादत; एक महीने पहले किया था नए मकान का गृह-प्रवेश

मंडावा : झुंझुनूं जिले के मंडावा इलाके के मेहरादासी गांव के रहने वाले जवान सुरेन्द्र कुमार मोगा जम्मू-कश्मीर के उधमपुर सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से की गई एयर स्ट्राइक में शहीद हो गए। जवान की पोस्टिंग उधमपुर में थी, जो जम्मू से लगभग 65 किलोमीटर दूर स्थित है।
सुरेन्द्र कुमार की शहादत की सूचना शनिवार सुबह करीब 10 बजे सेना मुख्यालय से उनके जीजा, बाजिसर निवासी जयप्रकाश को फोन पर दी गई। यह दुखद सूचना उधमपुर मुख्यालय से आई थी। शहीद के पार्थिव शरीर के गांव पहुंचने की तिथि और समय के बारे में अभी जानकारी नहीं दी गई है।
जिला कलेक्टर राम अवतार मीणा ने बताया- मंडाला तहसील के मेहरादासी गांव के सुरेंद्र कुमार 39 विंग उधमपुर में मेडिकल असिस्टेंट सार्जन थे। उनके शहीद होने की सूचना मिली है।
चाचा बोले- सेना की तैयारी कर रहे युवाओं को प्रेरित करता था
सुरेंद्र कुमार की शहादत की सूचना पाने के बाद मंडावा इलाके के मेहरादासी गांव निवासी उनके चाचा सुभाष मोगा ने कहा – सुरेंद्र मिलनसार था, देशभक्त था। युवाओं को फौज की तैयारी के टिप्स देता था। देशे के लिए हमेशा तैयार रहने की बात कहता था। प्रेरणा देता था कि देश के लिए जीन-मरने के लिए तैयार रहें। गांव आता तो सेना में जाने की तैयारी कर रहे युवाओं को ट्रेनिंग देता था। कहता था देश के लिए हमेशा तत्पर रहो।
सुरेन्द्र कुमार की शहादत से गांव में शोक है। गांव के लोगों ने शहादत को सलाम किया है। जानकारी के अनुसार शुक्रवार रात पाकिस्तानी हमले में सुरेंद्र वीरगति को प्राप्त हुए।

पूर्व सैनिक बोले- शहादत पर गर्व, हम भी लड़ने को तैयार
मेहरादासी गांव निवासी पूर्व सैनिक प्रेम कुमार पूनिया ने कहा- सुरेंद्र वायु सेना के मेडिकल कोर में था। वह मिलनसार और हिम्मतवान था। गांव में सबसे मिलता था। उसकी सर्विस 14 साल की हो गई थी। गर्व है कि हमारे गांव का जवान देश की रक्षा में शहीद हुआ।
गांव के युवाओं में सेना में जाने का क्रेज है। यहां बड़ी संख्या में युवा सुबह जल्दी उठकर दौड़ लगाते हैं। एक्सरसाइज करते हैं। देश की सेवा के लिए तत्पर रहते हैं। हम मुश्किल हालात में किसी भी देश से दबने वाले नहीं हैं। सरकार अगर हम पूर्व सैनिकों को आदेश दे तो हम भी लड़ने के लिए तैयार हैं।
गांव के युवक मनु पूनिया ने कहा- सुरेंद्र की शहादत का समाचार दुखद है, लेकिन हमें उनके बलिदान पर गर्व है। वे जब भी गांव आते थे तो सेना की तैयारी कर रहे युवकों को गाइड करते थे। बताते थे किया क्या करना है और क्या नहीं। एक महीने पहले वे छुट्टी पर आए थे। उनके नए मकान का गृह प्रदेश कार्यक्रम था। इसी दौरान मैं उनसे एक मंदिर में मिला था। उन्होंने बताया था कि उधमपुर में पोस्टिंग है।

परिवार में पत्नी और दो मासूम बच्चे
सुरेन्द्र कुमार अपने पीछे पत्नी और दो छोटे बच्चों को छोड़ गए। उनका परिवार उनके साथ ही रहता था। उनका एक बेटा 5 साल का और बेटी 8 साल की है। अभी तक सुरेंद्र की मां को जानकारी नहीं दी गई है।
सुरेन्द्र कुमार का जन्म 8 सितंबर 1990 को हुआ था। वे करीब 14 साल पहले भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। उनके पिता शिशुपाल सिंह सीआरपीएफ से सेवानिवृत्त थे, उनका निधन हो चुका है।
हाल ही में परिवार को साथ लेकर लौटे थे ड्यूटी पर
सुरेन्द्र कुमार 15 अप्रैल को ही अपने परिवार को साथ लेकर ड्यूटी पर वापस गए थे। गांव में उन्होंने नया मकान बनवाया था, जिसका गृह प्रवेश हाल ही में हुआ था। वे 29 मार्च को गांव आए थे और 15 अप्रैल को वापस ड्यूटी पर लौट गए थे। शहीद सुरेन्द्र सिंह अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे। उनकी शहादत से पूरे गांव में गम का माहौल है और हर कोई इस वीर सपूत को नम आंखों से श्रद्धांजलि दे रहा है।
जिला कलेक्टर रामवतार मीणा ने शहीद सुरेंद्र कुमार के शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की। उन्होंने शहीद के बलिदान पर गहरा दुख व्यक्त किया है और परिवार को इस कठिन समय में ढांढ़स बंधाया।

पुराने पंचायत भवन के पास होगा अंतिम संस्कार
कलेक्टर मीणा ने परिजनों से बातचीत कर उनको हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। मुलाकात के दौरान शहीद सुरेंद्र कुमार के अंतिम संस्कार के स्थान को लेकर चर्चा हुई। परिजनों और स्थानीय लोगों की सहमति से पुराने पंचायत भवन के पास जमीन पर अंतिम संस्कार किया जाएगा, उसके के लिए वहां अंतिम रूप दिया गया।

रास्तों की सफाई के निर्देश
कलेक्टर मीणा ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को अंतिम संस्कार स्थल पर सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने विशेष रूप से अंतिम संस्कार स्थल के पास से गुजर रहे बिजली के तारों को तत्काल शिफ्ट करने का आदेश दिया, ताकि किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो। इसके अतिरिक्त उन्होंने अंतिम संस्कार स्थल तक जाने वाले रास्तों की सफाई और व्यवस्था को दुरुस्त करने के भी निर्देश दिए।

परिजनों से बातचीत के दौरान कलेक्टर मीणा ने बताया कि शहीद सुरेंद्र कुमार की पार्थिव देह कल तक उनके पैतृक गांव पहुंचने की संभावना है।
कलेक्टर ने संबंधित विभागों को सभी आवश्यक इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं, ताकि शहीद के अंतिम दर्शन और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न हो सके। उन्होंने कहा कि प्रशासन शहीद के परिवार के साथ हर कदम पर खड़ा है और उनकी हर संभव मदद की जाएगी।
झुंझुनूं का बेटा जम्मू-कश्मीर के मोगा में शहीद
दरअसल झुंझुनूं के एयरफोर्स के जवान पाकिस्तान की एयर स्ट्राइक में शहीद हो गए। जम्मू-कश्मीर के मोगा (उधमपुर) में शुक्रवार रात को हुए अटैक में उनकी शहादत हुई। जवान सुरेंद्र कुमार मेहरादासी (मंडावा) के रहने वाले थे।
परिवार के अनुसार, वे 14 साल से एयरफोर्स की मेडिकल विंग में थे। पार्थिव देह को गांव कब लाया जाएगा, इसको लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। वीरांगना सीमा को जब पति सुरेंद्र कुमार की शहादत की सूचना मिली तो उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें नवलगढ़ (झुंझुनूं) हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।