[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

झुंझुनूं में नवगठित पंचायत को यथावत रखने की मांग:चिड़ासन के ग्रामीणों का कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन, परिसीमन में बदलाव के प्रस्ताव पर विरोध


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
झुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

झुंझुनूं में नवगठित पंचायत को यथावत रखने की मांग:चिड़ासन के ग्रामीणों का कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन, परिसीमन में बदलाव के प्रस्ताव पर विरोध

झुंझुनूं में नवगठित पंचायत को यथावत रखने की मांग:चिड़ासन के ग्रामीणों का कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन, परिसीमन में बदलाव के प्रस्ताव पर विरोध

झुंझुनूं : झुंझुनूं जिले की पंचायत समिति चिड़ावा के तहत आने वाली नवगठित ग्राम पंचायत चिड़ासन को यथावत बनाए रखने की मांग की जा रही है। इसी को लेकर शुक्रवार को चिड़ासन गांव के लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रदर्शन किया। गांव के सुमेर सिंह के नेतृत्व में लोगों ने हाल ही में प्रस्तावित परिसीमन के तहत चिड़ासन को पुनः किसी अन्य ग्राम पंचायत में शामिल करने की प्रक्रिया को तत्काल रोकने का आग्रह किया।

चिड़ासन गांव के सैकड़ों महिला, पुरुष और बुजुर्ग सुमेर सिंह के नेतृत्व में हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर झुंझुनूं कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने जमकर नारेबाजी कर प्रशासन का ध्यान अपनी मांगों की ओर आकर्षित किया। ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने चिड़ासन को स्वतंत्र ग्राम पंचायत बनाए रखने की पुरजोर वकालत की।

ग्रामीणों का विरोध इसलिए…

  • स्वतंत्र पंचायत बनने की थी उम्मीद-ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया- पूर्व में चिड़ासन को चनाना ग्राम पंचायत से अलग कर एक स्वतंत्र ग्राम पंचायत के रूप में प्रस्तावित किया गया था। इसका विधिवत प्रकाशन भी हुआ था। इस निर्णय से गांव के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई थी, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि अब वे सीधे तौर पर अपने क्षेत्र के विकास में भागीदार बन सकेंगे और उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा।
  • परिसीमन में बदलाव किया गया- हाल ही में पंचायतों के परिसीमन में चिड़ासन को फिर से किसी अन्य ग्राम पंचायत में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हुई। ग्रामीणों ने कहा कि यह फैसला चिड़ासन की जनसंख्या, भौगोलिक क्षेत्र और प्रशासनिक आवश्यकताओं को पूरी तरह से अनदेखा करता है। चिड़ासन एक स्वतंत्र ग्राम पंचायत के रूप में सभी आवश्यक मानदंडों को पूरा करता है। इसका पुनः विलय गांव के विकास को बाधित करने के साथ-साथ ग्रामीणों की भावनाओं का भी अपमान है।
  • विकास कार्यों पर चिंता व्यक्त- प्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा- यदि चिड़ासन को स्वतंत्र ग्राम पंचायत का दर्जा नहीं दिया गया, तो गांव के विकास कार्य बुरी तरह प्रभावित होंगे। गांव में पहले से ही शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं की स्थिति संतोषजनक नहीं है। ऐसे में, यदि गांव को किसी बड़ी पंचायत में शामिल कर दिया जाता है तो विकास कार्यों में और भी उपेक्षा होने की आशंका बढ़ जाएगी।
  • कलेक्टर से न्याय की गुहार, मांगें नहीं मानी तो आंदोलन- सुमेर सिंह ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को अनसुना किया गया तो ग्रामीण आंदोलन को और तेज करने के लिए बाध्य होंगे। यह केवल चिड़ासन गांव के वर्तमान निवासियों का ही नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य का भी सवाल है।

Related Articles