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‌इंडियन आर्मी की शान बनी लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी


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‌इंडियन आर्मी की शान बनी लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी

‌इंडियन आर्मी की शान बनी लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद अली पठान

चूरू : इंडियन आर्मी की शान बनी ‌ लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी गुजरात की रहने वाली हैं।‌ और मैकेनाइज्ड इन्फैक्ट्री के मेजर ताजुद्दीन कुरैशी की पत्नी है। सोफिया कुरैशी का परिवार सेना से जुड़ा हुआ है ।उनके दादा भी सेना में थे। आपकी शिक्षा बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएट हैं। सेना में करियर 1999 में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत भारतीय सेना में शामिल हुईं। और वर्तमान में सिग्नल कोर में अधिकारी हैं।आपकी प्रमुख उपलब्धियांः आपने ने ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ नामक अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारत का नेतृत्व किया है। व ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने के लिए भी चर्चा में आईं।भारतीय सेना की एक प्रतिष्ठित अधिकारी हैं, जिन्होंने 2016 में इतिहास रचते हुए ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ नामक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना के दल का नेतृत्व किया। यह अभ्यास भारत द्वारा आयोजित सबसे बड़ा विदेशी सैन्य अभ्यास था, जिसमें 18 देशों ने भाग लिया, और सोफिया कुरैशी इस अभ्यास में दल का नेतृत्व करने वाली एकमात्र महिला अधिकारी थीं। लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी वर्तमान में भारतीय सेना में सक्रिय सेवा में हैं और हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। 7 मई 2025 को, उन्होंने भारतीय वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ मिलकर इस सैन्य अभियान पर मीडिया को जानकारी दी। यह प्रेस ब्रीफिंग भारत की सैन्य कार्रवाई के बारे में वैश्विक समुदाय को सूचित करने के लिए आयोजित की गई थी । सोफिया कुरैशी की यह भूमिका भारतीय सेना में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और नेतृत्व क्षमता का प्रतीक है। उनकी यह नियुक्ति न केवल उनके व्यक्तिगत कैरियर की उपलब्धि है, बल्कि यह भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका के विस्तार का भी संकेत देती है और यह देश कि एकता और अखंडता का सीधा संदेश कि देश एकजुट है। इंडियन आर्मी के एक ट्रेनिंग प्रोग्राम में 40 सदस्यों की टुकड़ी का नेतृत्व करके इस पहली महिला अधिकारी ने यह साबित कर दिया कि एक औरत अपने दम पर हर मुकाम हासिल कर सकती है नारी शक्ति का परचम हर क्षेत्र में लहरा रहा है। दुनिया में अक्सर हर क्षेत्र में समानता के अधिकार का मुद्दा उठाया जाता है लेकिन महज किसी मुद्दे का झंडा उठा लेने से कुछ नहीं होता इसके लिए जरूरत है बेजोड़ जज्बे की ऐसे ही जज्बे की मिसाल है भारतीय सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेट करनल सोफिया कुरैशी।

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