कमालसर की बेटी ने यूपीएससी में हासिल की 433वीं रैंक:दूसरे प्रयास में मिली सफलता; बोलीं- बिना कोचिंग के पाया मुकाम
कमालसर की बेटी ने यूपीएससी में हासिल की 433वीं रैंक:दूसरे प्रयास में मिली सफलता; बोलीं- बिना कोचिंग के पाया मुकाम

झुंझुनूं : राजस्थान के झुंझुनूं जिले के छोटे से गांव कमालसर की ज्योति कुमावत ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में 433वीं रैंक हासिल की है। यह सफलता उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में हासिल की है। ज्योति की सफलता की खास बात यह है कि उन्होंने अधिकांश तैयारी घर से ही ऑनलाइन माध्यम से की। बोली- आत्मविश्वास, मेहनत और लगन से यह मुकाम हासिल किया।
ज्योति के पिता रामकरण कुमावत झुंझुनूं के परमवीर पीरू सिंह स्कूल में वरिष्ठ अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं, जबकि उनकी माता गृहिणी हैं। ज्योति ने 2018 में बीएससी (B.Sc.) की पढ़ाई पूरी की और इसके बाद 2020 में राजनीति विज्ञान (MA Political Science) में स्नातकोत्तर किया।
पढ़ाई के साथ ही उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी थी। शुरुआत में दो साल दिल्ली में रहकर तैयारी की, लेकिन इसके बाद वह वापस घर आ गईं और घर से ही रोजाना आठ घंटे की पढ़ाई कर अपनी रणनीति पर काम करती रहीं।
ज्योति बताती हैं कि उन्होंने दिल्ली में रहकर कॉन्सेप्ट क्लियर किए। फिर घर लौटकर सेल्फ स्टडी व ऑनलाइन संसाधनों की मदद से तैयारी जारी रखी। उन्होंने किसी बड़े कोचिंग संस्थान की मदद नहीं ली, बल्कि सीमित संसाधनों के बावजूद मेहनत से सफलता हासिल की।
ज्योति कहती हैं कि इस उपलब्धि के पीछे उनके माता-पिता का योगदान सबसे बड़ा है। उन्होंने हर परिस्थिति में उसे समर्थन और प्रोत्साहन दिया। ज्योति का यह भी कहना है कि आत्म-विश्वास और निरंतरता ही इस परीक्षा में सफलता की कुंजी है।
पिता रामकरण कुमावत गर्व से कहते हैं कि बेटी की इस कामयाबी ने परिवार का ही नहीं, पूरे गांव और जिले का मान बढ़ाया है। उन्होंने यह भी बताया कि ज्योति ने किसी नियमित कोचिंग क्लास की बजाय, केवल दो साल दिल्ली में रहकर शुरुआती मार्गदर्शन लिया, उसके बाद बाकी पूरी तैयारी खुद से घर पर रह कर की।