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खालसा पंथ की स्थापना का पर्व बैसाखी:खेतड़ीनगर के गुरुद्वारे में शब्द कीर्तन और लंगर का आयोजन


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खालसा पंथ की स्थापना का पर्व बैसाखी:खेतड़ीनगर के गुरुद्वारे में शब्द कीर्तन और लंगर का आयोजन

खालसा पंथ की स्थापना का पर्व बैसाखी:खेतड़ीनगर के गुरुद्वारे में शब्द कीर्तन और लंगर का आयोजन

खेतड़ीनगर : खेतड़ीनगर के केसीसी टाउनशीप स्थित गुरुद्वारे में रविवार को बैसाखी पर्व का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में केसीसी के कार्यपालक निदेशक जीडी गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। डॉ गोपाल राठी और सवाई सिंह सिराधना विशिष्ट मेहमान थे। मुख्य अतिथि जीडी गुप्ता ने बताया कि बैसाखी के दिन ही सिख समुदाय के दसवें गुरु गोविंद सिंह ने सन् 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी। उन्होंने अलग-अलग जातियों से चुने गए पंच प्यारों को अमृत पान करवाया। इस तरह गुरु गोविंद सिंह ने समाज में फैली ऊंच-नीच की भावना को समाप्त कर एकता का संदेश दिया।

मलकित सिंह ने कहा कि इस दिन को साजना दिवस के रूप में हर साल मनाया जाता है। गुरु गोविंद सिंह ने सिखों को एक विशिष्ट पहचान दी। वे ऐसे आदर्श लोगों का निर्माण करना चाहते थे जो भक्ति और शक्ति से परिपूर्ण हों। कार्यक्रम में प्रितम सिंह के सानिध्य में मनजीत सिंह सहित नारनोल के कीर्तन जत्थे ने शब्द कीर्तन किया। गुरुद्वारे के मुख्य ग्रंथी मलकित सिंह ने गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ किया। दोपहर में लंगर का आयोजन हुआ। इस अवसर पर डॉ संजय सैनी, एके बेहरा, दीपक, महेंद्र, रमेश मेहता, रीटा मेहता, नरेंद्र सिंह, मलकीत सिंह, जगसीर सिंह समेत कई श्रद्धालुओं ने गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेका और लंगर का प्रसाद ग्रहण किया।

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