कुलपती का नाम कुलगुरू रख कर सरकार ने किया भारतीय संस्कृति का सम्मान : सहारण
कुलपती का नाम कुलगुरू रख कर सरकार ने किया भारतीय संस्कृति का सम्मान : सहारण

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद अली पठान
चूरू : राजस्थान विधानसभा में चूरू विधायक हरलाल सहारण ने राजस्थान के विश्वविघालयों की विधियां विधेयक 2025 पर बोलते हुऐ सरकार द्वारा कुलपती का नाम कुलगुरू करने पर प्रदेश सरकार एवम मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का अभिन्नदन किया। विधानसभा में बोलते हुऐ विधायक हरलाल सहारण ने सर्वप्रथम नो महिने बाद अंतरिक्ष से लोटी भारतीय मुल की अंतरिक्ष यात्री सुनिता विलियम को शुभकामना देते हुऐ कहा कि भारतीय संस्कृति में नारी का सम्मान किया जाता है। आज कल्पना चावला, लता मंगेशकर आशा भोसले, मेरीकॉम जैसी नारी शक्तियों ने भारतीय महिलाओं का मस्तक गर्व से उंचा किया है। उन्होने कहा कि उन्हे यह जानकर अत्यधिक प्रश्नन्ता हुई है कि सरकार ने सभी विश्व विद्यालयों के कुलपती का नाम बदलकर कुलगुरू रखने का निर्णय किया है जो कि सराहनीय कदम है। उन्होने कहा कि देश में प्राचीनकाल से गुरू शिष्य परम्परा चली आ रही है जिसमें गुरू का अत्यधिक महत्व रहा है। हमारे यहां गुरू गोविन्द दोनो खड़े काके लागू पाय बलीहारी गुरू आपने गुरू आपने गोविन्द दियो बताय परम्परा का निर्वहन करते हुऐ गुरू को इश्वर से भी बड़ा माना गया है। उन्होने कहा प्राचीन काल में भारतीय विधार्थी ना केवल शिक्षा ग्रहण करते थे। बल्कि उनका जीवन और उनकी शिक्षा समाज राष्ट्र व मानव कल्याण के लिए हुआ करती थी। उन्होने भारत को प्राचीन काल से ही शिक्षा का प्रमुख केन्द्र बताते हुऐ कहा कि यहां नालन्दा विश्वविघालय जैसी संस्थाओं में विश्व भर के विधार्थी अध्ययन के लिए आते थे। उन्होने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्ववाली केन्द्र सरकार के द्वारा लागू की गई नई शिक्षा निति का समर्थन करते हुऐ कहा कि इससे विधार्थियों को शिक्षा के साथ साथ तकनिकी व व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिलेगा जो उनके सर्वागिण विकास के लिए उपयोगी साबित होगा। उन्होने कुछ लोगो द्वारा नई शिक्षा निति को लेकर फैलाई जा रही भ्रांतियों के लिए उनकी निंदा की। उन्होने कुलगुरू शब्द को इस भूमिका की गरिमा को बढ़ाने वाला बताते हुऐ कहा कि इससे शिक्षा केन्द्रो की गरिमा बढेगी। उन्होने कहा कि राजस्थान में कुल 92 विश्वविधालय है जिसमें 24 राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित 44 निजि, 07 विश्वविधालय संस्थाऐं शामिल है। परन्तु दुर्भाग्य से इनका उदेश्य अब तक मात्र डिग्रीया देना ही रहा है। कॉलेज से निकलने वाले अधिकतर विधार्थी प्रेक्टिकल अनुभव नही होने से नौकरी नही प्राप्त कर सकते थे। परन्तु अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विधार्थियों में स्किल डवलपमेंट करके उनपर विशेष ध्यान दिया जा रहा है जिससे यह विधार्थी ना केवल रोजगार प्राप्त कर रहे है बल्कि रोजगार देने वाले भी बन रहे हैं। उन्होने विपक्ष पर भ्रांति फैलाने का आरोप लगाते हुऐ कहा कि विपक्षी विधायक कह रहे है कि नाम बदलने से क्या होता है उन्हे यह जानकारी होनी चाहिए कि यह केवल नाम बदलना नही है बल्कि हमारी शिक्षा प्रणाली को नैतिक संस्कारो से पुनः जोड़ने का प्रयास किया है ।