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नीमकाथाना में पीने के पानी का संकट:विधायक ने सदन में उठाया मुद्दा, बोले-जिला तो हटा दिया लेकिन जनता को पानी तो पिलाओ


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नीमकाथाना में पीने के पानी का संकट:विधायक ने सदन में उठाया मुद्दा, बोले-जिला तो हटा दिया लेकिन जनता को पानी तो पिलाओ

नीमकाथाना में पीने के पानी का संकट:विधायक ने सदन में उठाया मुद्दा, बोले-जिला तो हटा दिया लेकिन जनता को पानी तो पिलाओ

नीमकाथाना : नीमकाथाना विधानसभा क्षेत्र में पीने के पानी की गंभीर समस्या को लेकर विधायक सुरेश मोदी ने विधानसभा में मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि क्षेत्र डार्क जोन घोषित है। यहां 1000-1200 फीट की गहराई से पानी मिलता है। कई बोर सूखे पड़े हैं। जहां पानी मिलता है, वहां मात्रा कम और फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा है।

जल जीवन मिशन से लोगों को उम्मीद थी, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ। एक भी पंचायत में काम पूरा नहीं हुआ है। पाइप लाइन बिछाने के लिए सड़कें खोदी गईं। लेकिन उन्हें दोबारा ठीक नहीं किया गया। कहीं पाइप डाले गए हैं, कहीं टंकी बनी है, कहीं बोर हुआ है। सूखे बोर की जगह नए बोर नहीं लगाए गए।

महिलाओं को दूर-दूर से सिर पर पानी लाना पड़ता है। विधायक ने क्षेत्र में 10 सोलर ट्यूब वेल की मांग की है। कुंभाराम लिफ्ट परियोजना के दूसरे चरण में नीमकाथाना सहित 6 विधानसभा क्षेत्रों को पानी मिलना था। RD103 से सीकर और झुंझुनू के 18 कस्बों और 1161 गांवों को पानी देने की 7,582 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत हुई। लेकिन काम शुरू नहीं हुआ है।

विधायक ने कहा कि बजट में इस समस्या का जिक्र न होना जिला हटाने के बाद दूसरा झटका है। उन्होंने चिंता जताई कि राजस्थान का पानी दूसरे राज्य न ले जाएं। उन्होंने मांग की कि योजना का काम युद्ध स्तर पर शुरू किया जाए, ताकि लोगों को फ्लोराइड युक्त पानी से मुक्ति मिल सके।

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