विधायक विश्वराज बोले-नाथद्वारा में मीट-शराब की बिक्री पर लगे रोक:उदयपुर पूर्व राजपरिवार विवाद पर कहा- प्रशासन की ढील की वजह से सब कुछ गलत हुआ
विधायक विश्वराज बोले-नाथद्वारा में मीट-शराब की बिक्री पर लगे रोक:उदयपुर पूर्व राजपरिवार विवाद पर कहा- प्रशासन की ढील की वजह से सब कुछ गलत हुआ

नाथद्वारा : बीजेपी विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ ने श्रीनाथजी की नगरी नाथद्वारा में मीट और मांस की दुकानों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने मेवाड़ के पूर्व राज परिवार में हुए विवाद के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। आगे पढ़िए विश्वराज सिंह मेवाड़ की खास बातचीत…
सवाल – आप नाथद्वारा में नॉनवेज और शराब की बिक्री क्यों बंद करवाना चाहते हैं। इसकी वजह क्या है?
जवाब – भारत में औरंगजेब जब सभी मंदिरों को तोड़ रहा था। तब महाराजा राज सिंह जी ने 350 साल पहले नाथद्वारा में श्रीनाथजी की मूर्ति की स्थापना की थी। तब से आज दिन तक नाथद्वारा की पहचान श्रीनाथजी की वजह से ही है। यही पहचान भविष्य में भी बनी रहनी चाहिए। मुझे लगता है पहचान से ही भावना पैदा होती है। अगर पहचान बदल दी जाएगी। भावनाएं भी बदल दी जाएगी।
इसीलिए मैं चाहता हूं कि नाथद्वारा की सीमा में मांस और शराब की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगना चाहिए। कुछ साल पहले म्युनिसिपैलिटी के स्तर पर इस तरह का प्रस्ताव भी आया था। तब यह संभव नहीं हो पाया। इसलिए मैं राजस्थान सरकार से यह मांग करता हूं कि श्रीनाथजी की नगरी नाथद्वारा में मांस और शराब की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाए। ताकि आम जनता की जन भावनाएं आहत ना हो पाए।

सवाल – विधायक का चुनाव जीते आपको एक साल से ज्यादा का वक्त बीत गया है। अब तक जनता से किए कौन-कौन से वादे पूरे कर चुके हैं?
जवाब – मैंने विधानसभा चुनाव के वक्त जनता से कोई वादा नहीं किया था। आमतौर पर प्रत्याशी जनता से चुनावी वादे करते हैं। लेकिन उस वक्त भी मैंने जनता से उनके सभी काम पूरा करने की कोशिश करने की बात कही थी। इसके आधार पर मैं जनता के काम करने की कोशिशें में जुटा हुआ हूं। हालांकि मैंने पिछले 1 साल में जो कामकाज किए हैं। उनका रिपोर्ट कार्ड भी बना रखा है। जो जनता के समक्ष रख चुका हूं। आपको भी उसकी पूरी जानकारी दे दूंगा।
इसके साथ ही ‘सेतु’ ऐप जिसे अब राजस्थान सरकार पूरे प्रदेश में लागू करने जा रही है। उस मॉडल को मैंने सबसे पहले नाथद्वारा विधानसभा में लागू किया था। इसके माध्यम से छोटे हॉस्पिटल से बड़े अस्पताल में शिफ्ट होते वक्त डॉक्युमेंटेशन के वक्त मरीज और उनके परिजनों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। इसके साथ ही मैंने ऑनलाइन जनसुनवाई भी शुरू की थी। इसके माध्यम से मैं आम जनता की समस्याओं का अध्ययन कर उनके समाधान की जानकारी उन्हें देता था। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत भी नाथद्वारा विधानसभा से की गई थी। इसे अब राजस्थान सरकार भी पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी कर रही है।
सवाल – राजस्थान में आप एकमात्र ऐसे विधायक हैं, जिनकी पत्नी उसी क्षेत्र से सांसद है। ऐसे में क्या आपके काम काफी आसानी से हो जाते है। क्या आपकी पत्नी का सांसद होना आपके लिए और आपके विधानसभा क्षेत्र के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है?
जवाब – राजस्थान में विधायक कोष भी क्षेत्र के विकास के लिए काफी होता है। मेरे विधानसभा क्षेत्र में डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) फंड भी विकास की राह को आसान बनाती है। वैसे सांसद कोष भी है, लेकिन सांसद कोष सिर्फ मेरी विधानसभा ही नहीं बल्कि, संसदीय क्षेत्र की सभी विधानसभाओं के लिए है। उनका सांसद होना प्रोफेशनली मेरे लिए ज्यादा फायदेमंद नहीं है। हालांकि मुझे उनसे अपॉइंटमेंट लेने के लिए परेशान नहीं होना पड़ता है। मेरी उनसे आसानी से मुलाकात हो जाती है।

सवाल – पूर्व मेवाड़ राजघराने में पिछले दिनों हुई पारिवारिक रस्म को लेकर काफी विवाद हुआ था। क्या अब सब कुछ खत्म हो गया है। अब मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार में सबकुछ ठीक है?
जवाब – प्रशासन की ढील की वजह से उस वक्त सब कुछ गलत हुआ था। सिर्फ दर्शन को लेकर इतना विवाद नहीं होना चाहिए था। रही बात विवाद खत्म होने की तो यह पारिवारिक लिटिगेशन है। जो फिलहाल जारी है। यह पूरा मामला काफी कॉम्प्लिकेटेड हो गया है। इसमें भी प्रशासन की ढील और लापरवाही है। वरना ऐसा होना संभव नहीं था। जब उदयपुर में यह विवाद हो रहा था। मैंने और मेरे परिवार वालों ने तब भी कानून को हाथ में नहीं लिया था। जबकि उस वक्त वहां माहौल काफी गर्मा गया था। बावजूद इसके मेरे समर्थक और परिजनों ने शांतिपूर्वक तरीके से पूरी प्रक्रिया को बिना कानून तोड़े अंजाम दिया।
सवाल – राजसमंद से इस बार सरकार में किसी भी विधायक को मंत्री पद की जिम्मेदारी नहीं दी गई है। क्या हम आपको मंत्रिमंडल फेरबदल के बाद मंत्री के तौर पर देखेंगे?
जवाब – मैं पहली बार चुनाव लड़ा हूं, मेरी कोशिश है बतौर विधायक में क्षेत्र में जितना ज्यादा काम कर सकता हूं, उतना काम कर जनता की समस्याओं का समाधान कर सकूं। मैं आगे क्या बनूंगा या नहीं बनूंगा, यह तो सिर्फ भगवान के हाथ में है। मेरे हाथ में तो सिर्फ काम करना है। देखते है आगे क्या होता है।

सवाल – राजसमंद में अवैध माइनिंग को लेकर आम जनता काफी परेशान है। इस समस्या का समाधान कब तक होगा?
जवाब – राजसमंद में सिर्फ अवैध माइनिंग ही नहीं हो रही है। बल्कि, अवैध बजरी खनन और पर्यावरण के खिलाफ काम किया जा रहा है। इसकी शिकायत मैं पहले भी आला अधिकारियों तक पहुंच चुका हूं। यह सभी गैरकानूनी काम है। जिन्हें जल्द से जल्द रोका जाना चाहिए।
सवाल – राजस्थान विधानसभा में पक्ष और विपक्ष के बीच विवाद काफी बढ़ गया था। इस विवाद के लिए कौन जिम्मेदार था?
जवाब – हमारे देश में संस्कृति और सभ्यता का केंद्र राजस्थान है। उस राजस्थान की विधानसभा में अगर इस तरह की घटना होती है, तो यह हम सबके लिए बहुत शर्मनाक है। सदन में बोलने का एक तरीका और व्यवहार होना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हुआ जो हम सब के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।