दरगाह में मंदिर के दावे पर कोर्ट में सुनवाई आज:दरगाह कमेटी देगी अपना जवाब, कोर्ट के बाहर पुलिस तैनात
दरगाह में मंदिर के दावे पर कोर्ट में सुनवाई आज:दरगाह कमेटी देगी अपना जवाब, कोर्ट के बाहर पुलिस तैनात

अजमेर : अजमेर दरगाह के नीचे गर्भ गृह में शिव मंदिर के दावे को लेकर आज सुनवाई होगी। पिछली सुनवाई (24 जनवरी) में दरगाह कमेटी ने कोर्ट से कुछ समय मांगा था। जिसके बाद 1 मार्च तक का समय दिया गया था। सिविल कोर्ट के मुख्य दरवाजे पर पुलिस तैनात की गई है। याचिकाकर्ता हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता आज अजमेर नहीं आएंगे। उनके वकील अजमेर पहुंच चुके हैं।
बता दें कि हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दरगाह में मंदिर के दावे को लेकर याचिका लगाई थी। इसके बाद दरगाह कमेटी ने इस याचिका को खारिज करने की मांग करते हुए कोर्ट में एप्लिकेशन लगाई थी।
याचिका में दरगाह कमेटी ने कहा था- ‘वादी की ओर से लगाई गई याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। ‘ इस पर कोर्ट ने विष्णु गुप्ता से जवाब मांगा था। उन्होंने जवाब पेश किया। जिसके बाद दरगाह कमेटी ने समय मांगा। इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 1 मार्च की तारीख दी थी।

विष्णु गुप्ता बोले- उम्मीद आज सर्वे का आदेश होगा
विष्णु गुप्ता ने वीडियो के जरिए अपना एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा- आज कोर्ट में सुनवाई होनी है। उम्मीद है कि दरगाह कमेटी की दायर याचिका खारिज होगी और सर्वे का आदेश होगा।
हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता के दावे के तीन आधार…
- दरवाजों की बनावट और नक्काशी : दरगाह में मौजूद बुलंद दरवाजे की बनावट हिंदू मंदिरों के दरवाजे की तरह है। नक्काशी को देखकर भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां पहले हिंदू मंदिर रहा होगा।
- ऊपरी स्ट्रक्चर : दरगाह के ऊपरी स्ट्रक्चर देखेंगे तो यहां भी हिंदू मंदिरों के अवशेष जैसी चीजें दिखती हैं। गुंबदों को देखकर आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसी हिंदू मंदिर को तोड़कर यहां दरगाह का निर्माण करवाया गया है।
- पानी और झरने : जहां-जहां शिव मंदिर है, वहां पानी और झरने जरूर होते हैं। यहां (अजमेर दरगाह) भी ऐसा ही है।
संस्कृत किताब का अनुवाद पेश करने का दावा
विष्णु गुप्ता ने दावा किया कि मेरे पास 1250 ईस्वी की लिखी किताब पृथ्वीराज विजय है। यह पूरी किताब संस्कृत में लिखी हुई है। इस किताब को भी हिंदी ट्रांसलेशन के साथ कोर्ट में पेश करेंगे। इसमें भी अजमेर की हिस्ट्री लिखी हुई है।
गुप्ता ने कहा- वर्शिप एक्ट पूजा अधिनियम कानून है। सुप्रीम कोर्ट में इस विषय पर वकील वरुण कुमार सेना ने बहस की है। वह कोर्ट में सबूत और दलीलें पेश करेंगे। पूजा अधिनियम कानून मस्जिद, मंदिर, गिरजाघर और गुरुद्वारे पर लगता है। अजमेर दरगाह वर्शिप एक्ट के दायरे में नहीं आती। यह धार्मिक स्थल है। इन्हें कानून की नजर में ऑथराइज्ड धार्मिक स्थल कहा जाता है। गुप्ता को एसपी वंदिता राणा के निर्देश पर सुरक्षा मुहैया करवाई गई।
कौन है विष्णु गप्ता?
हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने सिविल कोर्ट में अजमेर दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करते हुए याचिका लगाई थी। इसे 27 नवंबर 2024 को इस याचिका को सिविल कोर्ट ने स्वीकार कर ली थी।
मामले में अजमेर सिविल कोर्ट ने अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी अजमेर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को नोटिस भेजा था। इसके बाद अंजुमन कमेटी, दरगाह दीवान, गुलाम दस्तगीर अजमेर, ए इमरान बैंगलोर और राज जैन होशियारपुर पंजाब ने अपने आप को पक्षकार बनाने की अर्जी लगाई थी।
इस मामले में 24 जनवरी तक दो सुनवाई हो चुकी है। याचिका में रिटायर्ड जज हरबिलास सारदा की 1911 में लिखी किताब अजमेर: हिस्टॉरिकल एंड डिस्क्रिप्टिव का हवाला देते हुए दरगाह के निर्माण में मंदिर का मलबा होने का दावा किया गया है। साथ ही गर्भगृह और परिसर में एक जैन मंदिर होने की बात कही गई।