राजस्थान की मंडियों में व्यापारियों का विरोध:कृषक कल्याण शुल्क हटाने की मांग, श्रीमाधोपुर में व्यापारियों का प्रदर्शन, हड़ताल से रोजाना 1 करोड़ का व्यापार होगा प्रभावित
राजस्थान की मंडियों में व्यापारियों का विरोध:कृषक कल्याण शुल्क हटाने की मांग, श्रीमाधोपुर में व्यापारियों का प्रदर्शन, हड़ताल से रोजाना 1 करोड़ का व्यापार होगा प्रभावित

श्रीमाधोपुर : राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने राज्य की सभी 247 मंडियों में 23 से 26 फरवरी तक व्यापार बंद रखने का निर्णय लिया है। श्रीमाधोपुर कृषि उपज मंडी के व्यापारियों ने सोमवार को प्रदर्शन कर कृषक कल्याण शुल्क वापस लेने की मांग की। व्यापारियों की दो प्रमुख मांगें हैं। पहली, कृषक कल्याण शुल्क को पूरी तरह समाप्त किया जाए। दूसरी, कच्चे आढ़तियों की आढ़त को 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 2.25 प्रतिशत किया जाए। श्रीमाधोपुर कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष पवन चौधरी और मंत्री प्रकाश जैन के अनुसार, राज्य में कृषि जिंसों के क्रय-विक्रय पर एक प्रतिशत कृषक कल्याण शुल्क लगता है। सरकार इसे समय-समय पर 0.50 प्रतिशत करती रही है।

व्यापारियों का कहना है कि यह शुल्क मंडी, किसानों, व्यापारियों और उद्योगों पर बोझ है। इससे व्यापार अन्य राज्यों में जा रहा है और उद्योग बंद हो रहे हैं। राजस्थान अन्न का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। यहां सालाना 42 लाख टन बाजरा, 15 लाख टन मक्का और 4 लाख टन ज्वार का उत्पादन होता है। इन सभी फसलों की बिक्री मंडियों में होती है। हड़ताल से रोजाना एक करोड़ रुपए का व्यापार प्रभावित हो रहा है। हड़ताल के चलते आज सोमवार को मंडी में सन्नाटा पसरा रहा और किसान भी अपनी कृषि उपज लेकर नहीं आए।
रोजाना 1 करोड़ का व्यापार होगा प्रभावित मंडी अध्यक्ष पवन चौधरी व मंत्री प्रकाश जैन के मुताबिक श्रीमाधोपुर मंडी में हांलाकि इस समय व्यापार मंदा है, लेकिन फिर भी इस समय ग्वार, मूंगफली और बाजरा की जिंस मंडी में बेचान के लिए आती है और अकेले श्रीमाधोपुर मंडी में रोजाना करीब 1 करोड़ रुपए का व्यापार हो रहा है। हड़ताल से यह व्यापार प्रभावित होगा और मंडी टैक्स के रूप में मंडी समिति को भी रोजाना 1 लाख रुपए के राजस्व का नुकसान होगा।