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खाटूश्यामजी पदयात्री सुरक्षित रहें इसलिए जयपुर से नया रास्ता:बाबा के दर्शन के लिए होंगी 14 लाइन; जानें- निशान-इत्र को लेकर क्या हैं नए नियम


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खाटूश्यामजी पदयात्री सुरक्षित रहें इसलिए जयपुर से नया रास्ता:बाबा के दर्शन के लिए होंगी 14 लाइन; जानें- निशान-इत्र को लेकर क्या हैं नए नियम

खाटूश्यामजी पदयात्री सुरक्षित रहें इसलिए जयपुर से नया रास्ता:बाबा के दर्शन के लिए होंगी 14 लाइन; जानें- निशान-इत्र को लेकर क्या हैं नए नियम

सीकर : लखदातार खाटूश्यामजी (सीकर) के लक्खी मेले की 28 फरवरी से शुरुआत होने जा रही है। करीब 12 दिन चलने वाले मेले में 10 से ज्यादा देशों से श्रद्धालु पहुंचेंगे। पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के हर कोने से हजारों की संख्या में भी पदयात्रा भी खाटूनरेश के धाम पहुंचेंगी।

हर साल मेल में बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए इस साल के मेले के लिए भी बड़े पैमाने पर तैयारियां की गई हैं। बाबा के निशान, इत्र, गुलाब के फूलों को लेकर भी नए नियम तय हुए हैं। वहीं, जयपुर से रींगस तक हाईवे के किनारे पदयात्रियों के लिए नया रास्ता बनाया जा रहा है। जिससे वे सुरक्षित बाबा के धाम पहुंच सकें।

48 किलोमीटर का नया पाथ-वे लगभग तैयार

खाटूश्यामजी के मेले के दौरान जयपुर की ओर से सबसे ज्यादा पदयात्रा पहुंचती हैं। इनका रूट जयपुर-बीकानेर हाईवे से होता है। ऐसे में जयपुर से रींगस तक पदयात्रियों को हैवी ट्रैफिक के साथ करीब 60 किलोमीटर का सफर तक करना होता है।

हर साल कई एक्सीडेंट भी होते हैं, लेकिन इस साल पदयात्रियों सुरक्षित रहेंगे। क्योंकि नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) इन पदयात्रियों के लिए जयपुर से रींगस तक अलग से पाथ-वे बना रहा है।

जो 25 फरवरी तक पूरा जो जाएगा। ये पाथ-वे करीब 48 किलोमीटर का होगा। ये करीब 10 फीट चौड़ा होगा। इसमें करीब 7 करोड़ रुपए खर्च होंगे। वहीं, रींगस से खाटू तक पदयात्रियों के लिए अलग से रास्ता बना हुआ है।

मिट्‌टी डालकर एक अलग से 10 फीट की चौड़ाई में कच्चा कॉरिडोर बनाया जा रहा है।
मिट्‌टी डालकर एक अलग से 10 फीट की चौड़ाई में कच्चा कॉरिडोर बनाया जा रहा है।

अब जानते हैं खाटूश्याम मंदिर परिसार को क्या है गाइडलाइन

1. करीब 17 किलोमीटर तक बिछाया जाएगा कारपेट

रींगस से खाटू तक कारपेट बिछाया जाएगा। पहले की तरह 14 लाइन से ही दर्शन कराया जाएगा। चार लाइन कबूतर चौक से स्टार्ट होंगी। दो लाइन गुवाड़ चौक और 8 लाइन मेन एग्जिट वाली रहेंगी। मंदिर कमेटी अपने सोशल मीडिया पेज और वेबसाइट पर दर्शनों का समय व अन्य जानकारियां शेयर करेगी।

2. ई-रिक्शा और पदयात्रियों के रास्ते अलग

मेला मजिस्ट्रेट के अनुसार इस साल ई-रिक्श और पदयात्रियों के लिए अलग-अलग रास्ते होंगे। प्रशासन करीब 7.40 करोड़ की लागत से एक नया स्थायी मार्ग तैयार कर रहा है। ये रास्ता 52 बीघा पार्किंग से श्याम तोरण द्वार तक बन रहा है। वहीं, बिना लाइसेंस वाली ई-रिक्शा पर भी प्रशासन सख्ती करेगा। जिससे की जाम की स्थिति न हो। मंडा मोड़ व रींगस के खाटू मोड़ से मंदिर तक छोटे वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा।

3. निशान, इत्र और फूलों को लेकर भी सख्ती

खाटू में 8 फीट से ज्यादा ऊंचाई वाले निशान बेचने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। मंदिर में कांच की बोतल पर बैन रहेगा। कांटों वाले गुलाब के फूल, छोटी कांच की बोतल और इत्र की कांच की बोतल बेचने वालों पर कार्रवाई होगी। भंडारा लगाने का समय तय किया जाएगा। भंडारा अनुमति के समय एक निर्धारित शुल्क लिया जाएगा, जिसका उपयोग मेला खत्म होने के बाद सफाई सहित अन्य काम करवाने के लिए किया जाएगा।

4. क्यूआर कोड की सुविधा

सरकारी प्रोटोकॉल वाले वीआईपी को छोड़कर सभी के लिए वीआईपी दर्शन व्यवस्था पूरी तरह बंद रहेगी। श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन कराने के लिए क्यूआर कोड जारी किया जाएगा। श्रद्धालु यह क्यूआर कोड स्कैन कर मंदिर परिसर तक आसानी से पहुंच सकेंगे और दर्शन करेंगे। धारा-144 के तहत रींगस रोड से ही डीजे बैन रहेगा। शराब पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।

अब जानिए- खाटूश्यामजी से जुड़ा इतिहास

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