डोटासरा बोले-BJP को अक्ल देने वाला कोई नहीं:इनके मंत्री खुद बोलते, पर्चियों से ही सरकार चला रहे; वकीलों के साथ अनशन पर बैठे
डोटासरा बोले-BJP को अक्ल देने वाला कोई नहीं:इनके मंत्री खुद बोलते, पर्चियों से ही सरकार चला रहे; वकीलों के साथ अनशन पर बैठे

सीकर : सीकर संभाग और नीमकाथाना जिले को निरस्त करने के विरोध में वकील आठ दिन से अनशन कर रहे हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी सोमवार को अनशन में शामिल हुए। उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा- अक्ल मोल में नहीं मिलती है, यह तो खुद में होती है। आस-पड़ोस के अच्छे लोग जो सलाह और सुझाव देते हैं, उनसे ही काम करना पड़ता है। लेकिन, इनको तो अक्ल देने वाला भी कोई नहीं है। यदि है तो उसे काम में नहीं ले सकते, क्योंकि ये पर्चियों से बने हैं और पर्चियों से ही सरकार चला रहे हैं।
इनके खुद के मंत्री अविनाश गहलोत बोल रहे हैं कि हम तो पर्चियों से सरकार चलाते हैं। डोटासरा ने कहा कि इनको होश आए या नहीं आए मैं नहीं बता सकता, लेकिन जनता इनको होश दिला देगी।

फोन टैपिंग पर बोले- सीएम को विधानसभा में बोलना चाहिए था
सीकर कोर्ट परिसर के बाहर अभिभाषक संघ, सीकर की ओर से अनशन जारी है। अभिभाषक संघ के सदस्य डोटासरा ने मंत्री किरोड़ीलाल मीणा की ओर से दिए फोन टैपिंग के बयान पर कहा- ‘सरकार है कहां, दिख रही है क्या आपको।’ राजस्थान की विधानसभा में जब गतिरोध हुआ तो मुख्यमंत्री को अपनी बात कहनी चाहिए थी। जो बातें वह सड़क पर जवाहर सिंह बेढम से कहलवा रहे हैं, वह बात सदन के अंदर बोलनी चाहिए।
संभाग चला गया तो नगर निगम कैसे बनाएंगे
सीकर के मास्टर प्लान पर डोटासरा ने कहा- यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा सीकर जिले के हैं। पहले वह नीमकाथाना में चले गए थे, लेकिन अब वापस सीकर में आ गए। उनकी खुद की विधानसभा में घोषणा है कि 31 दिसंबर के पहले आपत्तियां मांग कर निस्तारण करके सीकर को नया मास्टर प्लान दे दूंगा। अब उस पर भी कुछ काम नहीं हो रहा। आपत्तियां नहीं मांगी गई हैं और न पब्लिकेशन हुआ है।
डोटासरा ने कहा- खर्रा ने अर्बन लिमिट बढ़ाने, म्युनिसिपैलिटी सीमा बढ़ाने और नगर निगम बनाने की बात कही थी, लेकिन अब संभाग ही चला गया तो वह नगर निगम कैसे बनाएंगे, यह मेरी समझ से परे है। नगर परिषद की सीमा तो बढ़ गई, लेकिन नगर निगम नहीं आया और न ही आएगा।

परिसीमन फाइनल होने पर 6 महीने में चुनाव करवाना जरूरी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा- यूडीएच मंत्री 12 महीने तक कभी पंचायतों का परिसीमन करवाएंगे, कभी वापस लेंगे। कभी जिला परिषद एरिया का परिसीमन करवाएंगे, वापस लेंगे। 12 महीने-डेढ़ साल तक चुनाव नहीं करवाने हैं। वह परिसीमन फाइनल करते हैं तो एक पुरानी इकाई का विघटन हो जाएगा और नई इकाई का गठन होगा। नई इकाई का गठन होने पर कानून यह कहता है कि 6 महीने के अंदर चुनाव होना अनिवार्य है। यह केवल कागजों से अठखेलियां करते रहेंगे। अभी इनकी चुनाव करवाने की मंशा नहीं है। यह जो भी तारीख आगे बढ़ाने की बात कर रहे हैं, वह केवल टाइमपास है। यह चुनाव करवाएंगे तो इन्हें पता लग जाएगा कि ये कितने पानी में हैं।
एक झटके, एक लाइन में संभाग और जिले समाप्त किए
डोटासरा ने कहा- करीब 2 साल पहले कांग्रेस सरकार ने 17 नए जिले और तीन नए संभाग बनाकर लोगों को राहत दी थी। बीजेपी सरकार ने सत्ता में आते ही अपनी मंशा जाहिर कर दी थी कि हम लोग जिले और संभाग खत्म करेंगे। 14 महीने तक ये लोग कोई निर्णय नहीं कर सके और 14 महीने बाद दिल्ली से ब्यूरोक्रेसी व बीजेपी के हाईकमान की एक पर्ची आई। इसके बाद 9 जिले और तीन संभाग को एक झटके, एक लाइन में समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा- अगर ये अपनी हठधर्मिता पर अड़े रहे। सीकर को संभाग और नीमकाथाना को जिला नहीं किया तो कांग्रेस की सरकार आते ही कैबिनेट का पहला फैसला सीकर संभाग, नीमकाथाना जिला और अन्य जिलों के बारे में पॉजिटिव निर्णय का होगा।