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झुंझुनूं में नहीं शुरू हो पाई खाद्य सुरक्षा प्रयोगशाला:बजट नहीं मिला, गहलोत सरकार ने किया था मंजूर, जमीन को किया चिह्नित


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झुंझुनूं में नहीं शुरू हो पाई खाद्य सुरक्षा प्रयोगशाला:बजट नहीं मिला, गहलोत सरकार ने किया था मंजूर, जमीन को किया चिह्नित

झुंझुनूं में नहीं शुरू हो पाई खाद्य सुरक्षा प्रयोगशाला:बजट नहीं मिला, गहलोत सरकार ने किया था मंजूर, जमीन को किया चिह्नित

झुंझुनूं : झुंझुनूं में स्वीकृत की गई खाद्य सुरक्षा प्रयोगशाला का अभी निर्माण कार्य भी शुरू नहीं हो पाया है। झुंझुनूं में 4 साल से जमीन भी चिह्नित हो पाई थी। अब जमीन तो तय कर दी है, लेकिन बजट नहीं मिल पा रहा है।

प्रदेश में खाद्य पदार्थों में मिलावट की बढ़ती समस्या और उनकी समय पर जांच के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 17 जिलों में खाद्य सुरक्षा प्रयोगशालाओं की स्थापना की मंजूरी दी थी, लेकिन पांच साल बीतने के बाद भी इनमें से करीब एक दर्जन जिलों में ये प्रयोगशालाएं शुरू नहीं हो पाई है। कहीं उपकरण नहीं आए, तो कहीं पर इनकी स्थापना ही नहीं हो सकी।

जबकि, इन प्रयोगशालाओं के लिए जिला मुख्यालयों पर स्वीकृति दी गई थी। सरकार ने इन प्रयोगशालाओं के निर्माण के लिए बजट की घोषणा की थी, लेकिन दो साल बाद विभिन्न जिलों में अलग- अलग बजट स्वीकृत किए गए, जिससे कई जिलों में तो भवन बन गए, परंतु कुछ में समय पर जमीन उपलब्ध न होने के कारण निर्माण कार्य ही शुरू नहीं हो सका।

सरकार से मांगा गया है बजट

झुंझुनूं सीएमएचओ डॉ. छोटेलाल गुर्जर का कहना है कि उनसे पास खाद्य सुरक्षा लैब बनाने के लिए जगह उपलब्ध कराने का पत्र आया था। इसके बाद पुराना जनाना अस्पताल अब पीएचसी परिसर में प्रस्तावित किया गया है। सरकार से बजट की मांग की गई है। जैसे ही बजट मिलेगा, टेंडर कर दिए जाएंगे और निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।

हर प्रयोगशाला के लिए ये पद स्वीकृत

प्रत्येक खाद्य सुरक्षा प्रयोगशाला के लिए 10 पद स्वीकृत किए गए हैं, जिसमें एक खाद्य विश्लेषक,कनिष्ठ विश्लेषक, तकनीकी सदस्य, प्रयोगशाला सहायक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल हैं।

जांच में आएगी तेजी

इन प्रयोगशालाओं का निर्माण और संचालन होने से खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच में तेजी आएगी और उपभोक्ताओं को बेहतर सुरक्षा मिलेगी। लेकिन इसके लिए सही समय पर कार्रवाई और बजट आवंटन की आवश्यकता है।

झुंझुनूं की स्थिति

प्रयोगशाला के लिए पहले जमीन तय नहीं हो पाई थी। अब गांधी चौक स्थित पुराने जनाना अस्पताल को पीएचसी परिसर में स्थित किया गया है। इसके लिए राज्य सरकार से बजट की मांग की गई है। फिलहाल, जिले में मिलावट के सैंपलों की जांच जयपुर भेजी जा रही है, लेकिन इनकी रिपोर्ट आने में काफी समय लग रहा है।

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