शहर के बीच 25 हेक्टेयर का शानदार पार्क:एक्यूप्रेशर ट्रैक, ओपन जिम भी है; तैयार हो रही लवकुश वाटिका
शहर के बीच 25 हेक्टेयर का शानदार पार्क:एक्यूप्रेशर ट्रैक, ओपन जिम भी है; तैयार हो रही लवकुश वाटिका
झुंझुनूं : झुंझुनूं शहर से लगते बीहड़ इलाके में कभी पूरे शहर का गंदा पानी भरता था। यह ऐतिहासिक जगह खेतानाथ बावड़ी है। ब इस जगह का कायाकल्प हो गया है। जहां तक नजर जाती है, हरा-भरा एरिया दिखाई देता है। इस इलाके को लवकुश वाटिका के तौर पर डवलप किया जा रहा है।
जिला डीएफओ बीएल नेहरा के अनुसार – 25 हेक्टेयर में तैयार हो रहा यह पार्क आने वाले दिनों में झुंझुनूं शहर के लिए बड़ी सौगात साबित होगा। इसके एंट्री गेट पर लव और कुश की प्रतिमाएं लगाई गई हैं। पास ही गार्ड रूम है, ट्रैक के आस-पास 10 हजार फल और छायादार पेड़ लगाने का काम चल रहा है।
जगह जगह व्यू पॉइंट और छोटे तालाब बनाने का काम जारी है। जल्द ही यहां झूले और ओपन जिम के लिए उपकरण लगेंगे। वाटिका जल्द ही झुंझुनूं के लिए ऑक्सीजन लंग्स साबित होगी। जॉगिंग करते वक्त अगर आपको कई प्रजातियों के पक्षी और दूसरे वन्यजीव नजदीक ही दिखें तो कैसा लगेगा? इसके अलावा 10 हजार से ज्यादा फलदार पेड़, आराम करने के लिए झोपड़ीनुमा स्ट्रक्चर, ओपन जिम और कई तरह की सुविधाएं।
झुंझुनूं में 25 हेक्टेयर के विशाल एरिया में ऐसा पार्क तैयार हो रहा है। इसे लवकुश वाटिका नाम दिया गया है। यह इलाका झुंझुनूं के गुढ़ागौड़जी इलाके में खोह मंशा माता के जंगल में है।
कभी गंदा पानी भरता था, अब नजर आने लगी खूबसूरती
झुंझुनूं DFO बीएल नेहरा ने बताया- खास बात यह है कि किसी वक्त पूरे झुंझुनूं शहर का गंदा पानी अलग-अलग नालों से होकर यहां खेतानाथ बावड़ी के आस-पास जमा हो जाता था।
सबसे पहले गंदे पानी को डायवर्ट कर दूसरी तरफ निकाला। इसके बाद पानी को चैनलाइज कर वाटिका के निर्माण और पेड़-पौधे डवलप करने के लिए इस्तेमाल किया।
एक विशाल एरिया को हम इस तरह डवलप कर रहे हैं ताकि आने वाले वक्त में झुंझुनूं शहर के लोग यहां सैर करने आएं और यह जगह सिटी के लिए ऑक्सीजन लंग्स के रूप में काम करे। हमने इस साल यहां वन महोत्सव भी मनाया है।
मातृवन में लगेंगे औषधीय पौधे
प्रवेश द्वार पर लव-कुश और सीता माता की प्रतिमाएं नजर आती हैं। यहां से पहाड़ियों तक ढाई किलोमीटर का ट्रैक बनाया गया है। इस ट्रैक पर कई खूबसूरत व्यू नजर आते हैं। प्रवेश द्वार के पास ही गार्ड रूम और आराम स्थल विकसित किए जा रहे हैं।
लवकुश वाटिका में ही मातृवन तैयार कर रहे हैं। इसमें औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। पूरे इलाके में पाथ बनाया गया है, कई व्यू पॉइंट बनाए गए हैं, छोटे तालाब तैयार किए हैं, कुदरती खूबसूरती के साथ विजिटर्स की हर तरह की सुविधा का ध्यान रखकर काम को आगे बढ़ा रहे हैं।
पार्क में ओपन जिम तैयार होगा। इसके तरह कई तरह के उपकरण लगाए जाएंगे ताकि यहां घूमने वाले लोग एक्सरसाइज भी कर सकें। इसके अलावा बच्चों के मनोरंजन के लिए कई तरह के झूले लगाएंगे।
वन विभाग और सरकार की कोशिश इस पार्क के जरिए ईको टूरिज्म को बढ़ाने की है।
जंगल और पेड़ बचाने का संदेश देंगे
इस पार्क के जरिए हम जंगल और पेड़ों की रक्षा का संदेश भी देंगे। भविष्य में यह एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा।
एक्यूप्रेशर ट्रैक बनाने के साथ-साथ यहां दूर तक फैले नैचुरल पाथ भी बनाए गए हैं। इन पर चलते हुए लगेगा कि जैसे जंगल के किसी कच्चे रास्ते पर चल रहे हों। चारों तरफ हरी-भरी कई ऊंचाई की पहाड़ियां और हरे-भरे मैदान हैं। यह इलाका शहर के कोलाहल से दूर शांत और कुदरती सुंदरता से परिपूर्ण है।
लवकुश वाटिका में तीन प्लेटफार्म बनाए हैं। दो बड़े और एक छोटा प्लेटफार्म है। यह प्लेटफार्म योग प्राणायाम और आसन करने वाले विजिटर्स के लिए बनाए गए हैं। इन्हीं प्लेटफार्म को सेल्फी पॉइंट के तौर पर भी विकसित किया जा रहा है।
10 हजार से ज्यादा पेड़ लगाए जा रहे
पूरे इलाके को हरा-भरा करने के लिए 10 हजार से ज्यादा छाया और फलदार पेड़ लगाए जा रहे हैं। पाथ के दोनों तरफ नीम, अर्जुन, बड़, पीपल, गुलर, चिरमी, गूगल, बांस आदि के पौधे लगाए गए हैं। इसके साथ ही जल संरक्षण स्रोत, इकोट्रेल, चेनलिंग फेनसिंग की गई है।
स्टूडेंट्स को ध्यान में रखकर यहां पक्षियों की प्रजातियां, वनस्पति, जल संरक्षण संबंधी जानकारी डिस्प्ले की जाएगी। तीन लूज स्टोन चेक डैम बनाए गए हैं, जो भी मिट्टी का कटाव रोकने का कार्य करेंगे। जिस स्थान पर ज्यादा कटाव की संभावना है, वहां पत्थरों से खरंजा बनाया गया है।
परिंदों के दाना चुगने के लिए चबूतरा बनाया गया है। जगह-जगह संकेतक लगाए गए हैं। लोग घूमने के साथ ही आराम कर सकें इसके लिए बेंच लगाई गई हैं। आराम करने के लिए झोपड़ीनुमा वाटरप्रूफ स्ट्रक्चर बनाए गए हैं।
प्रवेश द्वार, गार्ड रूम, पंचवटी का निर्माण
पहाड़ियों पर जागरूकता केंद्र विकसित किया जा रहा है। यहां कई तरह की रोचक जानकारियां डिस्प्ले की जाएंगी। इससे यहां आने वाले विद्यार्थियों को काफी कुछ सीखने को मिलेगा।
विजिटर्स के लिए आराम गृह भी बनाया गया है। खूबसूरत प्रवेश द्वार पर लव-कुश नजर आते हैं। साथ ही यहां गार्ड रूम बनाए गए हैं। पंचवटी का भी निर्माण किया जा रहा है।