बदसलूकी मामले में अगले हफ्ते पेश हो सकता है चालान:हेरिटेज में दीपावली से पहले बदल सकते हैं डिप्टी मेयर, 12 पार्षदों का निलंबन संभव
बदसलूकी मामले में अगले हफ्ते पेश हो सकता है चालान:हेरिटेज में दीपावली से पहले बदल सकते हैं डिप्टी मेयर, 12 पार्षदों का निलंबन संभव

जयपुर : हेरिटेज निगम में डिप्टी मेयर बदलने और कमेटियों के गठन की तैयारी शुरू हो गई है। अगले सप्ताह तक पुलिस प्रशासन द्वारा निलंबित मुनेश गुर्जर व डिप्टी मेयर असलम फारुखी समेत 13 पार्षदों के खिलाफ चालान पेश किया जा सकता है। ये तैयारी इसलिए की जा रही है कि यदि मुनेश गुर्जर को कोर्ट से राहत मिलती भी है तो डीएलबी से कार्रवाई की जा सके।
गौरतलब है कि मुनेश व डिप्टी मेयर असलम फारुखी के खिलाफ माणक चौक थाने में अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा से बदसलूकी के मामले में जांच लंबित है। अगर दोषी पाए जाते हैं तो पार्षदी जाना तय है। इस प्रकरण में 13 पार्षदों के नाम हैं, जिसमें चालान पेश होना है।
दूसरी तरफ, हेरिटेज निगम में नया डिप्टी मेयर कौन बनेगा, कितनी वर्किंग कमेटियों का गठन किया जाएगा और कमेटियों के चेयरमैन कौन-कौन होंगे, इसे लेकर भी भाजपा में मंथन शुरू हो चुका है। भाजपा संगठन में डिप्टी मेयर के लिए तीन नामों पर चर्चा चल रही है। इसमें वैश्य समाज को प्राथमिकता मिल सकती है, क्योंकि जयपुर शहर से भाजपा में वैश्य समाज का एक ही विधायक है।
यह है पूरा मामला पिछले साल 16 जून को मेयर व एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा और पार्षदों के बीच विवाद हुआ था, जिसके बाद मेयर मुनेश गुर्जर समेत 50 पार्षद धरने पर बैठ गए। सरकार की तरफ से एक्शन नहीं लिए जाने पर पार्षदों ने सामूहिक इस्तीफा पत्र मुख्यमंत्री को भेज दिया। इस विवाद में मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास तथा महेश जोशी भी आ गए और कांग्रेस विधायक दो खेमों में बंट गए।
हालांकि बाद में विवाद की सुनवाई राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने की। सरकार से मंजूरी मिलने पर 29 जून को एडिशनल कमिश्नर की ओर से मुनेश गुर्जर, डिप्टी मेयर असलम फारुखी, पार्षद उमरदराज, नीरज अग्रवाल, शफी कुरैशी, सुनीता महावर, राबिया गुडऐज, अंजलि ब्रह्मभट्ट, पार्षद पति अख्तर हुसैन, पार्षद आयशा सिद्दीकी, फरीद कुरैशी, फूलचंद, शाकिर, सुशील गर्जर तथा बसंत असवाल के खिलाफ माणक चौक थाने में नामजद मामला दर्ज करवाया था।
चालान पेश होने पर पार्षदी जाना तय
डीएलबी के पूर्व डायरेक्टर लॉ अशोक सिंह ने बताया कि राजस्थान नगर पालिका अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव नियम 2017 में स्पष्ट है कि डिप्टी मेयर को हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। अगर पहले से ही डिप्टी मेयर के खिलाफ थाने में मामला दर्ज है तो उसमें चालान पेश होने पर राज्य सरकार अभियोजन स्वीकृति देकर निलंबित कर सकती है।