गहलोत बोले- राजस्थान में सरकार नहीं सर्कस चल रहा:अधिकारी-लोग डेंगू से मर रहे हैं, प्रदेश में हालात खराब; मुख्यमंत्री दिल्ली अप-डाउन कम करें
गहलोत बोले- राजस्थान में सरकार नहीं सर्कस चल रहा:अधिकारी-लोग डेंगू से मर रहे हैं, प्रदेश में हालात खराब; मुख्यमंत्री दिल्ली अप-डाउन कम करें
जोधपुर : पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- राजस्थान में सरकार नहीं सर्कस चल रहा है। कोई मंत्री इस्तीफा दे रहा है। अधिकारी और लोग डेंगू से मर रहे हैं। जनता का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। मुख्यमंत्री अब दिल्ली अप-डाउन करना बंद करें। प्रदेश की जनता का ख्याल करें। प्रदेश में हालात काफी खराब है।
पूर्व सीएम रविवार को जोधपुर पहुंचे थे। यहां उन्होंने एयरपोर्ट पर मीडिया से बात की थी। गहलोत ने भाजपा सरकार पर तंज कसा। कहा- डेंगू फैल रहा है, लोग मर रहे हैं, लेकिन पार्टी और सरकार बिल्कुल ध्यान नहीं दे रही है। जोधपुर में विश्वविद्यालय हमने खोले ,लेकिन उनका कोई अता-पता नहीं है।
गहलोत ने कहा-
दिव्यांग यूनिवर्सिटी खोली थी उसका पता ही नहीं है। सारे विकास के काम धीमे चल रहे हैं। स्थिति बड़ी नाजुक है और हम विपक्ष में हैं, विपक्ष में रहकर भूमिका अदा करेंगे।
हरियाणा में सरकार बनते ही राजस्थान वाली योजनाएं लागू करेंगे हरियाणा में चुनाव के बाद आ रहे एग्जिट पोल को लेकर गहलोत ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि इससे साफ पता चल रहा है कि कांग्रेस के समर्थन में अब फिर से माहौल बन रहा है। गहलोत को हरियाणा चुनावों में सीनियर ऑब्जर्वर बनाया गया था।
पूर्व सीएम ने हरियाणा चुनाव में रेवाड़ी, नारनौल और महेंद्रगढ़ में कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए जनसभाएं की थीं। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कहा था- हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनते ही राजस्थान वाली योजनाएं लागू करेंगे। यहां जो गारंटियां कांग्रेस पार्टी ने दी है।
गहलोत बोले- SOG ने हाईकोर्ट में यू-टर्न ले लिया संजीवनी मामले पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को क्लीन चिट मिलने के सवाल पर गहलोत ने कहा- मैंने इस मामले में X पर अपना पक्ष रख दिया था। बता दें कि इस मामले को लेकर 26 सितंबर को किए एक ट्वीट में गहलोत ने SOG पर यू-टर्न लेने का आरोप लगाया था।
पूर्व सीएम ने आरोप लगाया था कि राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद SOG ने हाईकोर्ट में यू-टर्न ले लिया। इस केस के जांच अधिकारी (IO) को भी हटा दिया। भाजपा सरकार की ओर से नामित सरकारी वकीलों ने भी केंद्रीय मंत्री का ही पक्ष लिया। इन सबके बावजूद हाईकोर्ट ने मंत्री की याचिका के अनुरूप FIR को रद्द नहीं किया है। हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट की इजाजत लेकर आगे कार्रवाई की जा सकती है।