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पानी में आग लगने में चंद दिन बाकी


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पानी में आग लगने में चंद दिन बाकी

पानी में आग लगने में चंद दिन बाकी

राजस्थान में जैसे ही भजनलाल शर्मा सरकार आई तो लोकसभा चुनावों के मध्य नजर आनन फानन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा शेखावाटी के कथित भागीरथ बनने की फिराक में हरियाणा की खट्टर सरकार से यमुना जल शेखावाटी को मिलने को लेकर ओएमयू किया । इसको लेकर झुंझुनूं जिले के स्थानीय भाजपा नेताओं ने कदमताल शुरू कर दी जैसे पानी हरियाणा से चल पड़ा और जल्द ही शेखावाटी को हरा भरा कर देगा । जब कि पीने के पानी के तो लाले पड़े हैं इसके विपरीत सब्जबाग दिखाए जा रहे हैं कि सिंचाई के लिए नहर आने से शेखावाटी खुशहाली के पंख लगाकर उड़ने लगेगा । फ़रवरी माह में ओएमयू पर हस्ताक्षर हुए उसमें स्पष्ट उल्लेख था कि चार महीने में डीपीआर तैयार होनी चाहिए । चार महीने बीते तत्पश्चात मुख्यमंत्री भजनलाल ने एक बयान में कहा कि आगामी चार महीने में डीपीआर बन कर तैयार हो जाएगी । यानी डीपीआर की उम्र आठ महीने हो चुकी थी । जनमानस शेखावाटी न्यूज़ हिन्दी समाचार पत्र ने पिलानी विधानसभा क्षेत्र में पीने के पानी को मची त्राहि त्राहि पर सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के साथ ही जनता की अदालत में भी इस मुद्दे को बसूखी से रखा कि यमुना जल की हसरत ही रहेगी इसका एकमात्र स्थायी समाधान है कि कुंभाराम लिफ्ट परियोजना को लेकर इच्छा शक्ति से प्रयास किए जाएं । लेकिन यह पिलानी विधानसभा का दुर्भाग्य ही कहूंगा कि दोनों दलों के नेताओं इस मुद्दे का राजनिति करण किया व जनता को बरगलाने का काम किया जो अनवरत जारी है । पिलानी में पानी की समस्या को लेकर जलदाय मंत्री ने सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए जलदाय विभाग के अधिकारियों का निलंबन कर दिया । क्या उनके निलंबन से पिलानी को पानी मिल जाएगा ? एक और सिफूगा जनता के बीच फेका जा रहा है कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल से जल पहुंचाया जाएगा। नल तो लग जाएगी लेकिन उस नल से जो जल आएगा वह कहां से आएगा इसका जबाब किसी स्थानीय नेता , विधायक या मंत्री के पास नहीं है ।

जनमानस शेखावाटी न्यूज़ हिन्दी समाचार पत्र ने यमुना जल समझोते को लेकर नेता अभिनंदन समारोह में व्यस्त थे उस समय आशंका व्यक्त की थी कि यदि हरियाणा मे सता परिवर्तन होता है तो क्या यह समझौता टिक पाएगा । इस ओएमयू का भी वही हश्र होगा जो 1994 वाले ओएमयू का हुआ था । सता परिवर्तन के आसार दिखाई दे रहे हैं । यह हरियाणा का सता परिवर्तन नहीं बल्कि जो पानी मिलने के लिए भांगड़ा कर रहे थे उस पानी में आग लगने वाली है । पानी आग बुझाने के काम आता है लेकिन इस पानी को तो सता परिवर्तन की आग सुखा देगी । इन सब बातों को देखते हुए दोनों दलों के स्थानीय नेताओ व विधायक से अपील है कि यमुना जल समझोते की मृग मरीचिका आवाम को न दिखाएं इसके विपरीत सरकार पर कुंभाराम लिफ्ट परियोजना का पानी मिले यह दबाव सरकार पर बनाए ।

राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक

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