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बिजनेस में घाटा, बाप-बेटे ने खोली नकली नोट की फैक्ट्री:जयपुर में 5 दिन में छापे 95 लाख, 82 बकरियों के कारण फंस गए आरोपी


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बिजनेस में घाटा, बाप-बेटे ने खोली नकली नोट की फैक्ट्री:जयपुर में 5 दिन में छापे 95 लाख, 82 बकरियों के कारण फंस गए आरोपी

बिजनेस में घाटा, बाप-बेटे ने खोली नकली नोट की फैक्ट्री:जयपुर में 5 दिन में छापे 95 लाख, 82 बकरियों के कारण फंस गए आरोपी

जयपुर : जयपुर में पिता-पुत्र ने बिजनेस में हुए 40 लाख का घाटे को पूरा करने के लिए 95 लाख रुपए के नकली नोट छाप डाले। पहले यूट्यूब और इंटरनेट पर नोट छापने के 50 से ज्यादा वीडियो देखे। घर के पास खाली प्लॉट में ही नोट छापने के लिए कारखाना बनाया। महज 5 दिन में एक दोस्त की मदद से 95 लाख रुपए के नकली नोट तैयार कर दिए।

शातिर उस समय धरे गए जब नोट खपाने के लिए 17 हजार रुपए में 82 बकरियों का सौदा किया। 15 अगस्त 2024 को बगरू थाना पुलिस के हत्थे चढ़े शातिर बदमाशों ने अब तक हुई पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश करने की तैयारी कर ली है।

भास्कर टीम ने नकली नोट की फैक्ट्री खोलने से लेकर पकड़े जाने तक की पूरी कहानी जानी…

शिवम (बाएं) ने पिता सुरेंद्र सिंह को दिया था नकली नोट छापने का आईडिया। नोट खपाने के लिए भी इन्होंने अलग-अगल प्लान बनाए थे।
शिवम (बाएं) ने पिता सुरेंद्र सिंह को दिया था नकली नोट छापने का आईडिया। नोट खपाने के लिए भी इन्होंने अलग-अगल प्लान बनाए थे।

12वीं पास बेटे के साथ मिलकर बनाया प्लान

मामले की जांच कर रहे बगरू थाने के SI सुनील गोदारा ने बताया कि झोटवाड़ा की नानू कॉलोनी का रहने वाला सुरेंद्र सिंह नगीनों पर पोलिश का काम करता था। पड़ोसियों से विवाद के कारण सुरेंद्र ने नगीनों का काम बंद कर दिया। सुरेंद्र सिंह ने अपने 12वीं पास बेटे शिवम के साथ मिलकर ट्रांसफार्मर के पार्ट्स बनाने की फैक्ट्री लगा ली। इसके लिए करीब 40 लाख रुपए का लोन लिया था। लेकिन बिजनेस चला नहीं और घाटा होने लगा। कर्ज बढ़ता जा रहा था। सुरेंद्र सिंह ने कर्ज चुकाने के लिए पहले तो मकान बेचने का सोचा। लेकिन बेटे ने कर्ज चुकाने के लिए नकली नोट छापने का आइडिया दिया।

यूट्यूब पर 50 से ज्यादा वीडियो देखे

शिवम ने यूट्यूब पर नकली नोट बनाने और छापने के 50 वीडियो देखे। इसमें नकली नोट कैसे छापे जाते हैं? पेपर कहां से मिलता है? प्रिंटर कहां से मिलेगा? मार्केट में कैसे खपाया जाए आदि के बारे में जाना। सुरेंद्र सिंह ने इस काम को अंजाम देने के लिए अपने एक साथी और झोटवाड़ा की जगन्नाथ पुरी कॉलोनी निवासी प्रेमचंद को भी शामिल कर लिया। आरोपियों के मोबाइल में इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं।

आरोपी के घर से बरामद प्रिंटर और छपे हुए नकली नोट। पुलिस अब इनके परिवार व अन्य लोगों से भी पूछताछ कर रही है।
आरोपी के घर से बरामद प्रिंटर और छपे हुए नकली नोट। पुलिस अब इनके परिवार व अन्य लोगों से भी पूछताछ कर रही है।

15 हजार में प्रिंटर खरीदा, नोट छापने के लिए मंगवाए कड़क पेपर

बाप-बेटे और प्रेमचंद ने झोटवाड़ा से करीब 15 हजार रुपए में एक कलर प्रिंटर खरीदा। नोट छापने के लिए कड़क पेपर के 10 बंडल भी खरीद लाए। उन्होंने घर के नजदीक ही खाली पड़े अपने प्लॉट में प्रिंटिंग का सेटअप तैयार किया। शिवम ने मात्र 500 रुपए के 8 नोटों से ही 95 लाख रुपए बना लिए थे।

नोट असली दिखें इसके लिए क्या किया?

पहले उसने 500 रुपए के 4 नोट (सीरियल नंबर 7ck211444, 7ck211445, 2fL522880, 8RK338763) को प्रिंटर से स्कैन किया। स्कैन करके शिवम ने प्रिंटर से नोट की एक साइड को प्रिंट कर लिया। लेकिन दूसरी साइड से प्रिंट करने में दिक्कत हो रही थी। क्योंकि नोट का सही से मिलान नहीं हो पा रहा था।

उसने तरकीब निकाली और चारों नोटों के हिस्सों को पेपर के चारों कोनों से मिलान कराया। फिर ऐसे ही नीचे के हिस्से को भी प्रिंट किया। तब 500 के नोट का ऊपर का हिस्सा और नीचे के नोट का हिस्सा मिलने लगा था। इसी तरह शिवम ने 500 रुपए के दूसरे सीरियल नंबर के 4 नोटों (सीरियल नंबर 4RG594249, 6PL992073, 5DG919335,0DC283167) को भी स्कैन कर प्रिंट करना शुरू कर दिया।

पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से असली नोट बरामद किए हैं जिनके सीरियल नंबर से नकली नोट छापे गए।
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से असली नोट बरामद किए हैं जिनके सीरियल नंबर से नकली नोट छापे गए।

एक दिन का टारगेट- 20 लाख रुपए के नोट छापना

जांच अधिकारी सुनील गोदारा ने बताया कि शिवम ने टारगेट बनाया कि रोजाना 20 लाख रुपए के नकली नोट छापने हैं। एक पेज से वह 500 रुपए के 4 नोट छाप रहा था। एक पेपर के बंडल में 1000 पेपर आते हैं। ऐसे में वह एक बंडल से एक दिन में ही 20 लाख रुपए छाप रहा था। उसने महज 5 दिन में ही 95 लाख रुपए प्रिंट कर लिए थे।

नोट की गड्डियां बनाने के लिए नाबालिग को झांसे में लिया

नकली नोटों के बंडल तैयार करने के लिए शिवम ने एक नाबालिग को पैसों का लालच देकर झांसे में लिया। दोनों ने मिलकर करीब 20 लाख रुपए के नोट की गड्डियां तैयार कीं। इन पैसों को एक बैग में पैक कर लिया। करीब 75 लाख रुपए की नकली मुद्रा प्रिंट कर रखी थी, जिनकी कटिंग होना बाकी थी। एसआई सुनील गोदारा को बाद में छापेमारी के दौरान 75 लाख रुपए के नोट प्रिंट कर अलग रखे मिले थे।

पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपी शिवम, सुरेंद्र सिंह और प्रेमचंद (बाएं से दाएं)
पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपी शिवम, सुरेंद्र सिंह और प्रेमचंद (बाएं से दाएं)

नोट खपाने के लिए ग्रामीणों को टारगेट बनाया

सुरेंद्र, शिवम और प्रेमचंद ने अब नोट मार्केट में खपाने के लिए प्लान बनाया। पहले तो सामान्य बाजार में ही थोड़े-थोड़े कर नोट खपाने की साजिश थी। इसके लिए पिता-पुत्र ने ट्रायल किया और करीब तीन-चार नकली नोट खपाने में कामयाब रहे। लेकिन इतने नोट एक साथ चलने में लंबा वक्त और पकड़े जाने का रिस्क ज्यादा था। फिर नकली नोट से प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बनाया। यहां भी भेद खुलने का डर था। ऐसे में तीनों ने ग्रामीण इलाके में किसानों और पशुपालकों से नकली नोट देकर गाय-भैंस-बकरियां खरीदने का फाइनल प्लान बनाया।

बकरियों का सौदा किया, पकड़ में आए

नोट खपाने के लिए सुरेंद्र, शिवम, प्रेमचंद और नाबालिग 15 अगस्त को बगरू के बेगस गांव में गए। वहां एक पशुपालक से 17 हजार के हिसाब से 82 बकरियों का सौदा किया। बकरियां भरने के लिए नाबालिग और शिवम ने मिलकर पहले विश्वकर्मा इलाके से ट्रक लूटा। पशुपालक से सौदा फिक्स होने के बाद 82 बकरियां ट्रक में भरकर सुरेंद्र और प्रेमचंद रवाना हो गए। कुछ देर बाद ही शिवम और नाबालिग आरोपी ने नकली नोटों से भरा बैग पशुपालकों को थमाया और चलने लगे। तभी पशुपालकों ने उन्हें रोका और नोट गिनाने को कहा। शिवम और नाबालिग को नकली नोटों का भेद खुलने का डर था। शिवम ने सहमे-सहमे कुछ नोट गिने और फिर बैग छोड़कर भागने लगे। तभी ग्रामीणों ने दोनों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।

खुलासा होने के बाद पुलिस ने आरोपी के घर पर छापा मारा तो नकली नोटों का जखीरा पकड़ा गया।
खुलासा होने के बाद पुलिस ने आरोपी के घर पर छापा मारा तो नकली नोटों का जखीरा पकड़ा गया।

पुलिस दोनों ने थाने लाकर दोनों से पूछताछ की। यहां तक नकली नोट का भेद नहीं खुला था। पुलिस ने बकरियों से भरा ट्रक पकड़ने के लिए दौलतपुरा चौकी को वायरलेस किया। कुछ ही देर में पुलिस ने ट्रक को पकड़ लिया। सुरेंद्र और प्रेमचंद को पकड़ कर थाने लाया गया।

गाड़ी की तलाशी में नोटों से भरे दो बैग मिले। ऊपर 4 चार नोट असली थे, लेकिन बैग में रखे 500 रुपए के 1796 नोट नकली पाए घए। संदेह होने पर पुलिस ने चारों से पूछताछ की तो नकली नोटों के छापने का खुलासा हुआ।

नकली नोट और प्रिंटर एफएसएल भेजे जा रहे हैं। जल्द ही आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में पेश करेंगे। ~ सुनील गोदारा जांच अधिकारी बगरू थाना

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