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वार्ड 12 में स्वास्थ्य केंद्र की जमीन पर फैली गंदगी:परिषद ने 2 साल पहले चिकित्सा भवन के लिए किया था हैंड ओवर, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान


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वार्ड 12 में स्वास्थ्य केंद्र की जमीन पर फैली गंदगी:परिषद ने 2 साल पहले चिकित्सा भवन के लिए किया था हैंड ओवर, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

वार्ड 12 में स्वास्थ्य केंद्र की जमीन पर फैली गंदगी:परिषद ने 2 साल पहले चिकित्सा भवन के लिए किया था हैंड ओवर, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

सुजानगढ़ : सुजानगढ़ के वार्ड नं. 12 में नगर परिषद सभापति के घर से 50 मीटर की दूरी पर फैला गंदगी का यह आलम चिकित्सा विभाग के स्वीकृत उप स्वास्थ्य केंद्र की जमीन पर है। जो नगर परिषद ने चिकित्सा विभाग को दो साल पहले पट्टा बनाकर हैंड ओवर कर दी थी।

यही नहीं, यह जगह एडीजे कोर्ट से सटी हुई है। एडीजे कोर्ट, बीएसएनएल के ठीक पीछे इस जगह के ठीक सामने जोधपुर डिस्कॉम का ऑफिस है। वहीं चारो तरफ घनी बस्ती है। यहां लोग लम्बे समय से कचरा डाल रहे हैं। जिससे अब यहां कूड़े के बड़े ढेर लग चुके हैं। स्थिति यह है कि बदबू के कारण लोगों का यहां से निकलना भी मुश्किल है। मामले को लेकर नगर परिषद और चिकित्सा विभाग एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं।

वार्ड पार्षद एडवोकेट सलीम खान ने बताया कि 2021 में उन्होंने शहर के 42 पार्षदों के साइन करवाकर इस खाली पड़ी जमीन (खांचा) को उपयोग में लिए जाने का प्रस्ताव रखा था। इस दौरान इस समय बीसीएमओ रहे ओपी धानिया ने यह जमीन उप स्वास्थ्य केंद्र के लिए चिकित्सा विभाग को देने का प्रस्ताव रखा।

पार्षद ने बताया कि 24 फरवरी 2022 को परिषद की साधारण सभा की बैठक में उनकी ओर से रखा प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हो गया। जिसके बाद परिषद ने 20 अक्टूबर 2022 को 582.44 वर्ग मीटर जमीन का पट्टा जारी कर बीसीएमओ को सौंप दिया था। इसके बाद अभी तक उप स्वास्थ्य केंद्र के लिए बजट जारी नहीं होने के कारण यह जमीन खुली पड़ी है। जिस पर गंदगी का आलम है।

पार्षद का कहना है कि यहां उप स्वास्थ्य केंद्र खुलने से आसपास के दस वार्ड के लोगों को फायदा मिल सकता है। लेकिन इसके विपरीत यहां फैली गंदगी से लोगों को भारी परेशानी हो रही है। पिछले दो साल में उन्होंने कई बार नगर परिषद और बीसीएमओ ऑफिस में लिखित मौखिक शिकायतें की, लेकिन कोई हल नहीं निकला।

विधायक मनोज मेघवाल ने बताया कि 2023 में मेरी अनुशंसा पर सरकार ने यहां उप स्वास्थ्य केंद्र की स्वीकृति दी थी। उस समय एक भामाशाह को यहां भवन निर्माण के लिए तैयार किया था। लेकिन उनकी अचानक मृत्यु हो गई। इसके बाद विधानसभा और लोकसभा चुनाव के चलते अचार संहिता के कारण बजट जारी नहीं हो पाया। वित्तीय स्वीकृति आ गई है। जल्दी ही बिल्डिंग बनेगी।

एक्सईएन राजेश सोलंकी ने बताया कि 15वां वित्त आयोग योजना में नूरनगर उप स्वास्थ्य केंद्र के लिए 55 लाख की वित्तीय स्वीकृति हुई है। टेंडर लगा दिए गए हैं, जल्दी ही काम शुरू होगा।

नगर परिषद एटीपी उदय सिंह ने बताया कि पट्टा देकर निशुल्क हैंड ओवर करने के बाद प्लाट की देखभाल और सफाई की जिम्मेदारी चिकित्सा विभाग की है। दो साल में चिकित्सा विभाग ने यहां बिल्डिंग बनाना तो दूर, फेंसिंग तक नहीं करवाई। जिसके कारण यहां ये हालत है। फिर भी कूड़ा ज्यादा इकट्ठा होने पर परिषद ने कई बार यहां सफाई करवाई है। लेकिन हम किसी भी विभाग की जमीन पर रेगुलर सफाई नहीं करवा सकते। हमारे पास पूरे शहर की जिम्मेदारी है।

कार्यवाहक बीसीएमओ डॉ. भूपेन्द्र ने बताया कि जब तक बिल्डिंग नहीं बनती, सफाई करवाना नगर परिषद की जिम्मेदारी है।

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