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अध्यक्ष-कोषाध्यक्ष पर करोड़ों के गबन का आरोप:कोटड़ी धाम ट्रस्ट के नाम से चंदा लिया, अकाउंट से निकाले 2.25 करोड़


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अध्यक्ष-कोषाध्यक्ष पर करोड़ों के गबन का आरोप:कोटड़ी धाम ट्रस्ट के नाम से चंदा लिया, अकाउंट से निकाले 2.25 करोड़

अध्यक्ष-कोषाध्यक्ष पर करोड़ों के गबन का आरोप:कोटड़ी धाम ट्रस्ट के नाम से चंदा लिया, अकाउंट से निकाले 2.25 करोड़

सीकर : श्री सावित्री जन कल्याण ट्रस्ट कोटड़ी धाम (खंडेला) के सदस्यों ने ट्रस्ट के फर्जी अध्यक्ष व कोषाध्यक्ष बनकर ट्रस्ट के अकाउंट से 2 करोड़ 25 लाख रुपए निकाल लिए। इस धोखाधड़ी में बैंक प्रबंधन पर भी शामिल होने के आरोप लगे हैं। मामला सीकर के कोतवाली थाना क्षेत्र का है।

पूर्व सदस्य ने दी रिपोर्ट

पुलिस को दी रिपोर्ट में ट्रस्ट के पूर्व सदस्य तुलसीराम (38) निवासी नोहर (हनुमानगढ़) हाल निवासी रंगोली रेजिडेंसी शास्त्री नगर (सीकर) ने बताया कि वह श्री सावित्री जन कल्याण ट्रस्ट कोटडी धाम का पूर्व कार्यकारिणी सदस्य है। ट्रस्ट एक विधिवत पंजीकृत ट्रस्ट है जो देवस्थान विभाग जयपुर से अधिकृत है।

रिपोर्ट में बताया- इस ट्रस्ट के डीड के मुताबिक ट्रस्ट में 13 प्रन्यासी होते हैं। जिनमें से 9 का चुनाव 5 वर्ष बाद होता है तथा 9 चुने हुए प्रन्यासियों द्वारा चार अन्य प्रन्यासियों को मनोनीत किया जाता है। इस प्रकार प्रन्यास मंडल के कुल 13 सदस्य होते हैं। इन 13 प्रन्यासियों द्वारा इनमें से ही तीन प्रन्यासी अध्यक्ष, मंत्री, व कोषाध्यक्ष प्रत्येक 2 वर्ष से चुने जाते हैं।

प्रन्यास मंडल का सम्मेलन साल में एक बार होना आवश्यक है। इन परिस्थितियों में पदाधिकारियों का कार्यकाल अधिकतम एक वर्ष बढ़ाने का प्रावधान है। ट्रस्ट की चल-अचल संपत्तियां, धनराशि का ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा व्यक्तिगत उपयोग में नहीं लिए जाने का प्रावधान है। लेखे-जोखे की जानकारी पदाधिकारियों को ट्रस्ट के साधारण वार्षिक सम्मेलन में देनी होती है।

धोखाधड़ी कर खुद अध्यक्ष बनने का आरोप

रिपोर्ट में बताया- ट्रस्ट के 2 सदस्यों ने ट्रस्ट व प्लेटफार्म के साथ धोखाधड़ी करते हुए खुद ही अध्यक्ष व कोषाध्यक्ष बनकर विधि विरुद्ध चंदा वसूली की तथा ट्रस्ट के नाम पर लिए करोड़ों रुपए हड़प लिए।आरोपी रामकुमार सोनी निवासी फतेहपुर (सीकर) अध्य्क्ष व शम्भूदयाल रतनगढ़ (चुरु) कोषाध्यक्ष बना। दोनों ने खुद को ट्रस्ट के कागजों में अध्यक्ष व कोषाध्यक्ष नियुक्त कर लिया।

जिसके बाद दोनों आरोपियों ने मिलकर ट्रस्ट के एक बैंक अकाउंट के अलावा दो अन्य बैंक अकाउंट खुलवा लिए। जिसके बाद ट्रस्ट के नाम से समाज के अनेक लोगों से करोड़ों रुपए की राशि चंदे के रूप में प्राप्त कर ली। फर्जी अध्यक्ष व कोषाध्यक्ष ने ट्रस्ट के नाम पर 2 करोड़ 25 लाख रुपए निकाल लिए। इस गबन में बैंक प्रबंधन पर भी शामिल होने के आरोप हैं।

ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने मामले की जांच की तो करोड़ों के गबन का मामला सामने आया। फिलहाल कोतवाली थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामले की जांच एएसआई सोहनलाल कर रहे है।

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