भीलवाड़ा : जहाजपुर में कल जुलूस पर पथराव के बाद पालकी को कल्याण मंदिर के पास रखकर धरना दिया गया। धरना रात 11 बजे खत्म हो गया था लेकिन पालकी को वहीं रखा गया। 10 लोग पालकी के पास रातभर बैठे रहे। रविवार सुबह इलाके में शांति है। पुलिस का कहना है कि हालात नियंत्रण में हैं।
पालकी (बेवाण) को लेकर सुबह 10 बजे फैसला लिया जाएगा। लोगों की मांग है कि दोबारा जुलूस निकाला जाए और पालकी को सम्मान के साथ पहुंचाया जाए। फैसला होने तक बाजार बंद रहेगा। कस्बे में अतिरिक्त पुलिस जाप्ता तैनात है। संवेदनशील इलाकों में पुलिस फोर्स लागाई गई है। प्रशासनिक अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
शाहपुरा जिले के जहाजपुर में जल झूलनी एकादशी के जुलूस के दौरान जमकर हंगामा हुआ। नारेबाजी के बाद भगदड़ मच गई। एक इमारत से जुलूस में शामिल लोगों पर पथराव किया गया। इसमें 8 साल के बच्चे समेत कुछ लोग चोटिल हो गए। घटना के विरोध में जहाजपुर के बाजार को 14 सितंबर की शाम 4 बजे बंद करा दिया गया। इसके बाद विधायक गोपीचंद मीणा की अगुवाई में कल्याणजी मंदिर के पास लोग धरने पर बैठ गए। धरना देर रात 11 बजे तक चला।
कलेक्टर बोले- उचित एक्शन लिया
शाहपुर जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया- घटना के तुरंत बाद मैं और एसपी राजेश कांवट मौके पर पहुंच गए थे। दोनों पक्षों को समझाया और मौके से हटाया। रात में पुलिस जाप्ता लगाया। जो उचित एक्शन लेना चाहिए वह लिया जा चुका है। कुछ लोगों को डिटेन किया, इनमें एक महिला भी है। रात में दो-तीन छुटपुट घटनाएं हुईं।
अवैध अतिक्रमण के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है। दो इमारतों के खिलाफ नोटिस जारी किए हैं। लोगों का कहना है कि निर्माण अवैध रूप से किया गया है। तालाब के पास कुछ अवैध केबिन हटाए गए। एसडीएम हालात देख रहे हैं।
पुलिस ने माहौल बिगाड़ने के आरोप में 12 लोगों को डिटेन कर लिया था। रात 8.30 बजे विधायक की अगुवाई में धरने पर बैठे लोग बुलडोजर-बुलडोजर के नारे लगाने लगे। ये लोग उस इमारत को तोड़ने की मांग कर रहे थे, जहां से पथराव हुआ था।
रात 8.30 बजे नगर पालिका मंडल जहाजपुर ने शाहपुरा रोड पर अवैध केबिन हटाने की कार्रवाई शुरू की। नगर पालिका चेयरमैन नरेश मीणा के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई।
नगर पालिका मंडल ने मांगे इमारतों के दस्तावेज
शनिवार दोपहर 3.15 बजे जल झूलनी एकादशी पर किले से जुलूस शुरू हुआ था। जुलूस शाम 4 बजे के करीब मार्केट में पहुंचा। यहां दूसरे पक्ष के लोगों ने नारेबाजी और हंगामा किया। इसके बाद माहौल गर्मा गया। मार्केट में एक इमारत से लगातार पत्थर बरसाए गए। इसका वीडियो भी सामने आया।
घटना के विरोध में जहाजपुर विधायक गोपीचंद कल्याणजी मंदिर के पास धरने पर बैठ गए। गोद में 8 साल का बच्चा बैठा था, जिसके हाथ पर पट्टी बंधी थी। दावा किया गया कि पत्थरबाजी में बच्चा घायल हो गया। विधायक ने जिस इमारत से पथराव किया गया उसे अवैध बताते हुए बुलडोजर चलाने की मांग कर डाली।
शाम को नगर पालिका मंडल जहाजपुर ने भी दो इमारतों के स्वामित्व पट्टा और निर्माण स्वीकृति के दस्तावेज 24 घंटे में पेश करने के ऑर्डर जारी कर दिए।
लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि इतनी बड़ी संख्या में इमारत में पत्थर कहां से आए। लोगों ने मांग की कि पूरी इमारत की तलाशी ली जाए, वहां अवैध हथियार हो सकते हैं। इमारत को अवैध बताकर लोगों ने बुलडोजर चलाने की ही मांग की।
विधायक गोपीचंद मीणा ने रात 11 बजे धरना खत्म करने के बाद कहा- पुलिस ने हमारी मांगें मान ली है। 12 लोगों को डिटेन किया गया है। दो इमारतों को नोटिस दिए गए हैं। 6 बुलडोजर से अवैध निर्माण तोड़े जा रहे हैं। शांति कायम करने के प्रयास करेंगे।
एसपी बोले- मामले की जांच चल रही है
मामले को लेकर एसपी राजेश कांवट ने कहा- घटना के बाद माहौल बिगाड़ने वाले 12 लोगों की पहचान कर उन्हें डिटेन कर लिया गया। मामले की जांच चल रही है। इसमें और लोगों की भूमिका भी पाई गई तो उन्हें डिटेन करेंगे। जांच में दोषी पाए जाने पर गिरफ्तार किया जाएगा। कानून-व्यवस्था और शांति स्थापित करना हमारी प्राथमिकता है।
CLG की मीटिंग से है दोनों पक्षों में विवाद
सूत्रों के हवाले से यह बात सामने आई कि बुधवार 11 सितंबर को जुलूस को लेकर जहाजपुर में सीएलजी की मीटिंग हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों के लोग शामिल थे। इस दौरान एक पक्ष ने जुलूस का रूट बदलने की मांग की थी। इस पर दूसरा पक्ष इसी रूट से जुलूस निकालने पर अड़ गया।
साथ ही पहले पक्ष पर यह आरोप लगाया कि आपका जुलूस निकला था तो नियमों का उल्लंघन किया गया था। इस आरोप से दूसरा पक्ष उखड़ गया और मीटिंग छोड़कर निकल गया। बताया जा रहा है कि उस मीटिंग के बाद ही दूसरे पक्ष ने किले से निकलने वाले जुलूस में हंगामा करना तय कर लिया था।
नगर पालिका के बोर्ड से स्टीकर पोस्टर हटाने से भी गुस्सा स्थानीय लोगों ने बताया- सोमवार को दूसरे पक्ष का जुलूस निकलना है। इसे लेकर पूरे कस्बे में पोस्टर-बैनर और स्टीकर लगाए गए। नगर पालिका बोर्ड पर भी पोस्टर लगाकर ढंक दिया गया था। नगर पालिका टीम ने पहुंचकर पोस्टर हटाया तो युवाओं में गुस्सा था। बताया जा रहा है कि इसे लेकर भी एक पक्ष के युवाओं में नाराजगी थी।
पुलिस पर नाकामी के लगाए आरोप स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मामले में पुलिस की भी नाकामी रही। सीएलजी की बैठक में विवाद सबके सामने था। दूसरे पक्ष को मनाकर मीटिंग में बुलाया जाता और संवाद कायम किया जाता तो यह घटना नहीं होती।
लोगों ने यह आरोप भी लगाया कि जुलूस के रास्ते में एक पक्ष के 200 से 300 युवा अलग-अलग स्थानों पर जुटे थे। उन्होंने जुलूस आते देख चिल्लाकर कहा- रोको-रोको। इसके बाद पत्थरबाजी शुरू हुई। यहां भी पुलिस से चूक हुई। जुलूस के रास्ते में दूसरे पक्ष को जुटने से रोकना चाहिए था।
भीलवाड़ा के सांगानेर में देर रात गणेश पंडाल पर पथराव से तनाव
भीलवाड़ा के सांगानेर में भी गणेश महोत्सव के दौरान एक पंडाल पर पत्थर फेंकने से माहौल बिगड़ गया। घटना 10.30 बजे के करीब हुई। इसके बाद गुस्साए लोगों ने सांगानेर पुलिस चौकी को घेरकर धरना दिया। वे आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। पुलिसकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे और जायजा लिया।