जोधपुर : फाइटर जेट की कमी से जूझ रही भारतीय वायुसेना को सात माह की देरी के बाद पहला स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस मार्क-1 ए अक्टूबर के अंत तक मिल जाएगा। एयरफोर्स को हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से 83 फाइटर जेट आपूर्ति होनी है, लेकिन अमेरिका से जीई इंजन मिलने में देरी की वजह से उत्पादन प्रभावित हो रहा हैं। इसी मुद्दे पर बोलते हुए वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने गुरुवार को जोधपुर में कहा- एलसीए तेजस का उत्पादन बढ़ाने के लिए एयरफोर्स ने एचएएल को निजी भागीदारी यानी पीपीपी मॉडल पर इसकी प्रोडक्शन लाइनें स्थापित करने का प्रस्ताव दिया हैं।
आने वाले सालों में एयरफोर्स की 300 स्वदेशी विमानों को बेड़े में शामिल करने की योजना हैं। इसमें पांचवीं पीढ़ी का अमका एयरक्राफ्ट भी शामिल हैं। जोधपुर एयरबेस पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वायुसेना प्रमुख चौधरी ने कहा- मल्टी नेशनल एयर एक्सरसाइज \”तरंग शक्ति’ में तेजस ने शानदार प्रदर्शन किया हैं।
अभी एचएएल को 83 तेजस मार्क1 ए का ऑर्डर दिया जा चुका है और इसके बाद 97 विमानों नया ऑर्डर देने की तैयारी हैं। ऐसे में विमान की आपूर्ति पूरी होने में कुछ साल लगेंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारतीय वायुसेना प्रमुख के अलावा मित्र देशों के वायुसेना अफसरों ने युद्धाभ्यास की तारीफ की।
अमेरिका से नवंबर में मिलेंगे जीई इंजन तेजस का उत्पादन प्रभावित होने की एक और वजह अमेरिका से जीई इंजन की सप्लाई में देरी है। इसे लेकर हाल ही में अमेरिका यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री ने ये मुद्दा उठाया था। तब अमेरिकी इंजन निर्माता कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) ने इस साल नवंबर तक एफ 404-आईएन 20 इंजन की सप्लाई करने का भरोसा दिया है। जीई भारत को हर महीने दो इंजन की सप्लाई करेगी।