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खटारा वाहनों से ड्यूटी; तय 2 लाख किमी से दोगुने चल चुके पुलिस लाइन सहित 10 थानों के 23 वाहन


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खटारा वाहनों से ड्यूटी; तय 2 लाख किमी से दोगुने चल चुके पुलिस लाइन सहित 10 थानों के 23 वाहन

खटारा वाहनों से ड्यूटी; तय 2 लाख किमी से दोगुने चल चुके पुलिस लाइन सहित 10 थानों के 23 वाहन

चूरू : राजलदेसर पुलिस थाने की गाड़ी धक्का स्टार्ट है। क्षेत्र में सोमवार को हुए सड़क हादसे के सिलसिले में राजलदेसर के राजकीय अस्पताल में आई पुलिस की गाड़ी बंद हो गई। काफी देर तक गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई। बाद में लोगों ने धक्का लगवाकर गाड़ी को स्टार्ट करवाया गया। 2015 मॉडल की ये बोलेरो कैंपर 3.63 लाख किमी चल चुकी है। फिलहाल इस गाड़ी की हालत ये है कि बिना धक्का लगाए ये स्टार्ट नहीं होती।

पुलिस लाइन सहित जिले के 10 थानों के वाहन कई सालों से खटारा स्थिति में चल रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि 11 कंडम वाहन पुलिस लाइन में खड़े-खड़े कबाड़ बन रहे हैं। राजस्थान मोटर गैरेज के अनुसार नियम ये है कि वाहन दो लाख किमी चलने और आठ साल पूरे करने के बाद कंडम मान लिए जाते हैं। हकीकत ये है कि पुलिस के 23 वाहन इससे दोगुनी किमी चल चुके हैं। कई वाहन तो 5 लाख किमी से भी ज्यादा चल चुके हैं।

पुलिस को इन्हीं वाहनों से अपराधियों का पीछा करने से लेकर गश्त और वीआईपी ड्यूटी करनी पड़ती है। खटारा वाहनों के चलते अपराधियों का पीछा करने से लेकर वीआईपी ड्यूटी तक में पुलिस को दिक्कत होती है। पिछले चार से अधिक एसपी द्वारा कंडम वाहनों के निस्तारण व खटारा हालत में चल रहे वाहनों की जगह नए वाहन उपलब्ध करवाने को लेकर कई बार पत्राचार किया जा चुका है। इसके बावजूद अभी तक समाधान नहीं हुआ।

एसएचओ गीता रानी के अनुसार कुछ महीने पहले इसकी मरम्मत भी करवाई थी। गाड़ी की इस खराबी के चलते कई बार परेशानी होती है। विशेषकर किसी अपराधी की सूचना पर पीछा करने या अन्य किसी घटनास्थल पर जाने के दौरान गाड़ी के बंद होने या धक्का लगाकर स्टार्ट करने के कारण परेशानी होती है। सड़क हादसे के दौरान मौके पर समय पर पहुंचने में दिक्कत आती है।

1. अपराधियों का पीछा करने में आती है दिक्कत : पिछले कुछ साल से तस्करी सहित अन्य अपराध से जुड़े अपराधी लग्जरी गाड़ी का उपयोग करने लगे हैं। पुलिस के पास पुराने और खटारा वाहन हैं। अपराधियों को पकड़ना तो दूर, सही तरीके से पीछा भी नहीं कर पाती।

2. हादसे की आशंका : पुराने वाहनों के कारण हमेशा दुर्घटना की भी आशंका बनी रहती है। अपराधियों का पीछा करने सहित वीआईपी व मंत्री आदि के एस्कॉर्ट करने के दौरान हादसे का डर बना रहता है। जिले में सालासर बालाजी धाम होने के चलते वीआईपी का आवागमन ज्यादा रहता है।

3. मेंटेनेंस का खर्चा : पुराने वाहनों के उपयोग के कारण इनके बार-बार मेंटेनेंस पर रुपए और समय बर्बाद होता है। ये वाहन पुराने होने के कारण अक्सर कोई ना कोई खराबी आ ही जाती है।

हरियाणा व पंजाब के थानों में ज्यादातर नए वाहन : सीमावर्ती राज्य हरियाणा व पंजाब में अधिकतर थानों में नए और आधुनिक वाहन उपलब्ध करवाए हुए हैं। राजस्थान में भी इससे सीख लेकर थानों में नए और आधुनिक वाहन उपलब्ध करवा जा सकते हैं।

वाहन थाना मॉडल चलने की दूरी बोलेरो हाइवे राजगढ़ 2013 5.70 जीप थाना भानीपुरा 2012 5.23 जीप सदर चूरू 2012 5.03 बोलेरो यातायात चूरू 2012 4.74 बोलेरो डीएसटी राजगढ़ 2015 4.74 जीप थाना सांडवा 2015 4.73 जीप पुलिस लाइन 2012 4.59 जीप रतननगर थाना 2012 4.54 जीप थाना भालेरी 2015 4.53 बोलेरो हाइवे सुजानगढ़ 2013 4.28 जीप थाना सिद्धमुख 2016 3.87 बोलेरो हाइवे रतनगढ़ 2012 3.62 बोलेरो थाना राजलदेसर 2015 3.63 बोलेरो थाना तारानगर 2015 3.38 मिनी बस पुलिस लाइन 2011 3.21 बोलेरो थाना साहवा 2016 3.21 बोलेरो गोठया चौकी 2015 3.14 बोलेरो महिला थाना चूरू 2016 3.02 ( वाहन चलने की दूरी लाख किमी में है। इनके अलावा भी कई अन्य वाहन दो लाख किमी से ज्यादा चल चुके हैं।)

पुलिस लाइन में 11 वाहन कंडम हालत में खड़े हैं। इनमें वर्ष 2012 मॉडल की तीन, वर्ष 2013 की दो व वर्ष 2020 की एक बोलेरो शामिल है। इसी तरह वर्ष 2008 मॉडल की एक व वर्ष 2012 मॉडल की दो कुल तीन जीप थार भी कंडम हालत में पुलिस लाइन में खड़ी है। वर्ष 2015 मॉडल की एक शिफ्ट डिजायर व एक अन्य वाहन भी कंडम हालत में हैं। इसी तरह पुलिस के पास कुल 22 बाइक है। इनमें से वर्ष 2011 मॉडल की दो बाइक कंडम हालत में खड़ी हैं।

जिले की पुलिस उपलब्ध संसाधनों म भी बेहतरीन काम कर रही है। कंडम वाहन बदलने व नीलामी करने की प्रक्रिया है। कंडम वाहन हटाकर उनके बदले नए वाहन लाने के संबंध में समय-समय पर मुख्यालय से पत्राचार किया जाता रहा है। -जय यादव, एसपी, चूरू

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