बाड़मेर : डीआरआई ने भारत-पाक सीमा के पास चल रही एमडी ड्रग फैक्ट्री पकड़ी है। मुम्बई में पकड़े गए एक आरोपी से पूछताछ में आई जानकारी के बाद रामसर थाना क्षेत्र के खारा राठौड़ान के कोटड़ियों का तला सरहद में रेतीले धोरों के बीच इस फैक्ट्री पर छापा मारा गया। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की 15 सदस्यीय टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। छापे के बाद स्थानीय पुलिस को सूचना दी गई है।
जानकारी के मुताबिक खारा राठौड़ान से आगे कोटडिय़ों का तला से करीब तीन किमी दूर धोरों के बीच एक ढाणी में ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा था। बताया जा रहा है कि यहां लगी मशीनरी से एमडी ड्रग्स बनाया जाता था। कुछ लोग आते थे, ड्रग्स बनाने के बाद तैयार माल लेकर जाते थे। फैक्ट्री ऐसी जगह बनाई गई है, जहां वाहन तो दूर पैदल भी पहुंचना मुश्किल है। मुंबई में ड्रग्स के साथ एक युवक के पकड़े जाने के बाद डीआरआई की टीम मंगलवार सुबह 6 बजे पहुंची। टीम के सदस्यों ने जांच पड़ताल के बाद फैक्ट्री को पूरी तरह से सीज कर दिया गया है। मौके से एक युवक को हिरासत में लिया है। एक साथी फरार होने की सूचना है।
20 फीट ऊंचाई के कमरे लगी मशीन, केमिकल भी बरामद
फैक्ट्री सूनसान रेतीले धोरों के बीच लगाई गई थी। यहां एक 20 फीट की ऊंचाई में कमरा बना रखा है, जिसमें ड्रग्स बनाने की मशीनरी के साथ एसी भी लगा रखी थी। इसके अलावा एक जनरेटर लगा है। तोल के लिए इलेक्ट्रोनिक कांटा के अलावा भी कई तरह के उपकरण बरामद हुए है। जहां फैक्ट्री लगी है, वहां बिजली भी पहुंचा दी गई है। बिजली के अलावा वहां साइलेंट जनरेटर भी लगाया हुआ था। इसके बावजूद पुलिस को भनक तक नहीं लगी।
एक साल से चल रही फैक्ट्री, लाखों में बिकती है एमडी
सूत्रों से मिली जानकारी में सामने आया है कि फैक्ट्री में एक साल से एमडी ड्रग्स बन रही थी, लेकिन बाड़मेर पुलिस व स्थानीय भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को भनक तक नहीं लगी। तस्करों ने धोरों में ऐसे रास्ते बना रखे थे, जहां सिविल वाहन पहुंच ही नहीं सकता है। ड्रग्स मुंबई सहित देशभर में सप्लाई होने की सूचना है। वहीं एमडी तैयार होने के बाद प्रति किलोग्राम 12 लाख रुपए की दर से बिकती है।