जयपुर : डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर की लापरवाही के चलते बीएससी नर्सिंग इन आयुर्वेद में स्नातक करने वाले 309 विद्यार्थियों का भविष्य अधरझूल में अटका हैं। विवि ने राजस्थान आयुर्वेद नर्सिंग काउंसिल से डिग्री कोर्स संचालित करने की मान्यता बगैर ही अपने स्तर पर डिग्री दे दी। जिससे अब पंजीकरण के मामले में संकट मंडराता नजर आ रहा है।
अगर पंजीकरण नहीं होगा तो सरकारी नौकरी नहीं लगेगी। जोधपुर विवि प्रशासन का तर्क है कि पहले तो विश्वविद्यालय की ओर से ही प्रवेश देकर परीक्षा आयोजित की जा रही थी। लेकिन वर्ष 2019 के बाद राजस्थान आयुर्वेद काउंसिल से मान्यता लेना अनिवार्य कर दिया था। इधर, अखिल राजस्थान राज्य आयुष नर्सेज महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष छीतर मल सैनी ने छात्रों के भविष्य को देखते हुए सरकार को उचित निर्णय लेने की अपील की है।
नर्सिंग काउंसिल से बिना मान्यता प्राप्त कॉलेजों द्वारा बीएससी नर्सिंग डिग्री कोर्स पास आउट छात्रों द्वारा काउंसिल में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने पर पता लगा कि संस्थानों ने काउंसिल से मान्यता ही नहीं ली। विवि जोधपुर के रजिस्ट्रार प्रो.मोहित सक्सेना ने बताया कि आयुर्वेद में बी.एससी नर्सिंग के छात्रों को शिथिलता देने के लिए सरकार को पत्र लिखा है। सरकार की अनुमति का इंतजार है।