जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद आरिफ चंदेल
झुंझुनूं : मदरसा मुफीदुल इस्लाम में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस गुरुवार को शिक्षक दिवस के रूप में बनाया गया। मदरसा के छात्र-छात्राओं ने भी अध्यापक -अध्यापिकाओं की भूमिका निभाते हुए कक्षाओं में जाकर जूनियर को शिक्षा का पाठ पढाया। वहीं विधार्थियों ने कक्षाओं को गुब्बारों व पोस्टर से सजाया। छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुतियां दी।
इस दौरान मदरसा शिक्षा अनुदेशक अब्दुल हमीद खान व वसिम कुरैशी ने शिक्षक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षक साधारण नहीं होता है, शिक्षक समाज के पथ प्रदर्शक व राष्ट्र निर्माता होते हैं। शिक्षक विधार्थियों को सही शिक्षा देकर उन्हें आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार करते हैं और उन्हें एक सभ्य नागरिक बनाने का प्रशंसनीय कार्य करते हैं।
इसके साथ महिला शिक्षा अनुदेशक अकीला बानों ने मदरसा के छात्र-छात्राओं को बताया कि शिक्षक वह दीपक है, जो हमें अज्ञानता के अंधकार को दूर कर जीवन में ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं। फारुक सोलंकी ने छात्रों को बताया कि शिक्षक समाज की रीड की हड्डी है। वही हमारे जीवन के गुरु होते हैं, जो सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं देते हैं बल्कि समाज की सभी सच्चाइयों का ज्ञान देते हैं।
पेन, गिफ्ट व फूल देकर शिक्षकों का छात्र-छात्राओं ने किया सम्मान
मदरसा के छात्र-छात्राओं ने अपने पंसदीदा अध्यापक व अध्यापिका को पेन, गिफ्ट्स व किताब के गिफ्ट्स देकर शिक्षकों का सम्मान किया। इस दौरान शिक्षा अनुदेशक रूखसार बानो, अब्दुल हमीद खान, समीरा बानों, मोहम्मद हारुन कुरैशी, अकीला बानो, वसिम कुरैशी, फारुक सौलंकी ,ममता शर्मा व सुशीला कुमावत सहित मदरसा के छात्र व अभिभावक मौजूद रहे।