पश्चिम बंगाल विधानसभा में एंटी रेप बिल पास:पीड़ित कोमा में गई या मौत हुई तो दोषी को 10 दिन में फांसी होगी
पश्चिम बंगाल विधानसभा में एंटी रेप बिल पास:पीड़ित कोमा में गई या मौत हुई तो दोषी को 10 दिन में फांसी होगी
पश्चिम बंगाल : पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को एंटी रेप बिल पास हो गया। नए कानून के तहत रेप केस की 21 दिन में जांच पूरी करनी होगी। इसके अलावा पीड़ित के कोमा में जाने या मौत होने पर दोषी को 10 दिन में फांसी की सजा होगी। भाजपा ने भी बिल का समर्थन किया है।
इसे अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024 (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) नाम दिया गया है। अब इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। उसके बाद यह राष्ट्रपति के पास जाएगा। दोनों जगह पास होने के बाद यह कानून बन जाएगा।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 8-9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर हुआ था। इसके बाद देशभर में डॉक्टरों और राजनीतिक दलों के प्रदर्शन के बाद ममता बनर्जी ने कहा था कि वो राज्य में रेप जैसे अपराध के लिए सख्त कानून बनाएंगी। उन्होंने प्रधानमंत्री को भी इसके लिए दो बार चिट्ठी लिखी थी।
अपराजिता एंटी रेप बिल के प्रावधान
- अगर रेप पीड़ित की मौत होती है या फिर वह कोमा में जाती है, तो दोषी को फांसी दी जाएगी।
- रेप-गैंगरेप के दोषियों को पैरोल के बिना उम्रकैद की सजा दी जाएगी।
- रेप केस की जांच 21 दिनों में पूरी करनी होगी। इसे 15 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है।
- हर जिले में ‘अपराजिता टास्क फोर्स’ बनाई जाएगी। इसका नेतृत्व DSP लेवल के अधिकारी करेंगे।
सदन में सरकार और विपक्ष के 2 बयान…
बिल से जुड़े 9 सवाल और उनके जवाब…
1. बिल का नाम क्या है और इसका मकसद?
जवाब: बंगाल सरकार ने बिल को अपराजिता वुमन एंड चाइल्ड बिल 2024 नाम दिया है। इसका मकसद वेस्ट बंगाल क्रिमिनल लॉ एंड अमेंडमेंट बिल में बदलाव कर रेप और यौन शोषण के मामलों में महिलाओं-बच्चों की सुरक्षा बढ़ाना है।
2. दोषी को फांसी की सजा कब होगी?
जवाब: अगर रेप के बाद विक्टिम की मौत हो जाती है या फिर वो कोमा में चली जाती है तो इस स्थिति में रेप के दोषी को फांसी की सजा दी जाए।
3. रेपिस्ट को उम्रकैद दी गई तो जेल की अवधि क्या होगी?
जवाब: बिल में कहा गया है कि रेप-गैंग रेप के दोषी को उम्रकैद की सजा दी जाए। इसमें उसे सारी उम्र जेल में रखा जाए। इस दौरान उसे पैरोल भी ना दी जाए। मौजूदा कानून के तहत उम्रकैद की कम से कम सजा 14 साल है। उम्र कैद की सजा सुनाए जाने के बाद सजा माफी हो सकती है, पैरोल दी जा सकती है। सजा कम भी की जा सकती है, लेकिन जेल में 14 साल बिताने होंगे।
4. बिल में किन-किन धाराओं में बदलाव किया गया है?
जवाब: बिल ड्राफ्ट में भारतीय न्याय संहिता के सेक्शन 64, 66, 70(1), 71, 72(1), 73, 124(1) और 124 (2) में बदलाव का प्रस्ताव है। इसमें मुख्य तौर पर रेप की सजा, रेप और मर्डर, गैंगरेप, लगातार अपराध करना, पीड़ित की पहचान उजागर, एसिड अटैक के मामले शामिल हैं। इसमें सेक्शन 65(1), 65 (2) और 70 (2) को हटाने का प्रस्ताव है। इसमें 12, 16 और 18 साल से कम उम्र के दोषियों को सजा दी जाती है।
5. रेप-मर्डर और गैंगरेप की जांच पर बिल में क्या है?
जवाब: ड्राफ्ट बिल के मुताबिक, रेप के मामलों में जांच 21 दिन के भीतर पूरी कर ली जानी चाहिए। इस जांच को 15 दिन बढ़ाया जा सकता है, लेकिन यह सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस और इसके बराबर की रैंक वाले अधिकारी ही करेंगे, इससे पहले उन्हें लिखित में इसका कारण केस डायरी में बताना होगा।
6. आदतन अपराधियों के लिए कोई प्रावधान है?
जवाब: ऐसे अपराधियों के लिए भी उम्र कैद की सजा का प्रावधान बिल में है। इसमें दोषी को अपनी आयु पूरी करने तक जेल में रहना होगा। साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा।
7. क्या रेप और मर्डर के मामलों के लिए स्पेशल टीम बनेगी?
जवाब: ड्राफ्ट बिल के मुताबिक, जिला स्तर पर स्पेशल टास्क फोर्स बनाने का प्रस्ताव है, जिसका नाम अपराजिता टास्क फोर्स होगा। इसकी अगुआई DSP करेंगे। ये टास्क फोर्स नए प्रावधानों के तहत मामलों की जांच के लिए जिम्मेदार होगी।
8. पीड़ितों को जल्द न्याय मिले, इसके लिए क्या बदलाव प्रस्तावित हैं?
जवाब: बिल में कहा गया है कि स्पेशल कोर्ट और स्पेशल जांच टीमें बनाई जाएंगी। इन्हें जरूरी संसाधन और विशेषज्ञ मुहैया कराए जाएंगे, जो रेप और बच्चों के यौन शोषण से जुड़े मामले देखेंगे। इनका काम तेजी से जांच, जल्द न्याय दिलाना और पीड़ित को होने वाले ट्रॉमा को कम करना होगा।
9. रेप केस की मीडिया रिपोर्टिंग के लिए कोई नया रूल?
जवाब: हां, कोर्ट की कार्यवाही को प्रिंट या पब्लिश करने से पहले इजाजत लेनी होगी। अगर ऐसा नहीं किया तो जुर्माने के साथ 3 से 5 साल की सजा का प्रावधान रखा गया है।
10. बिल पास करने के लिए राज्यपाल के बाद राष्ट्रपति के पास क्यों भेजा जाएगा?
जवाब: आपराधिक कानून समवर्ती सूची के अंतर्गत आता है, इसलिए इसे राज्यपाल और फिर राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी होगी। भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची में दी गई समवर्ती सूची में वे विषय शामिल हैं जिन पर केंद्र और राज्य सरकार दोनों का अधिकार होता है। समवर्ती सूची में शामिल विषयों पर केंद्र और राज्य सरकार दोनों कानून बना सकते हैं, लेकिन अगर दोनों के कानून में टकराव होता है तो केंद्र सरकार का कानून सर्वोपरि माना जाएगा। समवर्ती सूची में कुल 52 विषय शामिल हैं।
ममता बनर्जी की विधानसभा में कही 6 बातें
- विपक्ष राज्यपाल से कहे कि वो बिल पर साइन करें। कानून बनाना हमारी सरकार की जिम्मेदारी है।
- ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर केस में हम CBI से न्याय चाहते हैं। दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए।
- इस विधेयक के माध्यम से हमने केंद्रीय कानून में मौजूद खामियों को दूर करने की कोशिश की है।
- रेप मानवता के खिलाफ एक अभिशाप है, ऐसे अपराध को रोकने के लिए सामाजिक सुधार जरूरी है।
- क्या होगा अगर मैं उन्हीं वजहों से PM और गृह मंत्री के खिलाफ नारे लगाऊं, जिनके लिए आप मेरे खिलाफ नारे लगा रहे हैं।
- महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून लागू नहीं कर पाने वाले पीएम, गृह मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्रियों को इस्तीफा दे देना चाहिए।
ममता बोलीं- विपक्ष हाथरस-उन्नाव केस पर चुप रहा
ममता ने बिल पर सरकार का पक्ष रखते हुए कहा- पश्चिम बंगाल में महिलाओं के लिए 88 फास्ट ट्रैक कोर्ट और 52 विशेष अदालतें हैं। इनमें 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हैं और उनमें से 3 लाख 11 हजार 489 मामलों का निपटारा किया जा चुका है। फास्ट ट्रैक कोर्ट में 7,000 मामले लंबित हैं।
ममता ने विपक्ष के आरोपों पर कहा- विपक्ष कहता है कि ट्रेनों में रेप होता है, वहां सुरक्षा करना RPF का काम है। विपक्ष उन्नाव और हाथरस मामले पर चुप है। यह हर राज्य में हो रहा है, लेकिन मैं इसका महिमामंडन नहीं कर रही हूं। आज देश में हर दिन 90 रेप केस हो रहे हैं। केवल 2.56% आरोपी ही दोषी ठहराए गए हैं।
कोलकाता रेप-मर्डर केस टाइमलाइन
- 9 अगस्त आरजी कर मेडिकल कोलेज के सेमिनार हौल में ट्रेनी डॉक्टर की अर्चना बीड़ी मिली। मुंह, आंखों और प्राइवेट पार्ट्स से खून बह रहा था।
- 10 अगस्त मिविक वॉलंटियर संजय राय गिरफ्तार हुआ। अरीप्सी रिपोर्ट में रेप के बात हत्या की पुष्टि हुई। कोलकाता में डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू की।
- 12 अगस्त मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपान संदीप धौष ने इस्तीफा दिया। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने देशभर में बंद बुलाया।
- 13 अगस्त कलकत्ता हाईकोर्ट ने CM की आच के आदेश दिए और कहा कि पुलिस ने 5 दिन में कुछ नहीं किया। ऐसे में सबूत मिटाए आ सकते है।
- 14 अगस्त CBI ने जांच शुरू की। आरत्री कर मेडिकार कॉलेज में देर रात करीब 1 हजार लोगों की भीड़ ने हिंसा और तोडफोड
- 16 अगस्त CBI ने संदीप घोष को हिरासत में लिया। वालकता हाईकोर्ट में अस्पताल में हिंसा पर पुलिस की पाटकार
- 18 अगस्त CBI ने आरोपी संजय का साइकोलोजिकल टेस्ट किया। संदीप मौष से भी पूछताछ की। सुप्रीम कोर्ट ने खुद नोटिस चिया।
- 20 अगस्त सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल प्रोफेशनल्स की सेफ्टी के लिए टास्क फोर्स बनाई और कहा कि एक और रेप का इंतजार नहीं कर सकते।
- 21 अगस्त CISF ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा संभाली। हिंसा मामले में 3 पुलिस अफसरों को सस्पेंड किया गया।
- 22 अगस्त सुप्रीम कोर्ट बोला- 30 साल के कास्थिर में ऐसी लापरवाही नहीं देखी की अपील पर डॉक्टरों ने ।। दिन से जारी हड़ताल खत्म की।
- 23 अगस्त सियालदह की स्पेशल कोर्ट ने आरोपी संजय रॉय को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
- 24 अगस्त CBI ने कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, 4 फैलो डॉक्टर के साथ एक बीलंटियर का पीलीग्राफ टेस्ट किया।
- 25 अगस्त आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ। उसने जुर्म कबूल कर लिया और बताया कि यह घटना से पहले रेत लाइट एरिया गया था।
- 27 अगस्त कोलकाता में छाभी ने प्रोटेस्ट रैली निकाली। हिंसा में छात्र और पुलिसकर्मी घायल हुए। 100 से ज्यादा छात्रों को हिरासत में लिया गया।
- 28 अगस्त भाजपा ने 12 घंटे का बंगाल बंद बुलाया। कई जिलों में भाजपा समर्थकों की पुलिस और TMC कार्यकर्ताओं से झड़प हुई। भाजपा नेताओं को हिरासत में लिया गया। IMA ने कॉलेज के पूर्व प्रिसिपल डॉ. संदीप घोष की सदस्यता निलंबित की।
- 29 अगस्त CBI ने आरभी कर मेडिकल कॉलेज के दो सिक्योरिटी गाई का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया।
- 2 सितंबर आरजी कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में CBI ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को गिरफ्तार किया।