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गांव में इंटरनेशनल लेवल का क्रिकेट स्टेडियम:दिल्ली से टीम बुलाकर मैदान तैयार करवाया, स्कूल में ट्रेन के कोच जैसी क्लास और डिजिटल लाइब्रेरी


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गांव में इंटरनेशनल लेवल का क्रिकेट स्टेडियम:दिल्ली से टीम बुलाकर मैदान तैयार करवाया, स्कूल में ट्रेन के कोच जैसी क्लास और डिजिटल लाइब्रेरी

गांव में इंटरनेशनल लेवल का क्रिकेट स्टेडियम:दिल्ली से टीम बुलाकर मैदान तैयार करवाया, स्कूल में ट्रेन के कोच जैसी क्लास और डिजिटल लाइब्रेरी

चूरू : लाइट से जगमगाता ​क्रिकेट स्टेडियम किसी शहर का नहीं ​बल्कि एक गांव का है। इसे तैयार करवाने के लिए दिल्ली से एक्सपर्ट की टीम बुलाई गई और बरमुड़ा घास लगाई गई। चूरू के लाछड़सर गांव में इस स्टेडियम के अलावा यहां का सरकारी स्कूल भी काफी यूनिक है। यहां के क्लास रूम को ट्रेन के कोच जैसा तैयार किया गया है। इसके अलावा 20 लाख रुपए खर्च कर डिजिटल लाइब्रेरी तैयारी की गई है। ये सब किया है गांव की महिला सरपंच धापू देवी ने। पढि़ए कैसे महिला सरपंच ने पूरे गांव की तस्वीर बदल डाली…।

स्टेडियम में चार गुणा दस मीटर का रनिंग ट्रैक भी बनाया गया है।
स्टेडियम में चार गुणा दस मीटर का रनिंग ट्रैक भी बनाया गया है।

सरपंच प्रतिनिधि जगदीश साहू ने बताया कि वर्ष 2020 में उनकी पत्नी धापू देवी ने सरपंच पद के लाछड़सर से चुनाव लड़ा था। उस समय गांव के युवाओं और ग्रामीणों ने बताया कि गांव में खेलने के लिए कोई मैदान नहीं है और ना ही कोई लाइब्रेरी है। इसलिए उसी दिन मन में ठान ली थी की चुनाव जीतने के बाद गांव में खेल स्टेडियम और डिजिटल लाइब्रेरी बनाएगे। उन्होंने बताया कि चुनाव में किए गए वादे को पूरा करने के लिए ग्राम पंचायत की सात बीघा जमीन पर दो साल पहले स्टेडियम का काम शुरू किया। तब पंचायत कोटे और सांसद राहुल कस्वां के कोटे से करीब 63 लाख रुपए की लागत से गांव में चार गुणा दस मीटर का रनिंग ट्रैक, क्रिकेट, वॉलीबाल, खो-खो, फुटबाल स्टेडियम बनाया गया।

स्कूल के क्लास रूम को ट्रेन के डिब्बे का लुक देकर आकर्षक बनाया गया है।
स्कूल के क्लास रूम को ट्रेन के डिब्बे का लुक देकर आकर्षक बनाया गया है।

स्टेडियम में लगाई बरमुडा घास और ड्रिप सिस्टम फव्वारे
सरपंच धापू देवी ने बताया कि शहीद भगत सिंह स्टेडियम निर्माण की परिकल्पना में रतनगढ़ पंचायत समिति के एईएन महेश कुमार अजाड़ीवाल का महत्वपूर्ण सहयोग रहा। स्टेडियम का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद जब घास लगाने की बात आई तो एईएन महेश कुमार अजाड़ीवाल ने इंटरनेशनल खेल मैदान में लगने वाली बरमूडा घास को दिल्ली से मंगवाया। घास मैदान में उगाने के लिए विशेषज्ञ लोगों को बुलाया गया। वहीं, मैदान में अंडर ग्राउंड पाइप लाइन फिटिंग व पानी छिड़काव के लिए ड्रिप सिस्टम फव्वारे भी लगाए गए हैं। स्टेडियम में घास लगाने व ड्रिप सिस्टम फव्वारा निमार्ण में करीब दस लाख रुपए की लागत आई थी। सरपंच ने बताया कि स्टेडियम में बाउंड्री, चार दीवारी, मुख्य गेट, सामुदायिक शौचालय, पानी की प्याऊ, ओपन जीम, झूले, टीन शेड, योगा चौकी का भी निर्माण करवाया गया है।

गांव में बनाई गई डिजिटल लाइब्रेरी में करीब 51 स्टूडेंट के बैठने की व्यवस्था है।
गांव में बनाई गई डिजिटल लाइब्रेरी में करीब 51 स्टूडेंट के बैठने की व्यवस्था है।

20 लाख की लागत से बनाई डिजिटल लाइब्रेरी
सरपंच प्रतिनिधि जगदीश साहू ने बताया कि गांव में करीब दो सौ गज भूमि पर डिजिटल लाइब्रेरी बनाई गई। इसमें करीब 51 स्टूडेंट के बैठने की व्यवस्था है। लाइब्रेरी पूरी तरह वातानुकूलित, इंटरनेट वाईफाई, पानी का फिल्टर प्लांट, शानदार फर्नीचर की व्यवस्था है। इसमें गांव के बच्चे बैठकर तैयारी करते हैं।

पूर्व जिला खेल अधिकारी से मिली थी प्रेरणा
सरपंच प्रतिनिधि जगदीश साहू ने बताया कि गांव में खेल स्टेडियम बनाने की प्रेरणा पूर्व जिला खेल अधिकारी ईश्वरसिंह लाम्बा से मिली थी। उनकी प्रेरणा से ही लाछड़सर में खेल स्टेडियम बनाया गया है। इसके निर्माण में रतनगढ पंचायत समिति सहायक अभियंता महेश कुमार अजाड़ीवाल का तकनीकी रूप से काफी सहयोग रहा है। इस तरह का खेल स्टेडियम चूरू हीं नहीं आसपास के जिलों में भी कहीं नहीं है, जो इंटरनेशनल स्टेडियम की तर्ज पर बना हो। सहायक अभियंता महेश कुमार अजाड़ीवाल ने बताया कि स्टेडियम में दर्शक दीर्घा, इंडोर स्टेडियम, लाइटिंग आदि का कार्य अभी ओर करवाया जाएगा। मगर बजट नहीं होने के कारण यह काम अभी पूरा नहीं हुआ है।

गांव की जर्जर हो चुकी स्कूल बिल्डिंग को नया रूप देकर आकर्षक बनाया गया है।
गांव की जर्जर हो चुकी स्कूल बिल्डिंग को नया रूप देकर आकर्षक बनाया गया है।

रेलगाड़ी के डिब्बों का रूप देकर बनाई स्कूल
सरपंच प्रतिनिधि जगदीश साहू ने बताया कि गांव में एक पुरानी स्कूल थी। जिसकी बिल्डिंग पूरी तरह जर्जर हो चुकी थी। स्कूलों के विलय के समय इसको बंद कर दिया गया था। मगर फिर सरकार से आवेदन कर इसमें महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल खुलवाई गई। जर्जर बिल्डिंग का फिर से निर्माण किया। कक्षाओं को रेलगाड़ी के डिब्बों का रूप दिया गया। फिलहाल स्कूल में करीब 200 बच्चे हैं। वहीं, इसमें एक प्रिंसिपल और 11 टीचर हैं। वर्ष 2022 में स्कूल को फिर से शुरू किया गया था।

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