सिंघाना : सिंघाना कस्बे इन दिनों बंदरों के आंतक से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। समस्या को लेकर ग्रामीण कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं। इसके बावजूद भी समाधान नहीं होने पर प्रशासन से समस्या का समाधान करने की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में इन दिनों बंदरों की संख्या अधिक हो जाने के कारण लोग घरों में रहने को मजबूर हो रहे हैं। बंदर आए दिन किसी न किसी घर में घुसकर बच्चे, बुजुर्गों, राहगीरों, व महिलाओं पर हमला कर घायल कर देते हैं। इसके अलावा घरों में सुखाए जाने वाले कपड़े व सामान को भी उठा ले जाते हैं।
राजेश स्वामी ने बताया कि बंदरों की आतंक की वजह से ग्रामीणों के जान पर आफत बनी हुई है। तीन दिन पहले दोपहर को भी बंदर ने उसके बेटे मनू पर हमला कर घायल कर दिया था। बंदरों की संख्या अधिक होने से लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो रहा है। बंदरों की टोलियां घरों में घुसकर घर में रखा सामान उठा ले जाती हैं। उन्होंने बताया कि बंदरों का इस समय आतंक इस कदर बढ़ गया है कि गांव के सरकारी अस्पताल में बंदर के काटने से रोजाना एक केस आ रहा है, जहां रेबीज का इंजेक्शन लगाकर उनका उपचार किया जाता है। महिला सुनीता देवी ने बताया कि जब वह अपने छत पर कपड़े सुखाने के लिए गई थी। कुछ देर बाद जाकर देखा तो उसके कपड़े वहां नहीं मिले। जब उसने अन्य कपड़े छत से उतारने का प्रयास किया तो बंदरों ने उस पर हमला कर दिया, जिससे वह घायल हो गई। घायल अवस्था में उसे उपचार के लिए राजकीय अस्पताल ले जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि बंदरों की आतंक की समस्या से परेशान होकर ग्रामीण कई बार प्रशासन से इनको पकड़कर दूर ले जाने की मांग उठा चुके हैं, लेकिन प्रशासन मामले को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि यदि प्रशासन ने जल्द ही मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की तो ग्रामीणों की ओर से सिंघाना पालिका कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।