मैं गरीब आदमी हूं। मेरी मां है नहीं। मुझे शादी करनी है। मेरी मदद करो। मेरा नाम नवाब खान है।
हाथ जोड़कर यह अपील 36 साल के नवाब खान ने की है। नवाब खान जैसलमेर के रामगढ़ इलाके कोहरियो का गांव का निवासी है। पांचवी क्लास तक पढ़ा है। पिता मीरे खान की इकलौती संतान है। हालांकि पिता के पास 30 बीघा जमीन है। लेकिन नवाब खान का कहना है कि पिता अगर उसके नाम जमीन कर दें तो शायद कोई अपनी बेटी सौंप दे।
परेशान होकर शुक्रवार को नवाब खान ने रामगढ़ के तहसीलदार महावीर प्रसाद के नाम ज्ञापन तक दे दिया।
ज्ञापन में लिखा- साथियों के बच्चे हो गए, बुढ़ापा कैसे कटेगा
तहसीलदार महावीर प्रसाद को दिए ज्ञापन में नवाब खान ने लिखा- इकलौता बेटा हूं। एक भाई की 6 साल पहले मौत हो गई थी। उम्र 36 साल हो गई है। पिता ने मेरी शादी नहीं की। मेरे सभी साथियों की शादी हो गई। उनके बच्चे भी हो गए। बुढ़ापा अकेले कैसे बीतेगा यही चिंता सताती है।
शादी तो दूर, पिता मेरे हिस्से की जमीन भी नहीं दे रहे हैं। पिता मेरे नाम जमीन कर दें तो जैसे-तैसे किसी परिवार से संपर्क कर शादी कर लूं। लेकिन न तो पिता शादी कर रहे हैं और न जमीन दे रहे हैं, इससे कोई भी मुझसे शादी करने को तैयार नहीं हो रहा।
नवाब खान का ये ज्ञापन शनिवार को सामने आया। जैसलमेर में इस ज्ञापन को लेकर चर्चा हो रही है।
रामगढ़ तहसीलदार ने एसडीएम ऑफिस जाने की राय दी
इस मामले में रामगढ़ तहसीलदार महावीर प्रसाद ने नवाब खान को एसडीएम ऑफिस में बंटवारा करवाने के लिए दावा पेश करने को कहा। तहसीलदार ने बताया- शुक्रवार को ज्ञापन लेकर युवक आया था। उसे एसडीएम ऑफिस में बंटवारा करवाने के लिए दावा पेश करने को कहा है। क्योंकि जमीन बंटवारा केवल एसडीएम ऑफिस के मार्फत ही होता है।
इस मामले में नवाब ने कहा- मैंने ई-मित्र से ज्ञापन बनवाया था। तहसीलदार को दिया। अब कोशिश करूंगा कि एसडीएम कोर्ट में जाकर दावा करूं। ताकि मुझे जमीन में हिस्सा मिले और मेरी शादी हो।
पिता बोले- बड़े बेटे का परिवार जमीन भरोसे पल रहा, छोटा जमीन बेच खाएगा
नवाब खान के पिता मीरे खान (70) ने कहा- मेरे पास केवल 30 बीघा जमीन है। इस पर बारिश के सीजन में ग्वार की खेती करके सालभर परिवार का गुजारा करता हूं। मेरे दो बेटे और तीन बेटियां थीं। तीन बेटियों की शादी कर दी। बड़े बेटे मिश्री खान की भी शादी कर दी थी। उसकी 6 साल पहले पेड़ से गिरकर मौत हो गई थी।
मीरे खान ने बताया- बड़े बेटे मिश्री खान की विधवा पत्नी और 5 बच्चों का पालन पोषण इसी जमीन के भरोसे कर रहा हूं। छोटा बेटा नवाब कोई काम नहीं करता। केवल खेती के भरोसे रहता है। अगर जमीन का बंटवारा करूंगा तो वह जमीन बेच देगा। हम क्या करेंगे। हम गरीब लोग है, हमारे पास पैसा है नहीं इसलिए हम इसकी शादी नहीं करवा सके। लोगों को पैसे वाले घर चाहिएं, हम गरीबों की कोई सुनता नहीं।