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जनता को अपना जनप्रतिनिधि चुनने के लिए अपने विवेक से लेना होगा काम, नॉनस्टॉप नाटकों से बचना होगा


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गुरुग्रामटॉप न्यूज़राज्य

जनता को अपना जनप्रतिनिधि चुनने के लिए अपने विवेक से लेना होगा काम, नॉनस्टॉप नाटकों से बचना होगा

जनता को अपना जनप्रतिनिधि चुनने के लिए अपने विवेक से लेना होगा काम, नॉनस्टॉप नाटकों से बचना होगा

गुरुग्राम : भारत विश्व का सबसे बड़ा प्रजातंत्र कहलाता है परंतु वर्तमान में हरियाणा में दिखाई दे रहा है कि सत्तारूढ़ दल नॉनस्टॉप नाटक से जनता को भ्रमित कर रहा है और इसी प्रकार विपक्ष सत्ता पक्ष पर आरोप लगा रहा है। यह केवल दिखाने मात्र की नजर आता है। वास्तव में हरियाणा में भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस दोनों ही आपसी लड़ाई में लगे हुए हैं। और सभी नेता अपनी टिकट पाने के लिए संघर्षरत हैं।

पहले कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस हरियाणा मांगे हिसाब नाम से दीपेंद्र हुड्डा द्वारा लगातार कार्यक्रम कर रही है। उन कार्यक्रमों में देखने में भीड़ भी खूब नजर आती है लेकिन वास्तविकता यह है कि दीपेंद्र जी रोहतक और झज्जर से कुछ व्यक्तियों को लेकर आते हैं और कुछ उस क्षेत्र के टिकट के महत्वकांक्षी अपनी टिकट पक्की करने के लिए सौ-दौ सौ-पांच सौ व्यक्तियों को ले आते हैं। उनसे यह कहना कि वह सब दीपेंद्र हुड्डा के समर्थक हैं या हरियाणा मांगे हिसाब अभियान के समर्थक हैं, मेरे विचार से तो उचित नहीं। मेरी जनता के अनेक लोगों से बात हुई है। उनका कहना है कि भाजपा ने तो इति कर दी है लेकिन जो कांग्रेस आज हिसाब मांग रही है, वह विपक्षी दल होने के नाते पिछले दस साल कहा था।

अब भाजपा की देखिए, गुरुग्राम जो सबसे अधिक राजस्व देता है वह सारे विश्व में आज कूड़ाग्राम के नाम से विख्यात हो रहा है। मुख्यमंत्री स्वयं भी यहां आकर देख गए। बड़े-बड़े वादे भी कर गए लेकिन परिणाम ढाक के तीन पात। आज एक चित्र सामने आया, जिसमें जिसमें मुख्यमंत्री नायब सैनी और प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडौली एक बैलगाड़ी पर बैठे सफर कर रहे हैं और उनके साथ उनकी सुरक्षा के लिए अनेक आदमी चल रहे हैं। और शायद पीछे कुछ मंत्री भी शामिल हैं। सडक़ बिल्कुल मुख्यमंत्री की बैलगाड़ी चलाने के लिए खाली नजर आ रही है। अब इसे क्या कहें?

इससे क्या दिखाना चाहते हैं मुख्यमंत्री? कि वह हरियाणा को बैलगाड़ी के युग में ले जाना चाहते हैं या यह दिखाना चाहते हैं कि वह इतने शक्तिशाली हैं कि बैलगाड़ी पर बैठकर सफर करते हैं और जनता के टैक्स से वेतन पाने वाले अनेक सिक्योरिटी गार्ड उनकी सुरक्षा में चलते हैं। यह ती मुख्यमंत्री ही बता पाएंगे, मेरी समझ से तो बाहर है। इसी प्रकार आज मुख्यमंत्री ने कुछ रोड़ शो भी निकाले और रोड़ शो में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि सडकें पूरी तरह से भरी हुई हैं। तो चुनाव आयोग का वह नियम कि रोड शो में यातायात अवरूद्ध नहीं होना चाहिए, कहां गया? जनता को यहीं समझना होगा।

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