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रामकृष्ण जयदयाल डालमिया सेवा संस्थान : जागरूकता कार्यक्रम कर दिया जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण का संदेश


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रामकृष्ण जयदयाल डालमिया सेवा संस्थान : जागरूकता कार्यक्रम कर दिया जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण का संदेश

रामकृष्ण जयदयाल डालमिया सेवा संस्थान : जागरूकता कार्यक्रम कर दिया जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण का संदेश

चिड़ावा : वर्षाजल संरक्षण एंव पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अग्रणी चिड़ावा की रामकृष्ण जयदयाल डालमिया सेवा संस्थान द्वारा गाँव गोवली में आज गुरूवार को संस्थान के जल एंव ग्रामीण विकास समन्वयक संजय शर्मा, संस्थान के कृषि पर्यवेक्षक राकेश महला, ग्राम विकास समिति के अध्यक्ष रघुवीर सिंह के सानिध्य में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें जल संरक्षण, कृषि, नशामुक्ति, पर्यावरण सुधार, शिक्षा एवं महिला सशक्तिकरण आदि ग्रामीण विकास की गतिविधियों के बारे में चर्चा की गई।

कार्यक्रम में संजय शर्मा ने उपस्थित सभी ग्रामीणों को संस्थान के गतिविधियों के बारे में जानकारी दी जिनमें जल संरक्षण एंव पर्यावरण संरक्षण, सिंगल यूज प्लास्टिक आदि मुद्दों पर चर्चा की गयी। शर्मा ने जीवन में जल का महत्व बताते हुए कहा कि हमें इसे बचाने का संकल्प लेना होगा और ग्रामीणों से कहा कि गोवली में संस्थान द्वारा बनाये गये 101 वर्षाजल संग्रहण कुण्ड में अब बरसाती सीजन में वर्षा का अमृत जल संचय करे साथ ही कहा कि अब खरीफ की फसल में बरसात का पानी लगने से भूजल दोहन भी कम से कम करे ताकि आने वाली पीढी को पानी मिल सके। साथ ही सम्पूर्ण स्वच्छता को लेकर सभी को प्रेरित किया और कहा कि अपने घरों के आस-पास के रास्तों में साफ-सफाई अवश्य रूप से रखे और जितना अधिक हो सके कपड़े के थैले काम मेें लेवें ताकि सिंगल यूज प्लास्टिक से मनुष्यों, जानवरों एंव कृषि में होने वाले नुकसानों से बचा जा सके।

कार्यक्रम में राकेश महला ने समन्वित कृषि प्रणाली, संस्थान द्वारा चलाई जा रही कृषि परियोजना के तहत किसानों को खरीफ व रबी फसलों में होने वाली बीमारियों एंव उनके रोकथाम आदि के बारे में जानकारी दी साथ ही किसानों को जैविक खेती की जानकारी भी प्रदान की। महला ने कम पानी में होने वाली फसलें बोनेे की अपील की साथ ही कहा कि किसानों को परंपरागत खेती के बजाए आधुनिक खेती पर ध्यान देना होगा। जिससे जल का सही उपयोग हो सके। किसान ज्यादा से ज्यादा बागवानी की तरफ अग्रसर हो ताकि भूजल दोहन में कमी के साथ-साथ किसान की आय भी बढे।

कार्यक्रम का संचालन संस्थान के जल पर्यवेक्षक सूरजभान रायला ने किया। कार्यक्रम में जयसिंह, मनिराम, मदन, महेन्द्र, प्रकाश, रामानन्द, हरलाल, नागर , दयाचन्द, विजैन्द्र, ताराचन्द आदि ग्रामीणजन उपस्थित रहे।

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