नाटक ने पैरानॉयड डिस ऑडर नामक बीमारी को उजागर किया:एक अजीब दास्तां के जरिए कलाकारों ने बटोरी तालियां, शहजारे अली ने किया निर्देशन
नाटक ने पैरानॉयड डिस ऑडर नामक बीमारी को उजागर किया:एक अजीब दास्तां के जरिए कलाकारों ने बटोरी तालियां, शहजारे अली ने किया निर्देशन

जयपुर : इंडियन थिएटर सोसायटी की ओर से रवीन्द्र मंच के मिनी थिएटर में नाटक एक अजीब दास्तां का मंचन किया गया। अख्तर अली के लिखित एवं शहजोर अली निर्देशित यह नाटक महान दार्शनिक नीत्शे और ओशो के बयान और टिप्पणियों पर आधारित रहा। नाटक में मानवीय मानसिक भ्रम सम्बन्धी विकार, जिसे मनोविज्ञान में पैरानॉयड डिसऑर्डर कहा जाता है, उसके बारे में बताया गया। जिसमें व्यक्ति वास्तविक और काल्पनिक के बीच अंतर नहीं कर पाता जो एक प्रकार की गम्भीर बीमारी है।

नाटक में कुछ इसी भ्रम से ग्रसित एक व्यक्ति को लगता है कि उसने ईश्वर की हत्या कर दी है। जिस पर वास्तविक अदालत में हत्या का केस चलता है। वहां उस तथाकथित अपराधी को वकील अपनी दलीलों से अहसास कराते हैं कि यह उसका कोरा भ्रम है। मानवीय प्रवृति होती है कि किसी से एक हद से ज्यादा उम्मीद कर लेते हैं और जब वो उम्मीद पूरी नहीं होती तो नाराजगी पैदा हो जाती है। नाटक में किसी विशेष धर्म, सम्प्रदाय पर कोई टिप्पणी ना होकर सम्पूर्ण मानवीय हितार्थ को एक विचार के रूप में प्रकट किया गया।नाटक में सन्देश दिया गया कि जालसाज लोगों के बहकावे न आएं और अज्ञानता को मिटाते हुए अपने धर्म पर चलते रहें। जज की भूमिका में मनीषा अग्रवाल ,वकील की भूमिका में गौरव खंडेलवाल एवं महेश महावर ने आरोपी की भूमिका में सशक्त अभिनय किया। नाटक से पूर्व ईश वंदना में नवोदित कलाकार अंशुल सैनी एवं दीक्षित साहु ने शिव तांडव स्तोत्रम का वाचन किया। मंच सज्जा आसिफ शेर अली खान, मेकअप नरेन्द्र बबल, प्रकाश संचालन अमन जोरावर, वेशभूषा चन्द्र किरण का रहा। बतौर सहायक निर्देशक का कार्य पूर्णिमा जैन ने संभाला।