आखिर कांग्रेस की मानसिकता क्या है ?

राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला पिलानी, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक
कांग्रेस ने सदैव तुष्टिकरण की राजनीति रही है । विदित हो कांग्रेस के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यको का है । बंगलादेश में गृहयुद्ध जैसे हालात होने से प्रधानमंत्री शेख हसीना को बंगलादेश छोड़ना पड़ा । बंगलादेश के हालातो पर कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में विदेश मंत्री रहे मौजूद समय में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सलमान खुर्शीद का कहना है कि जो बंगलादेश में हो रहा है वह भारत में भी हो सकता है। अब सवाल यह उठता है कि यदि सलमान खुर्शीद के बयान को देखें तो अराजकता फैलाना वाला है । कांग्रेस यह चाहती है कि भारत में भी बंगलादेश जैसी हिंसा हो और मंदिरो को तोड़ा जाए । कांग्रेस व देश के विपक्ष ने गाजा के मुद्दे पर इजरायल की निंदा की थी व भारतीय संसद में फिलीपींस के लिए नारे भी लगे थे । लेकिन बंगलादेश में हिन्दुओं के साथ जो हुआ वह दिखाई नहीं दे रहा और यदि दिखाई दे रहा है तो वैसे ही हालातो की कल्पना कर रहे हैं । गाजा व फिलीपींस के मुसलमानो के प्रति जो दरियादिली दिखाई वैसी बंगलादेश के हिन्दूओ को लेकर भी दिखानी चाहिए थी ।
बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना जिनका एशिया की सबसे ताकतवर नेताओं मे शुमार था उनको देश छोड़कर भागना पड़ा है । आज विश्व में मुसलमानों के लिए सबसे सुरक्षित देश भारत है । अच्छा तो तब होता जब खुर्शीद बंगलादेश के गैर मुस्लिम समुदाय की चिंता करते । हालांकि सलमान खुर्शीद के बयान से चिंता का विषय यह भी है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी व कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने खुर्शीद के बयान की निंदा तक नहीं की है । कांग्रेस के जो नेता हिन्दुओं के वोट के बलबूते पर सांसद बने बैठे हैं वे बंगलादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार पर आखिर चुप क्यों है । कांग्रेस के नेता जो बंगलादेश में हुए हालात भारत में भी होने की हसरत पाले बैठे हैं उनको समझना होगा कि यह हसरत उनकी कभी पूरी होने वाली नहीं है ।
बंगलादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ जो आक्रोश था , उन प्रदर्शनकारियों ने अब हिन्दुओं को टारगेट करना शुरू कर दिया है । हालांकि अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बधाई देने के साथ ही हिन्दुओं व अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की जान माल की सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया है । विपक्ष के नेता राहुल गांधी की चुप्पी का कारण तो समझ में आता है कि प्रियंका गांधी वायानाड से लोकसभा उपचुनाव में उम्मीदवार हैं और वहां कांग्रेस ने मुस्लिम लीग से गठबंधन कर रखा है । राहुल गांधी व कांग्रेस प्रियंका को हर हालत में लोकसभा में भेजने को आतुर है चाहे भारत विरोधी ताकतों से ही हाथ क्यों न मिलाना पड़े । यह कांग्रेस की मानसिकता रही है कि वोट बैंक के खातिर वह किसी भी हद तक जा सकती है ।