चूरू : चाइल्ड हेल्पलाइन की चूरू टीम ने डीटीओ ऑफिस के पास लावारिस हालत स्थिति में घूमते हुए एक नाबालिग को संप्रेषण गृह भिजवाया। नाबालिग गुजरात के पाटण का रहने वाला है और घरवालों के डांटने पर ट्रेन में बैठकर यहां पहुंच गया था।
चाइल्ड हेल्पलाइन के परियोजना अधिकारी पन्ने सिंह ने बताया कि 13 वर्षीय नाबलिग बालक को संप्रेषण गृह भिजवाया गया है। उन्होंने बताया कि सूचना मिलने पर चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 टीम मौके पर पहुंची और नाबालिग बालक का रेस्क्यू कर चाइल्ड हेल्पलाइन ऑफिस लाया गया। काउंसलर वर्षा कंवर ने पूछताछ की तो बालक ने बताया कि उसका नाम अंकित है। उसके पिता का नाम प्रकाश भाई है। वह गुजरात राज्य के पाटण का रहने वाला है।
बालक ने बताया कि उसके पास छोटी साइकिल थी। वह साइकिल कहीं खो गई तो माता-पिता ने उसके साथ मारपीट की और घर से निकाल दिया। माता-पिता से नाराज होकर वह घर से निकल गया और पाटण से ट्रेन में बैठकर जोधपुर से चूरू पहुंच गया।
चाइल्ड हेल्पलाइन के परियोजना अधिकारी पन्ने सिंह ने बताया कि बालक के परिजनों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। नाबालिग बालक की सदर थाने में गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज करवाकर स्वास्थ्य परीक्षण के बाद बालक को बाल कल्याण समिति पेश किया गया। जहां से बाल कल्याण समिति के द्वारा संप्रेषण गृह में रहने का आदेश दिया गया। कार्रवाई में चाइल्ड हेल्पलाइन के सुपरवाइजर नरपत सिंह, रविंद्र सिंह, सुभाष कुमार, कैस वर्कर अमन छापरवाल, निखिल सिंह व रूपेंद्र रिड़खला आदि ने सहयोग किया।