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Paris Olympics: ‘पदक जीतने तक संन्यास नहीं लूंगी’, तीरंदाज दीपिका कुमारी ने दिया बड़ा बयान; जानें कैसा रहा सफर


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Paris Olympics: ‘पदक जीतने तक संन्यास नहीं लूंगी’, तीरंदाज दीपिका कुमारी ने दिया बड़ा बयान; जानें कैसा रहा सफर

भारत की सबसे अनुभवी तीरंदाजों में से एक दीपिका कुमारी पेरिस में अपने लगातार चौथे ओलंपिक में खेलने उतरीं। दिसंबर 2022 में मां बनने के बाद उन्होंने खेल में वापसी की। राष्ट्रीय चयन ट्रायल में शीर्ष स्थान हासिल करने के बाद उन्होंने अप्रैल में शंघाई विश्व कप में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता था।

भारतीय महिला तीरंदाज दीपिका कुमारी ने पेरिस ओलंपिक में प्रभावित नहीं कर पाने के बाद बड़ा बयान दिया है। लगातार चार ओलंपिक में विफल रहीं दीपिका ने कहा कि वह जब तक ओलंपिक में पदक नहीं जीत लेतीं, तब तक खेल को अलविदा नहीं कहेंगी। कई बार की विश्व कप विजेता अनुभवी तीरंदाज दीपिका का मानना है कि वह 2028 में लॉस एंजिलिस में होने वाले ओलंपिक में पोडियम पर पहुंचने में सफल रहेंगी।

लगातार चौथे ओलंपिक में उतरी थीं दीपिका
भारत की सबसे अनुभवी तीरंदाजों में से एक दीपिका कुमारी पेरिस में अपने लगातार चौथे ओलंपिक में खेलने उतरीं। दिसंबर 2022 में मां बनने के बाद उन्होंने खेल में वापसी की। राष्ट्रीय चयन ट्रायल में शीर्ष स्थान हासिल करने के बाद उन्होंने अप्रैल में शंघाई विश्व कप में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता था। हालांकि, पेरिस ओलंपिक में वह प्रभावित नहीं कर सकीं। दीपिका को महिला व्यक्तिगत वर्ग में दावेदार माना जा रहा था और उन्होंने अच्छी शुरुआत करके क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी। लेकिन अंतिम आठ मुकाबले में बढ़त लेने के बावजूद दीपिका को हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, दीपिका, भजन कौर और अंकिता भकत की महिला जोड़ी भी प्रभावित नहीं कर सकी थी।

‘भविष्य में खेल जारी रखूंगी’
दीपिका ने कहा, निश्चित रूप से मैं भविष्य में और खेलना चाहती हूं और अपना खेल जारी रखूंगी। मैं ओलंपिक पदक जीतना चाहती हूं और जब तक मैं इसे हासिल नहीं कर लेती, तब तक मैं खेल नहीं छोड़ूंगी। मैं कड़ी मेहनत करूंगी और मजबूती से वापसी करूंगी। मैं और मजबूती से पेश करूंगी। इसमें कई चीजे हैं जैसे तेजी से निशाना लगाना, मुझे इसके बारे में थोड़ा और जानने की जरूरत है और इसके अनुसार खुद को तैयार करना सबसे महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, मैंने ओलंपिक से यही सीखा है कि देर से निशाना लगाना कारगर नहीं होता, आपके पास बड़ी गलतियों की गुंजाइश नहीं होती। आपको इस पर नियंत्रण रखना होता है। मैं यहां से यह सीख लूंगी।

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