जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद आरिफ चंदेल
झुंझुनूं : जनहित एकता समिति की ओर से रविवार को जिला मुख्यालय स्थित अम्बेडकर भवन में हाजी व संत समाज का सम्मान समारोह समिति अध्यक्ष जाकिर झुंझुनुवाला की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम का आगाज राष्ट्रगान के साथ हुआ। समारोह में सभी हाजियों एवं संत समाज का शॉल पहनाकर सम्मान किया गया। जिस तरीके से झुंझुनूं के वीर सीमा पर जाकर देश सेवा में सबसे आगे हैं शिक्षा में पहले पायदान पर हैं उसी तरीक़े से इंसानियत का पैगाम देने में भी झुंझुनूं के लोग हिन्दू-मुस्लिम एकता में भी देश में अव्वल दर्जा रखते हैं।
इस अवसर पर अध्यक्षता करते हुए समिति अध्यक्ष व कार्यक्रम आयोजक जाकिर झुंझुनुवाला ने कहा कि इस्लाम के पैगम्बर मोहम्मद साहब ने कहा था कि आप सभी धर्मों के लोगो से मोहब्बत के साथ पेश आया करो। इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है। जिस इंसान ने किसी के मन को खुश कर दिया मानो उसने अल्लाह को खुश कर दिया। देश में अमन व शान्ति के लिये सभी धर्मों का सम्मान खुले मन से करें। मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने सबरी के झूठे बेर खाकर यही संदेश दिया था कि हर दीन दुखी से मुहब्बत करो। श्रीकृष्ण जी ने सुदामा को गले लगाकर हमें संदेश दिया था कि इंसानियत की कदर करो। जाकिर झुंझुनुवाला ने सभी हाजियों व ससंत समाज से मुल्क में हक, इंसाफ़, शान्ति, सौहार्द व सदभावना का माहौल कायम रखने की अपील की।
इस अवसर पर मुख्यातिथि कैलाश नाथ महाराज ने कहा कि हमारा देश फिर से सोने की चिड़िया बने उसके लिए हम सब 36 कौमों को एक ही थाली में खाना होगा। सभी हाजी व संत समाज ने देश की तरक्क़ी के लिए दुआ व प्रार्थना की।
चंचलनाथ टीले के महंत ओमनाथ महाराज ने हाजियों को बधाई देते हुए कहा कि आप लोग खुशनसीब हो जिनको अल्लाह ईश्वर ने अपने घर की जियारत का मौका दिया है। ऐसे कार्यक्रमों से समाज में एकता की भावना के साथ साम्प्रदायिक सौहार्द का माहौल बनता है।
हाजियों व संतो को सम्मानित करते हुए कमरुद्दीन दरगाह गद्दीनशीन एजाज नबी ने कहा कि हमारे देश में सभी धर्मों के लोगों के खून में संस्कार व संस्कृति घुली हुई है। हमारी संस्कृति एक-दूसरे को गले लगाने की रही है इसलिए तो राम व रहीम देश की दो आँखे हैं। भारत जैसा देश पूरी दुनियां में नही है जहाँ सभी धर्मों का सम्मान एक ही मंच पर होता है।
विशिष्ट अतिथि पीर दीन मोहम्मद गद्दीनशीन बगड़ दरगाह ने कहा कि भारत की गंगा जमुना तहज़ीब की पूरी दुनिया में मिशाल है। आजादी के इस महीने में हम उन सभी धर्मों के लोगो को याद करते हैं जिन्होंने भारत को आजाद करवाने के लिए अपनी शहादत दी।
विशिष्ट अतिथि इस्कॉम फाउडेशन अध्यक्ष इस्पाक अली खां ने कहा कि धर्म हमारी पहचान के लिए है। हम भारत के लोग इंसानियत की पूजा करते हैं। कांग्रेस नेता संदीप सैनी ने कहा कि हाजी व संत अल्लाह के बन्दे हैं इसलिए दोनों धर्मो के लोग भारतीय समाज को मजबूत करने का काम करें।
सम्मान समारोह में विशिष्ठ अतिथि सफी खां टीटी, संतोष हाकिम, जिला वक़्फ़ बोर्ड अध्यक्ष इक़बाल गागियासर, समाजसेवी मुबारिक पहाड़ियांन, ख़्वाजा आरिफ, मंड्रेला पूर्व सरपंच अजीज खां, मनवर दीवान चोपदार, ईदगाह कमेटी अध्यक्ष खादिम खोखर, पीसीसी सदस्य सलीम सिगड़ी, मुफ्ती इमरान, मौलाना शेर मोहम्मद, अलसीसर सरपंच हारून भाटी, फतेह मोहम्मद, सूबेदार इकराम खां, भवानी सिंह शेखावत, भंवरलाल निर्वाण व जिला हज कमेटी अध्यक्ष मतलूब चायल सहित सभी अतिथियों ने सबसे पहले हज सेवक सुभाष वर्मा का पांच हजार रुपए व शॉल पहनाकर सम्मान किया। समारोह में 2024 के 72 हाजियों व हाजनों का एवं संतों का शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया।
इस अवसर पर जहांगीर लुहार, अब्बास सैयद, जुबेर जुबी, यावर कुरैशी, आरिफ भारू, पार्षद आज़म भाटी, पार्षद मकबूल, पार्षद जब्बार फुलका, भाजपा अल्पसंख्यक जिला अध्यक्ष शौकत चौहान, भंवरलाल नेण, सफीक खां, नदीम खां, रियाजत अली व दानिश खान सहित सैंकड़ों लोग मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन आरिफ अली भारू ने किया।