जुलाई में सामान्य रहा मानसून, अगस्त में होगी ज्यादा बारिश:320 बांध खाली; जैसलमेर-बाड़मेर में बढ़ेगी गर्मी, जानिए-इस महीने कहां-कितनी होगी बरसात
जुलाई में सामान्य रहा मानसून, अगस्त में होगी ज्यादा बारिश:320 बांध खाली; जैसलमेर-बाड़मेर में बढ़ेगी गर्मी, जानिए-इस महीने कहां-कितनी होगी बरसात
जयपुर : राजस्थान में इस बार जुलाई महीने में मानसून सामान्य रहा। 1 जून से 31 जुलाई तक प्रदेश में 212.5MM बरसात हुई, जो औसत बारिश (216.4MM) से 2 फीसदी कम है। प्रदेश में 320 बांध अब भी खाली हैं। राज्य के 33 में से 9 जिले ऐसे हैं, जहां पूरे सीजन की बारिश का 60 फीसदी कोटा पूरा हो चुका है। वहीं 8 जिलों में 40 फीसदी कोटा भी पूरा नहीं हुआ है। अगस्त के लिए भी मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी कर दिया है। विभाग के अनुसार, अगस्त में प्रदेश में सामान्य बारिश होगी। वहीं, पश्चिमी राजस्थान के कुछ जिलों में तापमान भी ज्यादा रहेगा।
9 जिलों में मानसून की बारिश का 60 फीसदी कोटा पूरा
मौसम विज्ञान केन्द्र जयपुर से जारी रिपोर्ट देखें तो भरतपुर, दौसा, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, टोंक, चूरू, नागौर और गंगानगर ऐसे जिले हैं, जहां अब तक बारिश सामान्य से 23 फीसदी या उससे ज्यादा हो चुकी है। जिलेवार रिपोर्ट देखें तो दौसा जिले में 462.6MM बारिश हो चुकी है। दौसा में पूरे मानसून सीजन (1 जून से 30 सितम्बर तक) में औसत बारिश 594.5MM होती है। टोंक में पूरे सीजन की 566.8MM बारिश के मुकाबले अब तक 454.7MM पानी गिर चुका है। इसी तरह धौलपुर में 434.6 और सवाई माधोपुर में 399.6MM बरसात अब तक हो चुकी है।
इन 8 जिलों में 40 फीसदी से कम बारिश
रिपोर्ट के मुताबिक बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, सिरोही, उदयपुर, जालोर, जोधपुर और पाली ऐसे जिले हैं जहां बारिश औसत से बहुत कम हुई है। इसमें पाली ऐसा जिला है जहां सबसे कम बारिश हुई। पाली में पूरे मानसून के सीजन (1 जून से 30 सितम्बर तक) 491.6MM बरसात होती है, जबकि आधा सीजन निकलने के बाद भी अब तक केवल यहां 155.8MM ही बारिश हुई। इसी तरह जोधपुर में 292.6MM बारिश पूरे सीजन में होती है और यहां अब तक केवल 104MM ही बारिश हुई है।
अब आगे क्या?
मानसून: मौसम केन्द्र नई दिल्ली से जारी फोरकास्ट में इस महीने (अगस्त में) सामान्य बारिश होने का अनुमान जताया है। फोरकास्ट के मुताबिक राजस्थान के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से उदयपुर, जोधपुर और बीकानेर संभाग में अगस्त के महीने में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है। जबकि भरतपुर, जयपुर, कोटा और अजमेर संभाग के एरिया में सामान्य से थोड़ी ज्यादा बारिश होने का अनुमान है।
तापमान: इसी तरह इस बार अगस्त के महीने में पश्चिमी राजस्थान में तापमान ज्यादा रहने की संभावना जताई है। जैसलमेर, बाड़मेर, चूरू, बीकानेर, गंगानगर और जोधपुर के एरिया में दिन और रात का तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है। जबकि जयपुर, भरतपुर, अजमेर और कोटा संभाग के एरिया में तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है। शेष हिस्सों में तापमान सामान्य रह सकता है।
प्रदेश के 349 बांधों में आया पानी, 22 बांध ओवरफ्लो
औसत बारिश 161.4MM के मुकाबले इस बार राजस्थान में 1 से 31 जुलाई तक 162.3MM पानी गिरा। पिछले तीन साल का आंकड़ा (2022 से 2024) देखें तो ये सबसे कम है। 2023 में 228.4 और 2022 में 270.2 एमएम बारिश हुई थी।
31 जुलाई तक हुई बारिश से अब तक राजस्थान के कुल 349 बांधों में पानी आ गया, जबकि 320 खाली पड़े हैं। 22 बांध ओवरफ्लो हो चुके हैं। कोटा बैराज, कालीसिंध बांध से तो पानी छोड़ना भी शुरू कर दिया है। काली सिंध बांध के 2 गेट खोलकर पिछले दो-तीन दिन से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है।
इस बार उमस ने भी बढ़ाई परेशानी, क्यों कमजोर पड़ा मानसून
जयपुर मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि बारिश न होने और उमस बढ़ने की वजह इस बार मानसून ट्रफ लाइन खिसकना है। मानसून ट्रफ लाइन एक निम्न दबाव की रेखा (लो प्रेशर लाइन) होती है जो मानसून के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत से लेकर बंगाल की खाड़ी तक फैली होती है। इसका मुख्य काम हवा के निम्न दबाव वाले क्षेत्रों को जोड़ना है। यह मानसून की बारिश का प्रमुख कारण होती है। इसकी स्थिति लगातार बदलती रहती है। एक्सपर्ट के अनुसार जुलाई महीने में मानसून भी कमजोर पड़ा। इसका कारण मानसून की ट्रफ लाइन दक्षिणी राजस्थान की तरफ शिफ्ट होना था। ऐसे में दक्षिणी राजस्थान में बारिश होती रही लेकिन उत्तरी और पूर्वी राजस्थान बारिश से अछूते रहे।
दौसा में अच्छी बारिश
संभागवार रिपोर्ट देखे तो जयपुर संभाग के दौसा जिले में इस सीजन में अब तक अच्छी बारिश हुई। यहां औसत बारिश 31 जुलाई तक 289MM होती है, जबकि इस बार 462MM से ज्यादा बरसात हो गई। दौसा में तो तेज बारिश के कारण कुछ जगहों पर जलभराव की स्थिति बन गई थी। अलवर और जयपुर जिले में भी बारिश हुई। हालांकि सीकर, झुंझुनूं में बारिश थोड़ी कम रही।
भरतपुर संभाग पर सबसे ज्यादा मेहरबान मानसून
इस बार मानसून की एंट्री भरतपुर संभाग से हुई और तब से अब तक यहां मानसून लगातार एक्टिव है। यहां धौलपुर, भरतपुर, करौली और सवाई माधोपुर सभी जगह औसत से 24 फीसदी से ज्यादा बारिश हो चुकी है। धौलपुर में ये आंकड़ा 63 फीसदी के पार हो गया है। अच्छी बारिश से करौली का पांचना बांध भी करीब 80 फीसदी तक भर गया।
पश्चिमी में अब भी अच्छी बारिश का इंतजार
पश्चिमी राजस्थान में जोधपुर संभाग में अब तक मानसून कमजोर रहा है। यहां केवल जैसलमेर जिला ऐसा है जहां बारिश औसत से एक फीसदी ज्यादा हुई। जबकि शेष 5 जिलों में बारिश औसत से कम हुई। पाली, सिरोही, जोधपुर, जालोर में बारिश औसत से 25 फीसदी से भी कम हुई।
उदयपुर में भी सुस्त रहा मानसून
उदयपुर संभाग से भले ही इस बार मानसून एंट्री कर गया हो, लेकिन यहां शुरू से ही मानसून सुस्त बना हुआ है। डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ जहां सर्वाधिक मानसून आने के बाद सर्वाधिक बारिश होती है वहां इस बार बहुत कम बारिश हुई। यहां का सबसे बड़ा बांध माही बजाज सागर अब तक 44 फीसदी ही भरा है। वहीं डूंगरपुर के साेमकमला अम्बा में भी 47 फीसदी ही पानी आया है। डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ में 25 फीसदी कम बारिश हुई।
कोटा बैराज के खुले गेट, बारां अब भी अच्छी बारिश का इंतजार
कोटा संभाग के चार में से तीन जिलों में तो ठीक बारिश हो गई, लेकिन बारां जिले में अब भी अच्छी बारिश होने का इंतजार है। यहां कालीसिंध के साथ ही कोटा बैराज बांध के भी गेट खुल गए है। कोटा में 31 जुलाई तक औसत से 11 फीसदी, जबकि बूंदी में 16 फीसदी ज्यादा बारिश हो चुकी है। बूंदी का बरधा बांध भी ओवरफ्लो होकर छलक चुका है।
टोंक में बाढ़ जैसे हालात, अजमेर में कम बारिश
अजमेर संभाग में जुलाई के महीने में मानसून की अच्छी बारिश हुई। यहां टोंक जिले में तो बाढ़ जैसे हालात हो गए। करीब 160MM से ज्यादा बारिश के कारण यहां मालपुरा के एरिया में कई छोटे एलीकट टूट गए और खेतों में पानी भर गया। टोंक में अब तक सामान्य से 65 फीसदी ज्यादा बारिश हो चुकी है। अजमेर जिले में इस बार सामान्य से 16 फीसदी कम बारिश हुई।
बीकानेर में औसत रहा मानसून
बीकानेर जिले में इस बार मानसून औसत रहा। यहां रूक-रूक हुई तेज बारिश ने मानसून का कोटा तो पूरा कर दिया, लेकिन गर्मी तेज रही। गंगानगर, बीकानेर, चूरू के एरिया में जुलाई के महीने में कई बार तापमान 40 से लेकर 42 डिग्री सेल्सियस और एक या दो बार तो 43 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पहुंच गया। यहां सबसे ज्यादा बारिश 31 फीसदी चूरू में हुई है।