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Puja Khedkar: पूजा खेडकर ने कैसे यूपीएससी को दिया धोखा? अपने साथ माता-पिता का भी बदल दिया नाम; जानें सब कुछ


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Puja Khedkar: पूजा खेडकर ने कैसे यूपीएससी को दिया धोखा? अपने साथ माता-पिता का भी बदल दिया नाम; जानें सब कुछ

Puja Khedkar: प्रशिक्षु आईएएएस अधिकारी पूजा खेडकर की अस्थाई उम्मीदवारी को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने रद्द कर दिया है। इसके अलावा केंद्रीय निकाय ने पूजा खेडकर पर भविष्य में होने वाली किसी भी परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगाई गई।

Puja Khedkar: पूर्व प्रशिक्षु आईएएएस अधिकारी पूजा खेडकर को लेकर अब नए-नए खुलासे हो रहे हैं। बता दें कि पूजा खेडकर ने सिविल सेवा प्रवेश परीक्षा पास करने के लिए दृश्य और मानसिक विकलांगता के बारे में झूठ बोला था और अपनी पहचान को गलत बताया था। इस तरह से उन्होंने सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार के लिए अनुमत छह बार से अधिक बार यूपीएससी परीक्षा देने का प्रयास किया। पूजा खेडकर ने अपना और अपने माता-पिता का नाम बदलकर ऐसा किया, जिसके कारण परीक्षा आयोजित करने वाले संघ लोक सेवा आयोग को इसका पता नहीं लग सका।

पूजा खेडकर के कागजातों की ऐसे हुई थी जांच
वहीं नकली प्रमाणपत्रों के प्रश्न पर यूपीएससी का कहना है कि- इममें से एक शारीरिक विकलांगता का दावा करता है और दूसरा ओबीसी या अन्य पिछड़ा वर्ग की सदस्यता का दावा करता है, उसने पिछले साल आवेदन प्रक्रिया के दौरान पूजा खेडकर के कागजातों की केवल शुरुआती जांच की थी। इसमें यह जांच करना शामिल था कि प्रमाणपत्र किसी सक्षम प्राधिकारी की तरफ से जारी किया गया था या नहीं, लेकिन यह समीक्षा नहीं की गई कि इसे किस आधार पर जारी किया गया था।

प्रमाणपत्र को वास्तविक मान लिया जाता है- यूपीएससी
यूपीएससी ने कहा कि आम तौर पर, प्रमाणपत्र को वास्तविक मान लिया जाता है। इस मामले में यूपीएससी का कहना है कि उसके पास हर साल जमा किए जाने वाले हजारों प्रमाणपत्रों की जांच करने के लिए न तो अधिकार है और न ही साधन हैं। हालांकि आज यूपीएससी ने पूजा खेडकर का जूनियर सरकारी अधिकारी के रूप में चयन रद्द कर दिया है और उनपर भविष्य में यूपीएससी परीक्षा में बैठने से रोक लगा दिया है।

नोटिस का जवाब देने में विफल रहीं पूजा खेडकर
मामले में केंद्रीय निकाय ने कहा कि पूजा खेडकर को अपनी पहचान को गलत तरीके से पेश करके, परीक्षा नियमों में निर्धारित सीमा से परे धोखाधड़ी से प्रयास करने के लिए नोटिस दिया गया था। यूपीएससी ने कहा कि उन्हें दिए गए समय में छूट के बावजूद, वह निर्धारित समय के अंदर अपना स्पष्टीकरण देने में विफल रहीं। वहीं यूपीएससी ने मौजूद सभी रिकॉर्ड की सावधानीपूर्वक जांच की और उन्हें (नियमों) के प्रावधानों के उल्लंघन में कार्य करने का दोषी पाया, और उनकी अनंतिम उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है।

पूजा खेडकर ने पुणे के कलेक्टर पर लगाए थे आरोप
बता दें कि पूजा खेडकर के चयन के बाद, उन्हें सहायक कलेक्टर के रूप में पुणे में तैनात किया गया था। वहीं उत्तराखंड में प्रशिक्षण संस्थान में वापस बुलाए जाने से पहले उसे वाशिम जिले में स्थानांतरित कर दिया गया था। जबकि पिछले महीने पूजा खेडकर ने पूरे विवाद में केवल इतना कहा कि सरकारी नियमों के अनुसार उन्हें टिप्पणी करने की मनाही है। हालांकि उन्होंने पुणे के कलेक्टर सुहास दिवासे पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। जिस पर सुहास दिवासे ने सभी आरोपों से इनकार किया है।

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