[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

मां रातभर इंतजार करती रही, सुबह बेटे की लाश आई:हत्या करने वाले गोतस्कर हरियाणा के, भागते हुए पुलिस पर भी फायरिंग, पत्थर फेंके


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
टॉप न्यूज़भरतपुरराजस्थानराज्य

मां रातभर इंतजार करती रही, सुबह बेटे की लाश आई:हत्या करने वाले गोतस्कर हरियाणा के, भागते हुए पुलिस पर भी फायरिंग, पत्थर फेंके

मां रातभर इंतजार करती रही, सुबह बेटे की लाश आई:हत्या करने वाले गोतस्कर हरियाणा के, भागते हुए पुलिस पर भी फायरिंग, पत्थर फेंके

‘बहुत रात हो गई है, अब कहीं नहीं जाना।’

‘मां! दोगुना किराया मिल रहा है। तू चिंता मत कर, थोड़ी देर में आ जाऊंगा।’

ये आखिरी बातचीत हुई थी डीग के कुम्हेर में गोतस्करों की फायरिंग का शिकार हुए संदीप प्रजापत (20) और उसकी मां के बीच। इसके बाद संदीप टेम्पो लेकर चला गया और मां सारी रात उसका इंतजार करती रही। सुबह संदीप लौटा, लेकिन लाश बनकर।

संदीप की मां को बस अब सिर्फ एक चीज चाहिए- इंसाफ। वो चाहती हैं कि उन हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिले, जिन्होंने उनसे उनका बेटा छीन लिया।

प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि संदीप प्रजापत पुत्र हरीशचंद्र की हत्या हरियाणा के गोतस्करों ने की थी। तस्कर भरतपुर से गायें उठाने आए थे। उन्होंने एक ही रात में तीन वारदातों काे अंजाम दिया था।

संदीप ने परिवार का गुजारा चलाने के लिए 6 महीने पहले टेम्पो खरीदा था।
संदीप ने परिवार का गुजारा चलाने के लिए 6 महीने पहले टेम्पो खरीदा था।

रात 12 बजे से शुरू हो गया था मूवमेंट
23 जुलाई की रात करीब 12 बजे से ही गोतस्करों का मूवमेंट शुरू हो चुका था। संदीप की हत्या के बाद गोतस्कर जूनेथर की ओर भागे। जूनेथर में पुलिस पर फायरिंग के बाद रूट बदल कर हरियाणा की ओर भागे थे।

हरियाणा के मेवात के गोतस्करों की पुलिस ने पहचान कर ली है। पुलिस की 8 टीमें गोतस्करों की तलाश में दबिश दे रही है। पुलिस को गोतस्करों के भागते हुए सीसीटीवी फुटेज भी मिले हैं। इधर, पुलिस ने नरेश को गोतस्कर मानकर गिरफ्तार कर लिया है।

मैं रातभर उसका इंतजार करती रही : मां
हमारी मीडिया टीम संदीप के घर पहुंची तो वहां ग्रामीणों की भीड़ थी। लोग हरीशचंद्र (संदीप प्रजापत) को सांत्वना दे रहे थे। घर के अंदर से महिलाओं के रोने की आवाज आ रही थी।

संदीप की मां ने बताया- घर में कमाने वाला अकेला संदीप ही था। उसने 6 महीने पहले मुझे टेम्पो लाने के लिए बड़ी मुश्किल से मनाया था। टेम्पो लाने के बाद से बेहद खुश था।

बुधवार रात पड़ोस का नरेश उसे गायें जंगल में छोड़ने के लिए ले जाने आया था। संदीप ने मुझसे पूछा तो मैंने मना कर दिया था कि इतनी रात को बाहर नहीं जाना, लेकिन उसने कहा कि वो कुछ ही देर में आ जाएगा।

मैं पूरी रात उसके लौटने का इंतजार करती रही। सुबह हुई तो सरपंच ने उसकी मौत की खबर सुनाई। हमें तो अब सिर्फ न्याय चाहिए। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो।

24 जुलाई को संदीप (मृतक) के घरवालों और गांव के लोगों ने कुम्हेर थाने के बाहर प्रदर्शन किया था।
24 जुलाई को संदीप (मृतक) के घरवालों और गांव के लोगों ने कुम्हेर थाने के बाहर प्रदर्शन किया था।

पढ़ाई छोड़कर पहले की भट्‌टे पर मजदूरी
कुम्हेर थाना क्षेत्र के सोनगांव के रहने वाले जयराम ने बताया कि संदीप उसका बुआ का लड़का था। संदीप ने 12वीं तक पढ़ाई कर रखी थी। संदीप के परिवार में उसका छोटा भाई अनिल (10) और बहन पूनम (15) हैं। पिता हरीशचंद्र गांव में ही मजदूरी करते हैं। परिवार का गुजारा चलाने की जिम्मेदारी संदीप पर थी। संदीप तीन साल पहले 12वीं के बाद पढ़ाई छोड़कर भट्‌टे पर मजदूरी करने लग गया था। करीब दो साल तक उसने वहीं मजदूरी की थी।

लोन लेकर खरीदा टेम्पो
संदीप ने परिवार का गुजारा चलाने के लिए 6 महीने पहले टेम्पो खरीदा था। उसके पिता ने मना भी किया था, क्योंकि संदीप को टेम्पो चलाना नहीं आता था। संदीप ने परिवार की 50 हजार की जमा पूंजी और लोन लेकर टेम्पो खरीदा था। संदीप ने टेम्पो चलाने के लिए एक ड्राइवर भी रखा हुआ था। हर दिन होने वाली कमाई के हिसाब से वो ड्राइवर को पैसे देता था।

गोली टेम्पो के कांच के पार होकर सीधे संदीप के सीने में लगी।
गोली टेम्पो के कांच के पार होकर सीधे संदीप के सीने में लगी।

दोगुना किराये के लालच में आ गया था
संदीप 2 महीने बाद टेम्पो चलाना सीख गया था। ऐसे में उसने ड्राइवर काे हटा दिया था। बुधवार रात को संदीप पड़ोस के गांव में डीजे लेकर गया था। रात करीब 1 बजे वो घर लौटा था। घर लौटते ही पड़ोस में रहने वाला नरेश उसके पास आया। नरेश ने उसे दो गायें गांव के बाहर जंगल में छोड़ने आने के लिए कहा और बदले में दोगुना किराया देने का लालच दिया।

आरोप- गाय जबरदस्ती ले गया था नरेश
सोनगांव में रहने वाले प्रेमचंद ने बताया कि उसकी गाय ने 6 महीने पहले दूध देना बंद कर दिया था। रात करीब 1 बजे उसके पास नरेश का फोन आया था। नरेश ने कहा वो उसकी गाय को रोंद (गांव के बाहर जंगल) में छोड़कर आ रहा है। उसने नरेश को मना किया कि उसकी गाय को जंगल में नहीं छोड़ना। वो अपनी गाय घर के पास लाकर बांध देगा। प्रेमचंद ने बताया कि इसके बावजूद नरेश जबरदस्ती उसकी गाय ले गया।

पुलिस ने नरेश को गोतस्कर मानकर किया गिरफ्तार
संदीप के टेम्पो में गाय ले जाने वाले पड़ोसी नरेश को घटना के बाद ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। पुलिस नरेश से दो दिन तक पूछताछ करती रही। शुक्रवार को नरेश को गोतस्कर मानकर गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने नरेश को शुक्रवार को कोर्ट में पेश करके एक दिन के रिमांड पर लिया है।

पुलिस ने नरेश को गोतस्कर मानकर गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने नरेश को गोतस्कर मानकर गिरफ्तार कर लिया है।

हरियाणा के पलवल के थे गोतस्कर
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि संदीप की हत्या करने वाले और पुलिस पर फायरिंग करने वाले पिकअप में सवार गोतस्कर हरियाणा के पलवल जिले के उटावड़ क्षेत्र के हैं। तस्कर हरियाणा से पिकअप में गायों की तस्करी करने के लिए डीग आए थे।

पहली वारदात : टोल के बैरिकेड तोड़े
हरियाणा के तस्करों ने पिकअप में कुछ गाय भर रखी थी। गोतस्करों को संदेह हो गया था कि गोरक्षक उनका पीछा कर रहे हैं। ऐसे में सेवर से निकलते वक्त टोल पर नहीं रुके और तेज रफ्तार में पिकअप भगाते हुए बैरिकेड तोड़ दिए।

गोतस्करों ने भागते हुए सेवर में पिकअप की टक्कर से टोल के बैरिकेड तोड़ दिए।
गोतस्करों ने भागते हुए सेवर में पिकअप की टक्कर से टोल के बैरिकेड तोड़ दिए।

दूसरी वारदात : टेम्पो पर दो फायर, संदीप की हत्या
बैरिकेड तोड़कर भागे गोतस्करों की पिकअप जहांगीरपुरा गांव में रुकी। यहां वो लोग सड़क किनारे खड़ी गायों को पिकअप में भर रहे थे। पिकअप के ऊपर गायों को छिपाने के लिए तिरपाल भी बिछा रखा था। इसी दौरान उन्होंने देखा कि एक टेम्पो और पुलिस जीप उनकी तरफ आ रही है। तस्करों ने पिकअप भगाई और टेम्पो पर फायरिंग की, जिसमें संदीप की मौत हो गई।

तीसरी वारदात : रात 3 बजे पुलिस पर फायरिंग की
जहांगीरपुर में गोतस्करों की गोली से टेम्पो चालक संदीप की मौत के बाद पुलिस ने साथ बैठे नरेश को गिरफ्तार कर लिया। वहीं गोतस्कर जूनाथर की तरफ फरार हो गए। कुम्हेर पुलिस की सूचना पर जूनाथर पुलिस ने नाकाबंदी कर रखी थी। गोतस्करों ने नाकेबंदी को देखा तो दूर से ही पथराव करना शुरू कर दिया। पुलिस पर कई राउंड फायरिंग की। पुलिस ने भी जवाब में 3 राउंड फायर किए। गोतस्कर वहां से गाड़ी को वापस सिनसिनी की ओर ले गए। वहां से डीग की ओर भागे। डीग से गांवों के रास्ते होते हुए ही बॉर्डर पार कर हरियाणा में घुस गए।

तस्करों की पिकअप निकलने के महज छह मिनट बाद ही टेम्पो और पुलिस की गाड़ी वहां से निकली। तस्करों ने बचने के लिए फायरिंग की, जिसमें टेम्पो चालक मारा गया।
तस्करों की पिकअप निकलने के महज छह मिनट बाद ही टेम्पो और पुलिस की गाड़ी वहां से निकली। तस्करों ने बचने के लिए फायरिंग की, जिसमें टेम्पो चालक मारा गया।

आईजी बोले- जल्द गिरफ्त में होंगे आरोपी
भरतपुर आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि पुलिस की 8 टीमें गोतस्करों को पकड़ने के लिए लगाई गई हैं। क्यूआरटी की टीमें भी गोतस्करों को सर्च कर रही है। हरियाणा के पलवल जिले के उटावड़ का पहले पता लगा था। वहां से भी गोतस्कर हैं। साथ ही अरली गांव के भी गोतस्करों की पहचान हुई है।

गांव में लोकल पुलिस के सहयोग से दबिश दी गई है। गोतस्करों की कई जगह पर भागते हुए के भी पुलिस को सीसीटीवी फुटेज मिले हैं। राजस्थान और हरियाणा के बॉर्डर के आसपास के सभी गांवों में पुलिस गोतस्करों की तलाश कर रही है। जल्दी ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा।

Related Articles