पीएचईडी कर्मचारियों ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव:बोले- पानी का बिल ढाई हजार आएगा, 29 को विधानसभा का करेंगे घेराव
पीएचईडी कर्मचारियों ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव:बोले- पानी का बिल ढाई हजार आएगा, 29 को विधानसभा का करेंगे घेराव

सीकर : PHED डिपार्टमेंट को RWSSC में परिवर्तित करने के विरोध में संयुक्त संघर्ष समिति पीएचईडी, सीकर की ओर से कलेक्ट्रेट का घेराव किया गया। अधिकारियों-कर्मचारियों ने जलदाय विभाग से लेकर कलेक्ट्रेट तक आक्रोश रैली निकाली और सामूहिक अवकाश भी रखा।
सहायक अभियंता मोहसीन खान ने कहा- सरकार के इस नए आदेश के खिलाफ जलदाय विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों में आक्रोश है। प्रदेश भर में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं और आक्रोश रैलियां निकाली जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर पीएचईडी डिपार्टमेंट का निजीकरण कर दिया गया तो इसका भार उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।

निजीकरण होने के बाद कर्मचारियों को सैलरी भी नहीं मिलेगी और अनुदान के भरोसे बैठना पड़ेगा। अगर निजीकरण हुआ तो पानी के बिलों में भी बढ़ोतरी की जाएगी और पीएचईडी डिपार्टमेंट में नौकरियां भी खत्म हो जाएगी।
कार्मिक सचिन माथुर ने कहा- सरकार अभी जो यह जल निगम बनाना चाहती है उससे सबसे पहले नुकसान जनता को होगा। कॉरपोरेशन और पीएचईडी में इनकम का डिफरेंस है वह 10 गुणा है। इस अंतर को बांटने के लिए ये लोग निश्चित तौर पानी के बिलों में बढ़ोतरी करेंगे। आज जो पानी का बिल 216 रुपए है वह आदेश लागू होने के बाद ढाई हजार तक हो सकता है। साथ ही कर्मचारी व अधिकारी भी परेशान होंगे।
माथुर ने कहा- यूपी में जल निगम बनाया हुआ है, जिसमें पिछले एक-डेढ़ साल से कर्मचारियों को पेंशन व सैलरी नहीं मिल रही है। हमारी मांग कर्मचारियों व जनता की मांग है। पीएचईडी जनता का वेलफेयर है इसलिए सरकार को अपना यह आदेश वापस ले लेना चाहिए।
सचिन माथुर ने कहा कि अगर सरकार समय रहते उनकी मांगे नहीं मानती है तो प्रदेशभर के पीएचईडी डिपार्टमेंट के कर्मचारी व अधिकारी 29 तारीख को विधानसभा व सीएम हाउस का घेराव करेंगे। जयपुर में ही आगे की रणनीति तैयार होगी और हो सकता है कि वहां कर्मचारियों को आंदोलन करना पड़े।