नीतीश कुमार के फिर बिगड़े बोले, सदन में MLA से बोले- महिला हो कुछ नहीं जानती, चुपचाप बैठ जाइए
Nitish Kumar Speech Viral: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा सत्र में एक बार फिर महिलाओं के खिलाफ विवादित बयान दिया है। इतना ही नहीं, उन्होंने जो कहा, सुनकर उनके विधायक ठहाके लगाकर हंसने लगे।
Bihar CM Nitish Kumar Statement: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बोल एक बार फिर बिगड़ गए। एक बार फिर वे विधानसभा सत्र में महिला के खिलाफ विवादित बोल कह गए है। वे विधानसभा में लालू प्रसाद यादव की पार्टी RJD की विधायक रेखा देवी पर भड़क गए। जब विधायक रेखा देवी ने सवाल पूछा तो मुख्यमंत्री ने विपक्ष को डपटना शुरू कर दिया।
उन्होंने रेखा देवी से कहा कि आप महिला हो, कुछ जानती नहीं हो, इसलिए चुपचाप बैठ जाइए और सुनिए। नीतीश कुमार के इतना कहते ही उनके विधायक ठहाके लगाकर हंसने लगे। विपक्ष आरक्षण के मुद्दे पर हंगामा कर रहा था। वहीं मुख्यमंत्री सवाल पूछे जाने के बाद भाषण देने उठे थे, लेकिन शुरुआत करते ही उन्होंने आपा खो दिया और विवादित बयान देते चले गए।
VIDEO | CM Nitish Kumar (@NitishKumar) speaks in #Bihar Assembly amid protest by the opposition.
(Source: Third Party) pic.twitter.com/FLW0fUkbAD
— Press Trust of India (@PTI_News) July 24, 2024
विपक्षियों के चुप नहीं होने पर आपा खोया
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षियों पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने किसी महिला को कभी आगे बढ़ने नहीं दिया। साल 2005 के बाद ही महिलाओं का विकास हुआ और उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिला। इसलिए आपसे कह रहे हैं कि आपको कुछ नहीं पता है। इसलिए हमसे सुन लीजिए, लेकिन अगर आप सुनना नहीं चाहते तो इसमें आपकी गलती है। नीतीश कुमार ने बार-बार विपक्ष के विधायकों से कहा कि हमारी बात सुन लीजिए, लेकिन विपक्षी चुप नहीं हुए, हंगामा करते रहे तो उन्होंने आपा खो दिया।
आरक्षण के मुद्दे पर पूछा गया था सवाल
सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार से जातीय जनगणना को लेकर सवाल पूछा गया था। इसके जवाब में वे अपनी बात रख रहे थे। वे कह रहे थे कि सभी राजनीतिक दलों को बुलाकर बैठक की थी और सहमति मिलने के बाद ही जातिगत गणना कराई थी। इसलिए वे विपक्षियों से कह रहे थे कि अगर वे उनकी बात आराम से सुन लेंगे तो उन्हें उनके सवाल का जवाब मिल जाएगा। सर्वसम्मति से जातीय गणना हुई, जिसमें पिछड़ी जातियों की संख्या सबसे ज्यादा थी। इसके आधार पर 50 फीसदी आरक्षण को 75 फीसदी करना पड़ा। 10 फीसदी आरक्षण केंद्र सरकार ने लागू किया है।