बूंदी : बूंदी में मुहर्रम अकीदत के साथ मनाया गया। मोहर्रम की दसवीं तारीख को शहीद-ए-आजम हजरत सैयदना इमाम हुसैन व उनके साथियों की शहादत को याद करते ताजिया जुलूस निकाला गया।
शहीदाने कर्बला को खिराज-ए- अकीदत पेश करने के बाद ताजियों को सुपुर्दे खाक किया गया। शहर में ढोल नगाड़ों की मातमी धुनों पर ताजिया जुलूस निकाला जा रहा है। 12 बजे ताजिया अपने स्थानों से रवाना हुए जो तिलक चौक पहुंचे वहां पर सलामी दी गई। इसके बाद तरतीब से सभी ताजिया एक के बाद एक जमा हुए। हर ताजिए के साथ अखाड़ों का प्रदर्शन, मातमी धुनों पर ढोल बजाते युवा नजर आए।
जुलूस तिलक चौक से प्रारंभ हुआ जो सदर बाजार, चौमुखा बाजार, ठठेरा बाजार, नागदी बाजार, मीरागेट, जैतसागर रोड़ होते हुए जेतसागर तालाब पहुंचेगा। जुलूस में शामिल अलम, राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा, सद्दे और ढोल-ताशे भी लोगों को अपनी ओर खींचने में कामयाब रहे। अखाड़े रहे मुख्य आकर्षण का केन्द्र जुलूस में शामिल नौजवान जंगी लाठी और तलवार से करतब दिखा रहे थे। अखाड़े को देखने के लिए सुबह से ही बाजारों में लोग उमड़ पड़े। जुलूस के साथ चल रहे ताजिया लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहा। जिसे देखने के लिए सभी वर्ग के लोगों की भीड़ लगी रही।
ताजिया जुलूस में शामिल युवकों ने लाठी, डंडा, तलवार, एक से बढ़ कर हैरतअंगेज कलाबाजी का प्रदर्शन करते हुए या अली या हुसैन, लब्बैक या हुसैन नारों की सदाओं से शहर गूंज उठा। जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रो में भी शांतिपूर्ण ढंग से मातमी धुन के साथ ताजिया-निशान के साथ मुहर्रम का जुलूस निकाला गया। इस दौरान जुलूस में शामिल जंगी हसन-हुसैन के नारे लगा रहे थे।