मातमी धुनों के साथ मनाई कत्ल की रात : महफिले मिलाद में हुआ शहीदाने कर्बला का जिक्र
महफिले मिलाद में हुआ शहीदाने कर्बला का जिक्र

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद आरिफ चंदेल
इस्लामपुर : मंगलवार शाम को असर की नमाज के बाद ताजियों को इमामबाड़े से बाहर निकाला गया। मोहर्रम वाले चौक में बैठक लगाई गई। बैठक में मेहंदी और नियाज की रस्म अदा की गई। अकीदतमंद अपने-अपने घरों से विभिन्न पकवान बनाकर लाए और नियाज लगवाकर तबर्रुक तकसीम किया। ईशा की नमाज के बाद ताजियों को बैठक से उठाया गया और ढोल-ताशों की मातमी धुनों के साथ जुलूस शुरू हुआ और कत्ल की रात मनाई गई। जुलूस कस्बे के मुख्य मार्गों से होता हुआ मंगलवार अलसुबह वापस इसी रास्ते से मोहर्रम वाले चौक में पहुंचा। रात को मोहल्ला अफगानान चौपाल में महफिले मिलाद हुई जिसमें आलिमों ने शहीदाने कर्बला की शहादत का जिक्र किया और उनके बताए रास्ते पर चलने की बात कही। हदीसों में आशूरा के रोजे की बहुत बड़ी फजीलत बयान की गई है जिसके चलते अकीदतमंदों ने मंगलवार को आशूरा का रोजा रखकर शाम को इफ्तार किया। बुधवार को भी आशूरा का दूसरा रोजा रखा जाएगा।