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शहरों के बीच चल रहे इंडस्ट्रियल एरिया बाहर शिफ्ट हो:विधानसभा में जयपुर के चार औद्योगिक क्षेत्र का उठा मामला; उद्योग मंत्री बोले- ये काम आसान नहीं


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शहरों के बीच चल रहे इंडस्ट्रियल एरिया बाहर शिफ्ट हो:विधानसभा में जयपुर के चार औद्योगिक क्षेत्र का उठा मामला; उद्योग मंत्री बोले- ये काम आसान नहीं

शहरों के बीच चल रहे इंडस्ट्रियल एरिया बाहर शिफ्ट हो:विधानसभा में जयपुर के चार औद्योगिक क्षेत्र का उठा मामला; उद्योग मंत्री बोले- ये काम आसान नहीं

जयपुर : राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को शहरों के बीच संचालित औद्योगिक ईकाइयों को बाहर शिफ्ट करने का मुद्दा गूंजा। मालवीय नगर से विधायक कालीचरण सराफ ने जयपुर के चार इंडस्ट्रियल एरिया को शहर से बाहर करने की मांग रखी। विधायक की इस मांग पर उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा- इन्हें शिफ्ट करना इतना आसान नहीं है। हम सभी औद्योगिक ईकाइयों का परीक्षण करवाकर और वहां मौजूद सभी स्टेक हॉल्डर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए समाधान का प्रयास करेंगे।

विधानसभा में शून्यकाल में पर्ची के माध्यम से सवाल उठाते हुए विधायक ने बताया- साल 1965 में रीको ने जयपुर में 90 साल की लीज पर 22 गोदाम, सुदर्शनपुरा, करतारपुरा और सुदर्शनपुरा विस्तार औद्योगिक क्षेत्र को विकसित किया था। लेकिन अब ये सभी औद्योगिक क्षेत्र जयपुर शहर की घनी आबादी के बीच आ चुके हैं।

उस समय करतापुरा में 28.85 एकड़ जमीन पर 180 इकाइयां लगी थीं। सुदर्शनपुरा में 17.07 एकड़ जमीन पर 95 इकाइयां, सुदर्शनपुरा विस्तार में 14.71 एकड़ जमीन पर 150 इकाइयां और 22 गोदाम में 30 एकड़ जमीन पर 184 इकाइयां लगी थीं।

कच्चा और तैयार माल के ट्रांसपोर्टेशन में परेशानी

विधायक ने बताया- ये औद्योगिक इकाइयां सघन आबादी के बीच आने के कारण कच्चे और तैयार माल के आने-जाने में बहुत समस्या आती है। क्योंकि सुबह 6 से रात 11 बजे तक भारी वाहनों की आवाजाही शहरी सीमा में प्रतिबंधित रहती है।

आगजनी की घटना से ज्यादा नुकसान

विधायक ने बताया- जिस समय ये औद्योगिक इकाइयां बनी थी, उस समय सड़कों की चौड़ाई 30 फीट से भी कम रखी। यहां जब भी आगजनी की घटना होती है। यहां फायर बिग्रेड, एम्बुलेंस के पहुंचने में बहुत समस्याएं होती हैं। इसे देखते हुए अब इन इकाइयां को शहरों से बाहर बसे औद्योगिक क्षेत्रों में शिफ्ट किया जाना जरूरी है।

कॉमर्शियल उपयोग में हो जमीन का कन्वर्जन
विधायक ने इन औद्योगिक क्षेत्रों को शिफ्ट करने के बाद यहां खाली जमीन का कॉमर्शियल कन्वर्जन करने की मांग की। इस पर उद्योग मंत्री ने जवाब देते हुए कहा- इस सबसे बड़ी चुनौती ये है कि जमीन रीको के पास लीज पर आती है। इसके कारण रीको पर भू उपयोग परिवर्तन को लेकर पाबंदी है। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने भी एक प्रकरण में रीको पर भू उपयोग परिवर्तन पर रोक लगाई हुई है।

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