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उत्साह के साथ स्वरोजगार एवं उद्यम स्थापना की दिशा में आगे बढ़ें युवा


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उत्साह के साथ स्वरोजगार एवं उद्यम स्थापना की दिशा में आगे बढ़ें युवा

डॉ भीमराव अम्बेडकर राजस्थान दलित, आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना के लिए में विशेष जागरूकता शिविर में दी उद्योग विभाग की योजनाओं की जानकारी, लाभार्थी उद्यमियों ने साझा किए अनुभव, उद्योग महाप्रबंधक नानुराम गहनोलिया, एलडीएम अमरसिंह व एपीआरओ मनीष कुमार ने किया युवाओं का उत्साहवर्धन

चूरू : जिला कलक्टर पुष्पा सत्यानी के निर्देशानुसार मंगलवार को जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र में डॉ भीमराव अम्बेडकर राजस्थान दलित, आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना के लिए विशेष जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। शिविर के दौरान उद्योग महाप्रबंधक नानुराम गहनोलिया, एलडीएम अमरसिंह व एपीआरओ मनीष कुमार ने युवाओं व स्वारोजगार एवं उद्यम की चाह रखने वाले अभ्यर्थियों का विभागीय योजनाओं की जानकारी देते हुए उत्साहवर्धन किया।

मुख्य अतिथि अग्रणी जिला प्रबन्धक अमरसिंह ने कहा कि युवा आगे बढ़ें और क्षेत्र में औद्योगिक विकास को गति दें। सरकार की मंशा है कि युवा उद्यमियों को प्रोत्साहन मिले तथा वे जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाते हुए स्वरोजगार व उद्यमों की दिशा में आगे बढ़ सकें।

उन्होंने कहा कि आर्थिक सपनों को साकार करने के लिए व्यापार सर्वोत्तम सहारा है। व्यापार व व्यवसाय से व्यक्ति अपनी आय व आर्थिक महत्वाकांक्षाओं को अधिक सक्षम स्तर तक पूरा कर सकता है। उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि विभागीय योजनाओं की जानकारी रखें तथा समुचित दस्तावेजीकरण के साथ उद्यम स्थापना हेतु की जाने औपचारिकताओं को पूरा करें। बैंक युवाओं के लिए अपेक्षित सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए संचालित डॉ भीमराव अम्बेडकर राजस्थान दलित, आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना अनुसूचित जाति, जनजाति समुदाय के उत्थान के लिए मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने उद्यमियों से ऋण लेने व उद्यम विस्तार के संबंध में विस्तृत चर्चा की।

उद्योग महाप्रबंधक नानुराम गहनोलिया ने अतिथियों एवं उद्यमियों का स्वागत करते हुए कहा कि  प्रदेश सरकार की मंशा है कि प्रत्येक युवा सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के सहयोग से अपने सपनों को पंख देकर साकार करे। उद्यम क्षेत्र को बढ़ावा मिले और अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग सहित समस्त वगोर्ं के युवा आगे आएं। उन्होंने कहा कि स्वरोजगार व उद्यम स्थापना से युवा अपने सपनों को साकार कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें विभागीय योजनाओं का समुचित लाभ लेना चाहिए।

उद्योग महाप्रबंधक गहनोलिया ने डॉ भीमराव अम्बेडकर राजस्थान दलित, आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देते हुए विभागीय योजनाओं की जानकारी दी।

एपीआरओ मनीष कुमार ने युवाओं को अपना स्वयं का उद्यम लगाकर स्वयं को नियोजित करते हुए अन्य लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने की बात कही।

जिला उद्योग एवं वाणिज्य अधिकारी दशरथ कुमार सैन ने योजनान्तर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया की जानकारी देते हुए मौके पर 13 आवेदन तैयार करवाए।

सहायक आयुक्त उजाला ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान कृष्ण अग्रवाल, आदुसिंह, विकास, रोहित, महेश, दानवीर, सोनू कुमार, अनूपसिंह, सुरेश मेघवाल, गौतम रसगनिया, शंकरलाल रैगर सहित अन्य उपस्थित रहे।

स्वरोजगार व उद्यम स्थापना में आर्थिक संबल बनी डॉ भीमराव अम्बेडकर राजस्थान दलित, आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना

शिविर के दौरान डॉ भीमराव अंबेडकर दलित, आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजनान्तर्गत लाभान्वित मै. निर्बाण फुटवियर के प्रतिनिधि अमित कुमार निर्बाण तथा संकुल इंटरप्राइजेज की संचालक सीमा देवी ने उपस्थित लोगों को अपने अनुभव से अवगत कराया एवं योजना का लाभ लेकर स्वरोजगार व उद्यम स्थापन हेतु प्रेरित किया।

जिला मुख्यालय पर स्टेशन रोड पर स्थित मै. निर्बाण फुटवियर के अमित कुमार निर्बाण ने बताया कि योजनान्तर्गत लाभ मिलने से उनके परिवार को उद्यम स्थापना में आर्थिक संबल मिला और उनका परिवार व्यवसाय को विस्तृत व समृद्ध कर पाया।

अमित ने बताया कि उनके पिता विनोद कुमार निर्बाण ने योजनान्तर्गत 10 लाख का ऋण लिया। इससे पहले उनकी फुटवियर की छोटी दुकान होती थी। ऋण मिलने से उनको आर्थिक संबल मिला और दुकान व व्यवसाय को बढ़ाने में उनको आसानी हुई। ऋण मिल जाने से कच्चे माल व स्टॉक बढ़ाने में उनको काफी संबल मिला। व्यापार बढ़ जाने से अब वे नियमित रूप से अच्छी आय कमा रहे हैं।

इसी क्रम में जिला मुख्यालय पर ही संकुल इंटरप्राइजेज की संचालक सीमा देवी ने बताया कि डॉ भीमराव अंबेडकर दलित, आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजनान्तर्गत उन्हें 7.5 लाख रुपए का ऋण मिला, जिससे उन्होंने मार्केट में स्वयं की बूटिक शुरू की। उन्होंने बताया कि इससे पहले वे घर पर ही बूटिक का कार्य करती थीं। योजनान्तर्गत ऋण मिलने से मार्केट में बूटिक कर पाए और स्टॉक को बढ़ा पाए। उनको कच्चे माल की आपूर्ति करने में काफी संबल मिला और मशीनरी की उपलब्धता में भी सहयोग मिला। अब बूटिक सुचारू होने से उनकी आय में वृद्धि हुई है और वे अपने उद्यम का विस्तार कर पाई। उन्होंने प्रदेश सरकार का योजना के संचालन के लिए आभार व्यक्त किया।

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