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राजस्थान में रैगिंग के खौफनाक किस्से:सीकर में मिली थी स्टूडेंट की लाश; डूंगरपुर में टॉर्चर से छात्र की किडनी-लीवर डैमेज


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राजस्थान में रैगिंग के खौफनाक किस्से:सीकर में मिली थी स्टूडेंट की लाश; डूंगरपुर में टॉर्चर से छात्र की किडनी-लीवर डैमेज

राजस्थान में रैगिंग के खौफनाक किस्से:सीकर में मिली थी स्टूडेंट की लाश; डूंगरपुर में टॉर्चर से छात्र की किडनी-लीवर डैमेज

रैगिंग के खौफनाक किस्से : हाल ही में डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का मामला सामने आया। जूनियर स्टूडेंट्स से 300-350 से ज्यादा बार उठक-बैठक कराई गई। जो स्टूडेंट्स थक गए थे, उनसे हाथों में पत्थर लेकर एक्सरसाइज कराई। नतीजा ये रहा कि एक छात्र की किडनी-लीवर पर असर हुआ और उसकी 4 बार डायलिसिस करानी पड़ी। रैगिंग का इकलौता केस नहीं है। करीब एक साल पहले सीकर मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में एक स्टूडेंट्स का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था। उस केस में भी परिजनों ने रैगिंग के आरोप लगाए थे। वहीं जोधपुर में एक लड़की रैगिंग से डरकर सुसाइड तक को तैयार हो गई थी।

संडे बिग स्टोरी पढ़िए कि कैसे ‘रैगिंग’ शब्द खौफ की वजह बन जाता है और इसे रोकने के लिए क्या हैं नियम-कानून।

पहले पढ़िए रैगिंग के डरावने किस्से…

केस 1 : पहाड़ी पर बुलाकर 50 स्टूडेंट्स को मुर्गा बनाया

कुछ दिन पहले डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज में 50 से ज्यादा मेडिकल स्टूडेंट्स को सीनियर्स ने रैगिंग के लिए कॉलेज के पास एक पहाड़ी पर बुलाया। पहाड़ी पर बुलाने की वजह थी कि कॉलेज कैंपस में सीसीटीवी लगे हुए हैं। पहाड़ी पर पहुंचने के बाद जूनियर स्टूडेंट्स से 300 से ज्यादा उठक-बैठक कराई, मुर्गा बनाया। जो छात्र थक गए, उनसे हाथों में पत्थर लेकर एक्सरसाइज कराई। इस टॉर्चर की वजह से एक बच्चे की किडनी और लीवर डेमेज हो गया था। पहले डूंगरपुर के हॉस्पिटल में इलाज कराया। फिर गुजरात में लेकर गए। उसकी 4 बार डायलिसिस करानी पड़ी। 4 दूसरे स्टूडेंट्स की भी तबीयत खराब हो गई थी। जिनका भी इलाज चला था। स्टूडेंट 6 दिन तक हॉस्पिटल में एडमिट रहा। डर से कई दिनों तक कॉलेज नहीं गया। 6 जून को पिता के साथ भी कॉलेज गया। तब भी शिकायत नहीं की।

  • कार्रवाई क्या : इसके बाद स्टूडेंट ने 20 जून को प्रिंसिपल और एंटी रैंगिग कमेटी को शिकायत भेजी। कॉलेज प्रिंसिपल ने शिकायत मिलने पर एंटी रैंगिग कमेटी से जांच कराई। जांच के बाद सीनियर स्टूडेंट देवेंद्र मीणा, अंकित यादव, रविंद्र कुलरिया, सुरजीत, विषेंद्र धायल, सिद्धार्थ परिहार, रमन रोगेरा को सस्पेंड कर दिया। सदर थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। अभी एग्जाम चल रहे हैं, इसलिए स्टूडेंट्स के बयान नहीं हो सके। दोषी छात्र फरार हो चुके हैं।
डूंगरपुर में रैगिंग का मामला सामने आने के बाद परिवार के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था।
डूंगरपुर में रैगिंग का मामला सामने आने के बाद परिवार के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था।

केस 2 : इतना टॉर्चर किया कि सुसाइड के बारे में सोचने लगी छात्रा

25 अगस्त 2023 को जोधपुर में 6 सीनियर छात्राओं ने जूनियर छात्रा की हॉस्टल में रैगिंग ली। छात्रा गर्ल्स हॉस्टल में सहेली से किताब लेने गई थी। वहां सीनियर ने उसे ऊपर बुलाकर रैंगिग की। कपड़ों को लेकर कमेंट किए। इतना ज्यादा टॉर्चर किया कि वह सुसाइड का सोचने लगी। रक्षाबंधन पर घर गई तो रैगिंग के डर से वापस कॉलेज जाने को तैयार नहीं हुई। परिजनों ने पूछा तो उसने पूरी बात बताई।

  • कार्रवाई क्या : प्रिंसिपल को मेल पर शिकायत की गई। इसके बाद जांच की कमेटी बनाई गई। स्टूडेंट्स के भी बयान लिए गए थे।

केस 3: सीकर में संदिग्ध परिस्थिति में मिला स्टूडेंट का शव

सीकर के मेडिकल कॉलेज में जुलाई 2023 में एक छात्र हनिमेश का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। परिजनों ने उसकी हत्या के आरोप लगाए। परिजनों का कहना है कि उन्हें हनीमेश के दोस्त ने बताया था कि उसे सीनियर परेशान कर रहे थे। थर्ड ईयर के स्टूडेंट्स ने कमरा नंबर 118 व 119 के पास उसे मुर्गा बनाकर मारपीट की थी। उसकी मेडिकल रिपोर्ट में भी चोट की बात सामने आई।

  • कार्रवाई क्या : पुलिस पहले सुसाइड केस मान रही थी, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद फिर से मामले की जांच की जा रही है। हालांकि पुलिस की जांच रिपोर्ट अभी बाकी है।

केस 4 : रैंगिग के नाम पर छात्र से किया आप्राकृतिक कृत्य

अजमेर की सेंट्रल यूनिवर्सिटी में 4 साल पहले एक चौंकाने वाला मामला सामने आया था। सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों के साथ अप्राकृतिक कृत्य किया। जूनियर छात्र इतने तनाव में आ गए कि कॉलेज आना-जाना बंद कर दिया। बाद में एक छात्र ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत की।

  • कार्रवाई क्या : मामला सामने आने के बाद एंटी रैंगिंग कमेटी ने छात्रों के बयान लिए। कमेटी ने एक स्टूडेंट का नामांकन ही रद्द कर दिया था और दो स्टूडेंट को दो-दो सैमेस्टर के लिए सस्पेंड कर दिया था।

केस 5 : सीनियर छात्रों ने फ्लैट पर बुलाकर रैगिंग ली

RUHS में पिछले साल सितंबर में सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों को फ्लैट पर बुलाकर रैंगिग ली। जूनियर छात्राें ने परेशान होकर यूजीसी को मेल पर शिकायत भेजी। एंटी रैंगिग कमेटी ने छात्रों के बयान लेकर जांच की। इसके बाद 12 छात्रों को 6 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया था। उनके कॉलेज आने-जाने और हॉस्टल में आने पर रोक लगा दी गई। उनके सेंकेंड ईयर की परीक्षा देने पर रोक लगा दी गई।

RUHS में पिछले साल रैगिंग का मामला सामने आने के बाद 12 दोषी स्टूडेंट्स को 6 महीने के लिए सस्पेंड किया था।
RUHS में पिछले साल रैगिंग का मामला सामने आने के बाद 12 दोषी स्टूडेंट्स को 6 महीने के लिए सस्पेंड किया था।

केस 6 : जूनियर स्टूडेंट को मुर्गा बनाकर पीटा

भरतपुर के जगन्नाथ पहाड़िया मेडिकल कॉलेज में 20 जुलाई 2023 को रैगिंग की घटना हुई। सीनियर्स ने रात करीब ढाई बजे जूनियर स्टूडेंट्स को कॉलेज परिसर में बुलाया। वहां जूनियर स्टूडेंट को मुर्गा बनाकर उससे मारपीट की।

  • कार्रवाई क्या : छात्र ने कॉलेज प्रशासन से लेकर एनएमसी को मामले में शिकायत दी थी। हालांकि बाद में दबाव में आकर पीड़ित स्टूडेंट्स ने अपने बयान बदल दिए थे।

केस 7 : पाली में मुर्गा बनाकर रैंगिग, जूनियर को बोले-बाप ही रहेंगे

पाली में 2022 में बागड़ मेडिकल कॉलेज में भी रैंगिंग का मामला सामने आया था। 26 अप्रैल 2022 को 2019 बैच के स्टूडेंट ने 2020 बैच के लिए पार्टी का आयोजन किया। पार्टी में 2018 बैच के सीनियर को नहीं बुलाया। नाराज होकर सीनियर्स ने हंगामा मचा दिया। जूनियर से मारपीट की। जूनियर स्टूडेंट्स ने आरोप लगाए थे कि उन्हें मुर्गा बनाया गया और प्राइवेट पार्ट पर लातें मारी गई। कुछ छात्र बेहोश भी हो गए थे।

  • कार्रवाई क्या : स्टूडेंट्स ने कॉलेज प्रबंधन को शिकायत दी। इसके बाद प्रिंसिपल डाॅ. दीपक वर्मा ने जांच कमेटी के आधार पर 48 स्टूडेंट को निलंबित कर दिया गया था। छात्रों ने निलंबन होने के बाद जूनियर से कहा कि ये कॉलेज हमारा है और हम तुम्हारे बाप हैं। वॉट्सऐप पर भी हैप्पी फादर्स-डे का स्टेटस लगाया गया।

केस 8 : हॉस्टल में नहीं आया स्टूडेंट तो कमरे में जाकर पीटा

भरतपुर के जगन्नाथ पहाड़िया मेडिकल कॉलेज में मेडिकल कॉलेज के सीनियर स्टूडेंट सुरेश बिश्नोई ने फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट को देर रात रैगिंग के लिए हॉस्टल में बुलाया। जूनियर स्टूडेंट को रैगिंग का अंदेशा हो गया था, ऐसे में उसने आने से मना कर दिया। अगले दिन सीनियर स्टूडेंट्स सुरेश बिश्नोई अपने साथी मंगल बिश्नोई व एक अन्य को लेकर स्टूडेंट के रूम में पहुंच गए। जूनियर स्टूडेंट के साथ बुरी तरह मारपीट की और धमकी दी कि किसी को बताया तो कॅरियर खराब कर देंगे।

  • कार्रवाई क्या : जूनियर स्टूडेंट ने कॉलेज प्रशासन को इसकी शिकायत दी। प्रिंसिपल सुभाष बंसल ने एंटी रैंगिंग कमेटी से पूरे मामले की जांच कराई। चारों स्टूडेंट्स को तीन महीने के लिए सस्पेंड किया गया था। 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।

अलग से एक्ट नहीं, लेकिन हर कॉलेज पर बनी है एंटी रैंगिंग कमेटी

राजस्थान यूनिवर्सिटी के चीफ प्रोक्टर प्रोफेसर एचएस पलसानिया ने बताया कि यूजीसी की गाइडलाइन के तहत हर कॉलेज लेवल पर एंटी रैगिंग कमेटी बनाई जाती है। इसके बाद सेंट्रल लेवल पर यूनिवर्सिटी में भी एंटी रैगिंग कमेटी बनाई गई है। जिसमें खुद यूनिवर्सिटी वाइस चांसलर चेयरपर्सन होते हैं। राजस्थान यूनिवर्सिटी में भी हर डिपार्टमेंट लेवल पर कमेटी बनाई गई है। यूनिवर्सिटी के अंडर 7 कॉलेजों में भी कमेटी बनी है। जिसमें डिपार्टमेंट के एसओडी के साथ प्रोफेसर व अन्य मेंबर होते हैं।

कॉलेज लेवल पर अगर सुनवाई नहीं होती है तो एक सेंट्रल कमेटी है। इस कमेटी में प्रोफेसर, मीडिया कर्मी से लेकर हॉस्टल वॉर्डन भी शामिल होते हैं। साथ ही स्टूडेंट्स के परिजनों के अलावा एनजीओ के मेंबर को भी इसमें जोड़ा जाता है। कमेटी में पुलिसकर्मियों को भी शामिल किया जाता है। सेंट्रल लेवल पर कमेटी पीड़ित छात्रों के बयान लेती है। उनके सारे सबूत चेक किए जाते हैं। अन्य छात्रों के भी बयान लिए जाते हैं।

दो महीने पहले रैंगिंग में छात्र को किया गया टर्मिनेट

राजस्थान यूनिवर्सिटी में एचओडी प्रोफेसर श्यामसुंदर अग्रवाल ने बताया कि उनके डिपार्टमेंट में दो महीने पहले एक स्टूडेंट ने रैंगिंग की शिकायत की थी। उसकी यूजीसी के पास भी मेल पर शिकायत हुई। पूरे मामले की जांच कर कमेटी ने दोषी छात्र को टर्मिनेट कर दिया था। उसे बचाने के लिए एक एमएलए ने फोन भी किया था, लेकिन दोषी छात्र की एक्टिविटी काफी खराब थी। इतना ही नहीं उसका एडमिशन चेक किया गया तो वह भी संदेह निकला था। उसके एडमिशन भी फर्जी आईपी एड्रेस के तरीके से कराया गया था। एडमिशन गलत पाए जाने और रैंगिंग पर कार्रवाई करते हुए उसका एडमिशन कैंसिल कर बाहर कर दिया गया।

राजस्थान यूनिवर्सिटी में 3 साल में रैगिंग की 10 शिकायतें

प्रोफेसर एचएस पलसानिया ने बताया कि वह सेंट्रल जांच कमेटी के सचिव हैं। वाइस चांसलर चेयरपर्सन है। पिछले 3 साल में उनके पास 10 रैगिंग की शिकायत रजिस्टर्ड हुई हैं। 2021 में उन्हें 4, 2022 में 3 और 2023 में 3 शिकायतें मिली थी। इन सभी में जांच कमेटी ने जांच कर दोषी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की है। उन्होंने बताया कि कुछ छोटी-मोटी शिकायतें भी आती है लेकिन कई बार वे झूठी पाई जाती है। इनमें आपसी अनबन या फिर पैसों के लेनदेन की बात सामने आती है। ऐसे में वे कोई सबूत नहीं मिलने पर उनका आपस में समझौता करा देते हैं।

कोई नहीं सुन रहा तो यूजीसी की वेबसाइट पर करें शिकायत

अगर आपके साथ कॉलेज में सीनियर्स की ओर से रैगिंग की जा रही है या फिर बार-बार रैगिंग के नाम पर डराया जा रहा है। अगर कॉलेज प्रशासन आपकी बात सुन नहीं रहा है तो यूजीसी की वेबसाइट एंटी रैंगिग डॉट इन पर जाकर शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए वेबसाइट पर जाकर फॉर्म को पूरा भरने के बाद अपनी शिकायत को रजिस्टर कर सकते हैं। शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई इसकी मॉनिटरिंग भी कर सकते हैं।

रैगिंग हुई तो कमेटी की सिफारिश पर क्या मिलेगी सजा?

अगर कोई भी छात्र रैगिंग का दोषी पाया जाता है तो उसे कॉलेज से निष्कासित किया जाता है। उसे एक महीने से लेकर 6 महीने तक सस्पेंड कर सकते हैं। अगर रैंगिग में मामला ज्यादा बढ़ जाता है तो एडमिशन भी रद्द किया जा सकता है। दोषी छात्र को अगर स्कॉलरशिप मिल रही है तो वह भी कैंसिल कर दी जाती है। अन्य कोई लाभ मिल रहे हैं तो वह भी बंद कर दिए जाते हैं।

अब जिला लेवल पर बनेंगी एंटी रैगिंग कमेटी

यूजीसी ने हाल ही में जिला लेवल पर एंटी रैगिंग कमेटी बनाने का आदेश जारी किया है। एंटी रैगिंग कमेटी के प्रमुख जिला कलेक्टर होंगे। कमेटी में एसपी, मीडियाकर्मी, एनजीओ के प्रतिनिधि, स्टूडेंट संगठनों के प्रतिनिधि को शामिल किया जाएगा। इनके अलावा स्थानीय पुलिस, स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी के साथ-साथ संस्थाओं से जुड़े लोग इन घटनाओं पर नजर रखेंगे।

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