पूरे प्रदेश की यूनिवर्सिटी में हुई संविधान पार्क में चूक:राजभवन ने समझने को भेजा प्लान, विश्वविद्यालय ने उसे ही कॉपी कर दिया
पूरे प्रदेश की यूनिवर्सिटी में हुई संविधान पार्क में चूक:राजभवन ने समझने को भेजा प्लान, विश्वविद्यालय ने उसे ही कॉपी कर दिया

जाेधपुर : जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय सहित प्रदेश भर के विश्वविद्यालयों में दो से तीन करोड़ रुपयों की लागत से बने संविधान पार्क व अशोक स्तंभ में खामियों की वजह ‘सामूहिक नकल’ है। खुलासे के बाद में राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रदेश भर के विवि में निर्मित व निर्माणाधीन संविधान पार्क व स्तंभ की जांच कर खामियों को सुधारने के सख्त निर्देश दिए थे। जिसके बाद से सभी जगह आनन-फानन में सुधार की कवायद शुरू हो गई।
प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में अमूमन समान खामियां ही नजर आ रही हैं। इसे लेकर हमारे मीडिया कर्मी ने पड़ताल की ताे सामने आया कि राजभवन ने ही आर्किटेक्ट डिजाइनर के बनाए संविधान पार्क व स्तंभ का 35 पेज के प्लान को एप्रूव करके भेजा था। इसकी सभी विश्वविद्यालयों ने आंखें मूंदकर हूबहू नकल करवा दी, लेकिन नकल में अक्ल नहीं लगाई। इसी कारण बड़ी खामियां रही और संविधान का अपमान हुआ।
हैरत की बात यह है कि अधिकतर विवि में आर्किटेक्ट टीम व कारीगर तक भी नहीं बदले गए। किसी विधि या पॉलिटिकल साइंस के प्रोफेसरों की देखरेख में निर्माण उचित नहीं समझा और निर्माण पूरा हाेने तक जांच भी नहीं करवाई।

राजभवन के 35 पेज के प्लान से हूबहू नकल के कारण सभी यूनिवर्सिटी ने की यही 8 गलतियां
1. कलात्मक अक्षर से असमंजस हुआ, वी और हम शब्द गायब
राजभवन से अप्रूव प्लान में पेज 10 पर संविधान की प्रस्तावना अंग्रेजी व 11 पर हिंदी में पत्थर पर खुदवाने के निर्देश थे। अंग्रेजी के चित्र में कलात्मक रूप से वी और हिन्दी में हम शब्द लिखा था। हूबहू नकल से दाेनाें स्पष्ट नहीं लिखे जा सके।
2. अशोक स्तंभ पर सिंह गर्जना की मुद्रा नहीं
पेज 12 पर अशोक स्तंभ पर गर्जना करते सिंह और सत्यमेव जयते लिखा हुआ था। मगर विश्वविद्यालयों ने सिंह गर्जना करते नहीं दिखे, उनके मुंह बंद है। इसके अलावा सत्यमेव जयते लिखने में भी चूक कर दी गई।
3. फंडामेंटल राइट्स में इक्वालिटी का राइट फ्रीडम से पहले लिखा
राजभवन के प्लान में पेज 14 पर गलती से फंडामेंटल राइट्स के बिन्दु एक व दो बदल गए थे। इक्वालिटी से पहले फ्रीडम का राइट आ गया। विवि ने भी ऐसा ही कर दिया। यहां लिखा निर्देश- टेक्स्ट फॉर फंडामेंटल राइट्स, भी कॉपी कर लिया।
4. राजभवन के प्लान में समझाने के लिए लिखा निर्देश भी जोड़ लिया
पेज 16 पर समझाने के लिहाज से टेक्स्ट ऑफ फंडामेंटल ड्यूटीज लिखा था, जिसे ही विश्वविद्यालयों ने उकेर दिया। पेज 19 से भी टेक्स्ट ऑफ डायरेक्टिव प्रिंसिपल्स ऑफ स्टेट पॉलिसी हूबहू लिख दिया।
5. पार्ट-3 में फंडामेंटल राइट्स को केवल फंडामेंटल लिख भेजा
देश के संविधान के पार्ट-3 का मूल संविधान में फंडामेंटल राइट्स नाम लिखा है। राजभवन के प्लान में पेज 26 पर केवल फंडामेंटल लिखा था, विवि ने भी इसके आगे राइट्स नहीं लिखवाया।
6. पार्ट 5 को दी यूनियन के बजाय केवल दी लिखा, हैडिंग अधूरा
इसी तरह से राजभवन के पेज 27 पर संविधान के पार्ट 5 में दी यूनियन के बजाय केवल दी लिख कर भेजा गया। जिसको भी सभी विवि ने हूबहू कॉपी कर लिया। अधूरे हैडिंग में संशोधन करना तक उचित नहीं समझा।
7. पार्ट 11 में दी स्टेट शब्द नदारद:
राजभवन के प्लान के पेज 30 पर पार्ट 11 पर रिलेशन बिटविन दी यूनियन एंड तक ही लिखा गया। जबकि संविधान में रिलेशन बिटविन दी यूनियन एंड दी स्टेट था। ऐसे में ले आउट प्लान में खामी के कारण स्तंभ पर भी गलत हुई।
8. पार्ट 15 व 19 का हैडिंग नदारद, सभी विवि ने हटा दिया
पेज 32 पर पार्ट 15 में हैडिंग नहीं लिखा गया था, इसके चलते समस्त विवि ने भी हूबहू नकल कर हैडिंग ही नहीं दिया। वहीं पेज 34 पर पार्ट 19 में भी हैडिंग नहीं लिखा तो सभी विवि ने भी बिना हैडिंग के ही तस्वीर उकेर दी।
राजभवन ने कहा – संविधान की मूल प्रति को ध्यान रख बनाने के निर्देश दिए थे
राजभवन से सभी विश्वविद्यालयों को स्पष्ट निर्देश थे कि संविधान पार्क भारतीय संविधान की मूल प्रति को ध्यान में रखकर तैयार करें। संविधान से जुड़ी धाराओं, उद्देशिका, मौलिक अधिकार, कर्तव्य, चित्रों का कलात्मक रूपांकन आदि में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें। राज्यपाल भी विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह व अन्य स्तर पर निरंतर ये अपेक्षा करते रहे। अब कुलपतियों को निर्देश दिए हैं कि विधि व राजनीति विज्ञान के प्राध्यापकों की कमेटी बनाकर संविधान पार्कों की जांच करा लें व त्रुटियों को ठीक करा लें। – राजभवन