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अपनी बदहाली पर आंसू बहाता झुंझुनूं


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झुंझुनूंटॉप न्यूज़देशराजस्थान

अपनी बदहाली पर आंसू बहाता झुंझुनूं

अपनी बदहाली पर आंसू बहाता झुंझुनूं

राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक

झुंझुनूं : शेखावाटी अंचल का जिला मुख्यालय झुंझुनूं जो राजनीतिक दलों के नेताओ के झांसे का शिकार होकर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है । पिछले पांच साल कांग्रेस की सरकार थी व यहां से विधायक बिजेंद्र ओला मंत्री पद की शोभा भी बढ़ा रहे थे । जो झुंझुनूं के हालात हैं उसके लिए विजेन्द्र ओला ही नहीं बल्कि झुंझुनूं की जनता भी दोषी है जो बार बार विजेन्द्र ओला को ही विजयी बनाकर भेजती है । रेलवे फाटक पर बनने वाला ओवर ब्रिज आखिर किसकी मेहरबानी से पूरा नहीं हो पाया है । खेल विश्विद्यालय किसकी मेहरबानी से झुंझुनूं से गायब हो गई। शहीद पार्क किसकी मेहरबानी से बदहाली का शिकार है। झुंझुनूं की प्रसिद्ध हवेलियों को खुर्द-बुर्द करके अवैध निर्माण किसकी मेहरबानी से हो रहे हैं । सेना भर्ती कार्यालय किसकी मेहरबानी से झुंझुनूं से गायब हो गया। उपरोक्त प्रश्न विजेन्द्र ओला से ही झुन्झुनू की जनता पूछ रही है। विदित हो ओला परिवार झुंझुनूं गढ़ रहा है व दिवंगत कद्दावर नेता शीशराम ओला के भी केन्द्रीय मंत्री रहने के बावजूद झुंझुनूं जिला पिछड़ता चला गया और विधायक विजेन्द्र ओला बार बार विकास करने के नाम पर विजयी होते गये। अब विकास तो हुआ है लेकिन आमजनता का नहीं बल्कि ओला परिवार का हुआ है विजेन्द्र ओला सांसद बन गये व अपने पुत्र को विधायक बनाने को आतुर है यह विकास नहीं तो और क्या है ?

उपरोक्त पोस्टमार्टम करना जरूरी हो जाता है इसलिए किया गया । अब यदि कल की घटनाक्रम को देखे जिसको लेकर भाजपा के भावी विधायक बड़े जोर शोर से विकास करने में लगे हैं और फोटो सेशन कर अपने आकाओं को खुश कर रहे हैं । मानसून की पहली बारिश ने प्रशासन के दावों की पोल खोल दी । विदित हो बरसात को दो रोज पहले ही गांधी चौक से पंचदेव मंदिर मार्ग में बनी गंदे पानी की झील के साथ हिन्दी समाचार पात्रो ने प्रमुखता से समाचार प्रकाशित कर जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट किया था । जब बिना बरसात उस मार्ग के हालात बदतर थे तो बरसात में तो इसका अंदाजा लगाया जा सकता है और इसका दृश्य कल गांधी चौक की दुकानों में भरे बरसात के पानी के साथ ही बिजली के पोल में करंट की वजह से एक व्यक्ति ने अपनी जान खो दी । जलभराव व जल बहाव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह व्यक्ति करीब एक किलोमीटर से ज्यादा उस बहाव में बह कर चला गया ।

जिला नगर परिषद व आयुक्त ने बरसात को लेकर क्या इंतजाम किये। आखिर सीवर सिस्टम कहा चला गया? लेकिन विगत पांच महीनों से भाजपा सरकार है और ज्यों ही भाजपा सरकार बनी एक भ्रष्ट अधिकारी को डिजायर करके आयुक्त की कुर्सी पर बैठाया गया। झुंझुनूं पूछता है कि आखिर उस भाजपा नेता का क्या निजी हितों का टकराव था कि उस अधिकारी को झुंझुनूं लाया गया। विदित हो जिला मुख्यालय पर अवैध निर्माण हो रहे हैं । पर्यटन की धरोहर पुरातन हवेलियों को जमींदोज कर अवैध निर्माण किए जा रहे हैं । इसको लेकर कांग्रेस के शासन में भाजपा के एक नेता ने बहुत आरोप प्रत्यारोप लगाए थे पर ज्यों ही भाजपा सरकार आई उनके मुंह से एक शब्द भी नहीं सुना गया । उन भावी विधायको से पूछता है यह बदहाल झुंझुनूं कि आखिर उन्होंने कभी झुंझुनूं की बदहाली को लेकर जिला प्रभारी मंत्री या मुख्यमंत्री को अवगत करवाया, बल्कि अपनी टिकट की दावेदारी को लेकर ही शक्ति प्रदर्शन के साथ बायोडाटा थमाते रहे ।

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