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राजस्थान (सवाईमाधोपुर) : CI फूल मोहम्मद को जीप में जला दिया था जिंदा, DSP समेत 30 को उम्रकैद, जानें 11 साल पहले क्या हुआ था?


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राजस्थान (सवाईमाधोपुर) : CI फूल मोहम्मद को जीप में जला दिया था जिंदा, DSP समेत 30 को उम्रकैद, जानें 11 साल पहले क्या हुआ था?

सीआई को जिंदा जलाए जाने की घटना ने सभी को दहला दिया था। तत्कालीन सरकार ने फूल मोहम्मद को शहीद का दर्जा दिया और मामले की जांच सीबीआई के हवाले कर दी। इस हत्याकांड में सीबीआई ने 89 लोगों को आरोपी बनाया था। जिनमें दो नाबालिग भी शामिल थे।

राजस्थान (सवाईमाधोपुर) : राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले के मानटाउन थाने के सीआई फूल मोहम्मद को भीड़ ने जिंदा जला दिया था। 11 साल बाद अदालत ने इस मामले में बड़ा सुनाया है। कोर्ट ने मामले में तत्कालीन डीएसपी महेंद्र सिंह कालबेलिया सहित 30 लोगों को दोषी माना और सभी को उम्र कैद की सुजा सुनाई है। इससे पहले बीते बुधवार को अदालत ने 49 लोगों को बरी कर दिया था। आइए अब 11 साल पुराने हत्याकांड की दर्दनाक कहानी भी जान लेते हैं…।

11 साल पहले सवाईमाधोपुर में क्या हुआ था?
साल  2011 और दिन 17 मार्च, जिले के मानटाउन थाना इलाके के सूरवाल गांव में लोग प्रदर्शन कर रहे थे। यह विरोध-प्रदर्शन दाखा देवी के हत्यारों की गिरफ्तार और उसके परिजनों को मुआवजे की मांग के लिए किया जा रहा था। अचानक प्रदर्शनकारी दो लोग भड़क गए। बनवारी लाल मीणा और राजेश मीणा पेट्रोल से भरी बोतलें लेकर पानी की टंकी पर चढ़ गए। दोनों मांग पूरी नहीं होने पर आत्मदाह की धमकी देने लगे। काफी देर तक हंगामे के हालात रहे। लोगों ने समझाइश देकर पानी की टंकी पर चढ़े बनवारी को नीचे उतार लिया, लेकिन राजेश ने पेट्रोल छिड़कर खुद पर आग लगा ली। जिसके बाद वह टंकी से नीचे कूद गया।

इससे हालात बिगड़ गए, लोगों की भीड़ ने मौके पर तैनात मानटाउन थाने के अधिकारी फूल मोहम्मद और पुलिसकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया। लोगों की तादात के सामने पुलिसकर्मी कम थे। जान बचाने के लिए पुलिस जवान वहां से भागने लगे। सीआई फूल मोहम्मद ने भी अपनी जीप से भागने की कोशिश की, लेकिन लोगों की भीड़ उनके पीछे लग गई। आगे जाकर भीड़ ने उन्हें घेर लिया और जीप को आग के हवाले कर दिया। जिससे जीप में बैठे फूल मोहम्मद जिंदा जल गए थे।

डीएसपी महेंद्र सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
डीएसपी महेंद्र सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
सरकार ने दिया था शहीद का दर्जा 
सीआई को जिंदा जलाए जाने की घटना ने सभी को दहला दिया था। तत्कालीन सरकार ने फूल मोहम्मद को शहीद का दर्जा दिया और मामले की जांच सीबीआई के हवाले कर दी। इस हत्याकांड में सीबीआई ने 89 लोगों को आरोपी बनाया था। जिनमें दो नाबालिग भी शामिल थे। पांच की मौत भी हो चुकी है। सबसे ज्यादा हैरानी की बात यह है कि मामले में तीन आरोपी अब भी फरार हैं। बीते बुधवार को विशिष्ट न्यायालय, एससी/एसटी प्रकरण सवाई माधोपुर ने इस मामले में सुनवाई की थी। इस दौरान कोर्ट ने हत्याकांड में तत्कालीन डीएसपी महेंद्र सिंह सहित 30 लोगों को दोषी माना है। बाकी अन्य 49 लोगों को बरी कर दिया गया है। शुक्रवार को कोर्ट ने 30 दोषियों को उम्र कैद की सजा दे देगी।

पुलिस  कस्टडी में हत्याकांड के 30 दोषी।
पुलिस कस्टडी में हत्याकांड के 30 दोषी।
इन्हें मिली उम्रकैद
कोर्ट ने डीएसपी महेंद्र सिंह, राधेश्याम पुत्र ब्रजमोहन माली, परमानंद पुत्र रामनिवास, बबलू पुत्र रामनारायण, पृथ्वीराज, रामचरण, चिरंजीलाल, शेर सिंह, हरजी, रमेश मीणा पुत्र प्रहलाद, कालू पुत्र कोरिया, बजरंगा खटीक,मुरारी मीणा, चतुर्भुज मीणा, बनवारी पुत्र जगन्नाथ, रामकरण पुत्र हजारी, हंसराज उर्फ हंसा पुत्र रामकुमार, शंकर माली पुत्र कन्हैया, बनवारी लाल मीणा,धर्मेंद्र मीणा पुत्र सुरेश कुमार मीणा, योगेंद्र नाथ, बृजेश हनुमान पुत्र कन्हैया, रामजीलाल माखन सिंह, रामभरोसी मीणा, मोहन माली, मुकेश माली और श्यामलाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही अलग-अलग धाराओं में जुर्माना भी लगाया गया है।

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